यूपी के इस चीनी मिल की होगी नीलामी, जाने पूरी खबर

यूपी के इस चीनी मिल की होगी नीलामी, जाने पूरी खबर
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उत्तर प्रदेश में स्थित कुशीनगर में बकाया दारो का आक्रोश फूट रहा है। भारत देश में अन्नदाता का दर्जा किसानों दिया गया है। जब इन किसानों के ऊपर जुर्म बरसाता है तब सरकार फैसला लेती है। 

किसानों के ऊपर आसमानी आफत

इस मिल का 77 करोड़ रुपए बाकाया हैं। इन बेशहारो किसानों का बकाया दिलाने के लिए तहसील प्रशासन ने कप्तानगंज चीनी मिल की बसहिया उर्फ कप्तानगंज तथा दुबौली में स्थित तीन जमीनों को नीलाम करने का फैसला लिया है। एसडीएम ने नीलामी की तिथि 24 जनवरी तय करते हुए अधिसूचना जारी कर दी है। प्रशासन के मुताबिक मिल ने वादा करने के बाद भी बकाया 77 करोड़ का भुगतान नहीं किया। तीन साल पहले प्रशासन के दबाव बनाने पर प्रबंधन ने मिल में ताला लगा दिया था। चीनी मिल से इलाके के करीब 10,000 से अधिक गन्ना किसान जुड़े थे। इस मिल से कई घरों के परिवार के लिए संजीवनी का काम कर रहा था। इन किसानों के ऊपर आसमानी आपात गंभीर रूप से बड़ा रूप ले चुका है। मिल में कार्य करने वाले कामगारों की संख्या 1000 से अधिक है। पेराई सत्र 2022-23, 2023-24 और मौजूदा सत्र 2024-25 में भी मिल बंद है। इससे कस्बा और आसपास क्षेत्र की आर्थिक रूप से कमर टूट गई है। मिल के बंद होने से इलाके की कमर टूट चुकी है। 

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बकाया दर बढा, घरों में दहशत

कुशीनगर का चीनी मिल बंद होने से छोटे-मोटे चौक-चौराहों की भी रौनक खत्म हो गई है। अब किसानों को लग रहा है रोजगार की सीमा समाप्त हो चुकी है। इस जगह पर कई घरों में चिंता का विषय बन चुका है। पैसे के अभाव में लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। चीनी मिल से जुड़े छोटे-मोटे कारीगर, कल पुर्जे के दुकानदार सहित चीनी मिल में काम करने वाले मजदूरों की स्थिति बेसहारों जैसी हो गई है। तहसील प्रशासन ने किसानों का बकाया भुगतान करने के लिए मिल प्रबंधन को दर्जनों बार चेतावनी नोटिस आदि दिया। इस पर मिल ने कुछ भुगतान भी किया लेकिन 77 करोड़ रु अभी भी बकाया बताया जा रहा है। जानकारों के मुताबिक चीनी मिल की जमीन के रूप में अचल संपत्ति अगर नीलाम हो जाएगी तो मिल के पास केवल लोहा ही कप्तानगंज में शेष बचेगा। दूसरी तरफ चीनी मिल प्रबंधन हर हाल में मिल चलान की जुगत में लगा है।

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