यूपी में आठ माह तक रहेगा मार्ग परिवर्तन, रेलवे क्रॉसिंग पर बनेगा ओवरब्रिज
रेलवे स्टेशन मार्ग पर बन रहे ओवरब्रिज की साइड लेन लगातार जलभराव से हुए कीचड़ के कारण दलदल में बदल गई है
मैनपुरी के बेवर से पीलीभीत तक चल रहे राष्ट्रीय राजमार्ग चौड़ीकरण कार्य के तहत कटरा और खुदागंज के बीच कसरक रेलवे क्रॉसिंग पर ओवरब्रिज के निर्माण को मंजूरी मिल गई है। रेलवे क्रॉसिंग बंद होने पर प्रशासन ने रूट डायवर्जन का प्लान बनाया है।
कीचड़ से बना दलदल
इसके बाद 2020 में जमीन का अधिग्रहण शुरू हुआ जो काफी धीमी गति से चला। आरओबी यानी रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण जुलाई 2024 में ही पूरा हो जाना चाहिए था लेकिन विलंब होता चला गया। रेलवे की अनुमति नहीं मिलने की वजह से दो वर्ष से आरओबी का काम रुका हुआ था। रेलवे ने संबंधित एजेंसी को आरओबी बनाने की अनुमति दे दी है। ओवरब्रिज के निर्माण में करीब आठ महीने का समय लग सकता है। रेलवे क्रॉसिंग बंद होने से अकबरपुर, अकबरी, फुलवा, हसनापुर, गाजीपुर, पच्चड़, कमालपुर उर्फ बख्तावरगंज, सैंदूपुर, अलियापुर, भुड़िया, कटैया, भौना, कपूरनगला, पिपरी, कपूरापुर, लिधौआ, भोजपुर, कसरक व शाहपुर खितौआ गांव के लोगों का आवागमन प्रभावित होगा। इन गांवों से कटरा और शाहजहांपुर की तरफ आने के लिए कसरक क्रॉसिंग के पास से रेलवे स्टेशन होते हुए कटरा लखनऊ-दिल्ली नेशनल हाईवे पर वाहन पहुंचेंगे। बरेली की ओर जाने के लिए लिए ग्राम कसरक से हुलासनगरा होते हुए वाहनों को निकाला जाएगा।
आठ माह तक रहेगा मार्ग परिवर्तन
रेलवे स्टेशन मार्ग पर बन रहे ओवरब्रिज की साइड लेन लगातार जलभराव से हुए कीचड़ के कारण दलदल में बदल गई है। यहां पैदल चलना भी कठिन है। लोगों का आवागमन कम होने से दुकानदारी भी चौपट हो रही है। पुल के पिलर बनाने के लिए जगह-जगह सड़क पर गहरी खोदाई कर निकाली गई मिट्टी वहीं ढेर कर दी गई। इससे नालियां बंद हो गईं और गंदा पानी साइड लेन के बाकी हिस्से में भरने लगा। इस बीच रेलवे ने सड़क के ऊपर से निकले हाई वोल्टेज लाइन के तार नहीं हटाए।
इससे ओवरब्रिज का निर्माण कार्य रोक दिया गया। रेलवे क्रॉसिंग बंद होने से अकबरपुर, अकबरी, फुलवा, हसनापुर, गाजीपुर, पच्चड़, कमालपुर उर्फ बख्तावरगंज, सैंदूपुर, अलियापुर, भुड़िया, कटैया, भौना, कपूरनगला, पिपरी, कपूरापुर, लिधौआ, भोजपुर, कसरक व शाहपुर खितौआ गांव के लोगों का आवागमन प्रभावित होगा। इस दौरान करीब आठ माह तक रेलवे क्रॉसिंग बंद रहेगी। लोगों को लगभग पांच किमी का चक्कर लगाना पड़ेगा। वर्ष 2022 में निर्माण कार्य शुरू हो पाया। आरओबी यानी रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण जुलाई 2024 में ही पूरा हो जाना चाहिए था, लेकिन विलंब होता चला गया। रेलवे की अनुमति नहीं मिलने की वजह से दो वर्ष से आरओबी का काम रुका हुआ था।
रेलवे ने संबंधित एजेंसी को आरओबी बनाने की अनुमति दे दी है। ओवरब्रिज के निर्माण में करीब आठ महीने का समय लग सकता है। हाईवे का निर्माण कार्य सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (मोर्थ) की ओर से कराया जा रहा है। मीरानपुर कटरा से खुदागंज के बीच हाईवे के चौड़ीकरण के कार्य के लिए सरकार की ओर से 2018 में मंजूरी मिली थी। पहले वन विभाग की तरफ से पेड़ हटाने में काफी समय लग गया। इसके बाद 2020 में जमीन का अधिग्रहण शुरू हुआ जो काफी धीमी गति से चला।