यूपी के कई जिलों को जोड़ेगा ये हाईवे, जल्द शुरू होगा भूमि अधिग्रहण
उत्तर प्रदेश में स्थित आजमगढ़, गोरखपुर और जौनपुर जैसे विभिन्न शहरों को प्रयागराज से मिलाने वाले मार्ग पर मुंगराबादशाहपुर में ट्रैफिक की दिक्कत से छुटकारा पाने के लिए प्रस्तावित बाईपास अब फोर लेन के बजाय टू-लेन के रूप में विकसित किया जाएगा। स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि ज़मीन अधिग्रहण और टेंडर विधि को जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। इस निर्णय का उद्देश्य क्षेत्र में यातायात को सुगम बनाना है, ताकि यात्रियों को जाम की समस्या का सामना न करना पड़े। टू-लेन बाईपास के निर्माण से न केवल यात्रा के समय में कमी आएगी, बल्कि इससे स्थानीय लोगों को भी लाभ होगा। अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि इस परियोजना पर तेजी से काम किया जाएगा, ताकि जल्द से जल्द इसका लाभ जनता को मिल सके।
इस निर्माण कार्य से क्षेत्र में यातायात की सुविधा में सुधार होने की उम्मीद है, जिससे स्थानीय निवासियों और तीर्थयात्रियों को लाभ मिलेगा। महाकुंभ के आयोजन के मद्देनजर, यह परियोजना समय पर पूरी होने की आवश्यकता है ताकि श्रद्धालुओं को कोई कठिनाई न हो। प्रशासन ने इस कार्य को प्राथमिकता देते हुए सभी आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया है।
एक नई रिपोर्ट के अनुसार, 85 किलोमीटर लंबे इस बाईपास मार्ग के निर्माण के लिए 850 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई थी। हालाँकि, अब इस बाईपास को फोरलेन के बजाय टू-लेन बनाने का फैसला लिया गया है। इसके साथ ही, इस मार्ग की लंबाई को भी 8.3 किलोमीटर से घटाकर 5.1 किलोमीटर किया गया है। यह बदलाव इसलिए किया गया है क्योंकि पांडेयपुर से कोदहूं तक 3.2 किलोमीटर की सड़क पहले से ही तैयार है।
इस निर्णय से स्थानीय लोगों में मिश्रित प्रतिक्रियाएँ देखने को मिल रही हैं। कुछ का मानना है कि टू-लेन से यातायात में सुगमता होगी, जबकि अन्य इसे विकास के लिए एक बाधा मानते हैं। इस बाईपास का उद्देश्य क्षेत्र में यातायात को बेहतर बनाना और यात्रा के समय को कम करना है। अब देखना यह है कि यह नया निर्णय स्थानीय विकास पर कितना सकारात्मक प्रभाव डालता है।
कोदहूं से गौरैयाडीह और इटहरा तक एक नया बाईपास निर्मित किया जाएगा। इस परियोजना के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा रही है और जल्द ही टेंडर प्रक्रिया को पूर्ण किया जाएगा। इसके पश्चात, निर्माण कार्य और मुआवजे का भुगतान एक साथ किया जाएगा। यह भी कहा जा रहा है कि महाकुंभ से पूर्व ही इस बाईपास को निर्मित करने का कार्य शुरू हो जाएगा। इस बाईपास के बनने से क्षेत्र में यातायात की सुविधा में सुधार होगा और लोगों को बेहतर यात्रा अनुभव प्राप्त होगा।
मुंगराबादशाहपुर रेलवे क्रॉसिंग पर लगने वाले गंभीर ट्रैफिक की समस्या को ध्यान में रखते हुए, बाईपास निर्माण की योजना की घोषणा 2017 में समाजवादी पार्टी की सरकार के समय की गई थी। उस समय के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्य राजमार्ग प्राधिकरण को इस निर्माण कार्य की जिम्मेदारी सौंपी थी। चुनाव आचार संहिता लागू होने से एक दिन पूर्व, संबंधित अधिकारियों ने बाईपास के निर्माण के लिए भूमि पूजन का आयोजन किया था। हालांकि, चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण इस कार्य की प्रगति रुक गई थी।
इस बाईपास के निर्माण से मुंगराबादशाहपुर क्षेत्र में यातायात की समस्या को काफी हद तक हल करने की उम्मीद है। स्थानीय निवासियों को इस बाईपास के बनने का बेसब्री से इंतज़ार है, जिससे उन्हें जाम की समस्या से राहत मिलेगी और यात्रा में सुविधा होगी। सरकार ने इस परियोजना को प्राथमिकता देने का आश्वासन दिया है, ताकि जल्द से जल्द कार्य शुरू किया जा सके।
चुनाव के परिणामों के पश्चात सत्ता में बदलाव हुआ और भाजपा सरकार ने अपनी जगह बना ली। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को राज्य राजमार्ग प्राधिकरण से राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को सौंपने का आदेश दिया है। इसके तहत, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने सर्वेक्षण पूरा कर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की है।
अब, वर्ष 2024 में केंद्र सरकार ने अंदावां प्रयागराज से पकड़ी जौनपुर तक 85 किलोमीटर लंबे मार्ग के निर्माण की घोषणा की है। इस परियोजना में बाईपास निर्माण को भी सम्मिलित किया गया है, जिससे क्षेत्र में यातायात की सुगमता बढ़ेगी और यात्रा का समय कम होगा
निर्माण कार्य की देखरेख कर रहे साइट इंजीनियर रजनीश यादव ने जानकारी दी है कि "अब बाईपास को टू-लेन के रूप में विकसित किया जाएगा। इस बाईपास की कुल लंबाई 5.1 किलोमीटर निर्धारित की गई है। सड़क निर्माण के दौरान बिजली के खंभे और अन्य अवरोधों को हटाने और व्यवस्थित करने के लिए आवश्यक खर्च का विवरण बिजली विभाग और अन्य संबंधित विभागों से मांगा गया है। प्रयागराज में महाकुंभ के आयोजन से पूर्व इस बाईपास के निर्माण का कार्य प्रारंभ किया जाएगा। इसके लिए सभी आवश्यक औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं, ताकि समय पर कार्य को शुरू किया जा सके। इस परियोजना के सफल कार्यान्वयन से यातायात की सुगमता में सुधार होगा और क्षेत्र में विकास की नई संभावनाएं खुलेंगी। स्थानीय निवासियों को भी इससे लाभ मिलने की उम्मीद है।"