यूपी के इस रेलवे स्टेशन ने तोड़ा रिकॉर्ड, एक दिन में किया इतने करोड़ की कमाई
गोरखपुर जंक्शन वित्त वर्ष 2024-25 में चल रहे टिकट चेकिंग अभियान के रूप में 20 लाख टिकट बिके हैं। टिकट.चेकिंग अभियान के अलावा पूरे वित्तीय वर्ष में डिवीजन के लगातार प्रयासों ने डिवीजन के वित्तीय लक्ष्यों में महत्वपूर्ण योगदान दिया। फेस्टीव सीेजन पर ट्रेनों में अच्छी भीड़ रही। इसके चलते कई ट्रेनों में तो पैर रखने तक की जगह ही नहीं मिली।
एक ही दिन में जनरल टिकट से कमाए
यात्रियों की भीड़ ने तोड़े रिकॉर्ड
जनरल टिकट के यात्रियों की सुविधा के लिए गोरखपुर सहित प्रमुख स्टेशनों से चलने वाली 32 जोड़ी ट्रेनों में साधारण श्रेणी के 75 कोच लगाए गए हैं। आने वाले दिनों में सामान्य द्वितीय श्रेणी के कोचों की संख्या और बढ़ाई जाएगी। पिछले मंगलवार को भी एक करोड़ दस लाख के टिकट बिके थे। इसके पहले 14 जून, 2015 को एक करोड़ छह लाख रुपये के टिकट बिके थे। गोरखपुर जंक्शन पर प्रतिदिन लगभग एक लाख यात्री आवागमन करते हैं। इस रूट से होकर रोजाना करीब 200 ट्रेनें चलती हैं। दरअसल, जनरल टिकटों की बिक्री में बढोत्तरी ने रेलवे स्टेशन की कमाई बढ़ा दी है। लंबी दूरी की ट्रेनों में जनरल कोच बढ़ाए जाने के साथ गोरखपुर से मुंबई के बीच जनरल कोचों वाली दो अंत्योदय ट्रेनें भी चलने लगी हैं। 22922 नंबर की अंत्योदय मंगलवार को सुबह 03ः25 बजे बांद्रा के लिए तथा 12597 नंबर की अंत्योदय सुबह 08ः30 बजे छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस के लिए रवाना होती हैं।
ऐसे बिके जनरल टिकट
गोरखपुर के स्टेशन डायरेक्टर जय प्रकाश सिंह बताते हैं कि गोरखपुर जंक्शन को एनएसजी- 1 (नान सबअर्बन ग्रेड- 1) केटेगरी मिला है। विश्व का दूसरे सबसे लंबा प्लेटफार्म (1333.66 मीटर) वाला गोरखपुर जंक्शन अगले पांच वर्ष के लिए भारतीय रेलवे स्थित देशभर के 28 प्रथम श्रेणी वाले स्टेशनों में शामिल हो गया है। स्टेशन पर यात्री सुविधाएं लगातार बढ़ाई जा रही हैं। यात्रियों की सुविधा के लिए प्लेटफार्म नंबर एक पर भी जनरल काउंटर और आटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन लगा दी गई हैं। ऐसे में यात्री जनरल कोचों में यात्रा कर रहे हैं। मुंबई और दिल्ली के लिए जनरल यात्रियों के लिए जनरल कोचों की मांग बढ़ती ही जा रही है। कोविडकाल में लंबी दूरी की एक्सप्रेस ट्रेनों से जनरल कोचों की संख्या कम कर दी गई थी। इसके चलते जनरल टिकट के यात्रियों की परेशानी बढ़ गई। इन दोनों ट्रेनों के पकड़ने के लिए पूर्वांचल ही नहीं बिहार के हजारों यात्री भी गोरखपुर पहुंचते हैं। त्योहार और लग्न के बाद पूर्वांचल और बिहार के कामगार वापस मुंबई जाने लगे हैं। लोगों को आरक्षित टिकट नहीं मिल रहा। वेटिंग टिकटों की बिक्री भी बंद हो गई है।