यूपी के इस जिले के लिए अच्छी खबर, यात्रियों को मिलेगा लाभ

उत्तर प्रदेश: अब सिटी इलेक्ट्रिक बस से यात्रा करने वालों को तेज धूप और बारिश में परेशान नहीं होना पड़ेगा. नगर निगम ने शहर के अलग-अलग मार्गों पर चलने वाली इलेक्ट्रिक बसों के स्टॉप पर यात्री शेल्टर बनाने का फैसला किया है, जिससे यात्रियों को मौसम की मार से राहत मिल सके.
गोरखपुर शहर की सड़कों पर दौड़ती सिटी इलेक्ट्रिक बसें अब यात्रियों को केवल पर्यावरण के अनुकूल यात्रा नहीं देंगी, बल्कि उन्हें मौसम की मुश्किलों से भी बचाएंगी. नगर निगम ने यह सुनिश्चित करने की ठानी है कि जब यात्री बस का इंतजार करें, तो उन्हें खुले आसमान के नीचे खड़े रहकर धूप या बारिश झेलनी न पड़े. इस उद्देश्य से, महानगर के विभिन्न इलाकों में कुल 49 स्थानों पर बस शेल्टर बनाए जाने की योजना पर काम शुरू हो चुका है. इनमें से 10 स्थानों पर पहले से ही शेल्टर बन चुके हैं, जबकि बाकी 39 स्थानों पर निर्माण कार्य किया जाएगा, जिसे गैलेंट ग्रुप अपने सहयोग से पूरा करेगा. इन स्थानों की पहचान पहले ही की जा चुकी है, और काम जल्द शुरू होगा. फिलहाल, शहर की सड़कों पर 25 इलेक्ट्रिक बसें दौड़ रही हैं और भविष्य में 25 और बसों को शामिल किया जाएगा. दीर्घकालिक योजना के अनुसार, नगर निगम कुल 100 इलेक्ट्रिक बसें संचालन में लाने की तैयारी में है.
महेसरा डिपो से शुरू होकर ये बसें गोरखनाथ, कचहरी, पैडलेगंज और नौसड़ से होती हुई खजनी तक जाती हैं. इसके अतिरिक्त, खजनी, सिकरीगंज, मोतीराम अड्डा और नौका विहार जैसे रूटों पर भी ये बसें लगातार सेवाएं दे रही हैं. हालांकि, अब तक इन मार्गों पर यात्री सुविधाओं की कमी साफ देखी गई है. हजारों की संख्या में लोग रोजाना इन बसों का उपयोग करते हैं, लेकिन स्टॉप पर छाया या वर्षा से बचाव का कोई उचित प्रबंध नहीं था. यात्री खुले में खड़े होकर बसों का इंतजार करते थे, जिससे न केवल असुविधा होती थी, बल्कि कभी-कभी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ भी सामने आती थीं. इसी आवश्यकता को देखते हुए, नगर निगम ने एक समग्र योजना बनाई है, जिसके अंतर्गत इन 49 स्थानों पर बस शेल्टर बनाए जाएंगे. सिटी बस सेवा से जुड़े अधिकारियों ने गैलेंट समूह के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर कई स्थानों का स्थलीय निरीक्षण भी कर लिया है.
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नगर निगम द्वारा चिह्नित प्रमुख स्थानों में शामिल हैं:
गोरखनाथ अस्पताल, तरंग कासिंग, यातायात तिराहा, दाउदपुर, रुस्तमपुर, ट्रांसपोर्ट नगर, नौसड़, खजनी मोड़, मोहद्दीपुर चौराहा, कूड़ाघाट, असुरन, रेलवे म्यूनियम, केंद्रीय विद्यालय, एयरपोर्ट, महावीर छपरा, कौड़ीराम, आइटीएम गीडा, बोक्टा चौराहा, सहजनवां, खजांची चौराहा, मेडिकल कालेज, भटहट बाजार, इंदिरा बाल विहार, आंबेडकर चौक, कचहरी बस स्टेशन, देवरिया बाईपास, मोतीराम अड्डा, पादरी बाजार, जंगल धूसड़, पिपराइच, खजनी, हरनही बाजार, गोरखपुर विकास प्राधिकरण, भगत चौराहा, चिड़ियाघर, सुयश इंजीनियरिंग कॉलेज और मिर्जापुर.
इन 10 स्थानों पर पहले से ही शेल्टर बन चुके हैं:
महुआतार, बरगदवा तिराहा, धर्मशाला, काली मंदिर, एम्स गेट, एयरपोर्ट रोड नंदा नगर, मेडिकल कॉलेज, शास्त्री चौक, पैडलेगंज और मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के पास.
वहीं कुछ रूट्स पर, जैसे रुस्तमपुर-नौसड़ रोड, पर फिलहाल शेल्टर के स्थान का चयन लंबित है. सिटी बस सेवा के वरिष्ठ स्टेशन प्रभारी किशन जायसवाल के अनुसार, रुस्तमपुर, ट्रांसपोर्ट नगर और दाउदपुर रूट्स पर सड़क व ओवरब्रिज निर्माण कार्य जारी है. जैसे ही ये काम पूर्ण होंगे, वहां शेल्टर बनाने के लिए उपयुक्त जगह तय कर ली जाएगी. इसके अलावा, कैंपियरगंज, सिकरीगंज और नौका विहार जैसे रूट्स पर भी भविष्य में बस स्टॉप शेल्टर निर्माण की योजना है, जिसके लिए स्थल चयन बाद में किया जाएगा. इस पूरी योजना का उद्देश्य न केवल यात्रियों को सुविधा देना है, बल्कि गोरखपुर जैसे उभरते शहर की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को बेहतर बनाना है.