यूपी के इन तीन प्रमुख जिलों से गुजर रहा यह Expressway, 32,000 करोड़ रुपए में तैयार होगा यह Expressway
यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे भारत-नेपाल सीमा के समानांतर विकसित किया जाएगा
उत्तर प्रदेश में स्थित गोरखपुर से पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी तक एक नया एक्सप्रेसवे बनाने की योजना की घोषणा की गई है। यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे भारत-नेपाल सीमा के समानांतर विकसित किया जाएगा। इस नए मार्ग के निर्माण से गोरखपुर और सिलीगुड़ी के मध्य की दूरी केवल 519 किलोमीटर रह जाएगी, जो यात्रा को और भी सुगम बनाएगा। गोरखपुर-सिलीगुड़ी ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का लाभ गोरखपुर, देवरिया और कुशीनगर के लाखों निवासियों को होगा। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से गोरखपुर से सिलीगुड़ी जाने में केवल 9 घंटे का समय लगेगा।
इस परियोजना की शुरुआत प्रस्तावित रिंग रोड के जगदीशपुर से होगी। इसके बाद, यह एक्सप्रेसवे सदर तहसील के 21 से 25 गांवों के माध्यम से होते हुए बिहार के गोपालगंज जिले तक पहुंचेगा। गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे पर 25 स्थानों पर इंटरचेंज का निर्माण किया जाएगा, जिससे राज्य राजमार्ग, राष्ट्रीय राजमार्ग और अन्य प्रमुख सड़कों को जोड़ा जाएगा। इस प्रयास का मुख्य उद्देश्य लोगों के आवागमन को सुविधाजनक बनाना है, ताकि यात्रा करना आसान और तेज हो सके।
जानकारी के अनुसार, एक्सप्रेसवे पूरी तरह से ग्रीनफील्ड होगा, जिसका मतलब है कि इसका निर्माण ऐसे स्थानों पर किया जाएगा जो जनसंख्या केंद्रों से दूर हैं। यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से शुरू होकर, देवरिया, कुशीनगर होते हुए बिहार के गोपालगंज, सीवान, छपरा, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, सहरसा, पूर्णिया और किशनगंज के रास्ते पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी तक पहुंचेगा।
भारत माला योजना के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जाएगा, जो जिले में आर्थिक गलियारे और इंटर कॉरिडोर के साथ-साथ चौड़ी चारलेन सड़क को विकसित करेगा। यह गोरखपुर से सिलिगुड़ी तक फैला हुआ ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे 6 लेन का होगा, जिससे यात्रा की गति और सुरक्षा में सुधार होगा। इस परियोजना के लिए 29,000 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है।
गोरखपुर ज़िले में एक नया एक्सप्रेसवे निर्माणाधीन है, जो 2,800 गांवों को एक-दूसरे से जोड़ने का कार्य करेगा। यह एक्सप्रेसवे गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा। इस परियोजना के तहत जगदीशपुर-कोनी से जैतपुर तक एक एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा, पडरौना शहर के बाहरी हिस्से में दोनों ओर रिंग रोड का निर्माण भी किया जाएगा। इस महत्वपूर्ण विकास कार्य के लिए सरकार ने सौ करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है। पडरौना कसया रोड पर सरस्वती चौक के नजदीक से लेकर मिश्रौली और दूसरी दिशा में सिधुआ रेलवे क्रॉसिंग तक दोनों रिंग रोड का निर्माण किया जाएगा। इन रिंग रोड की कुल लंबाई 9.500 किलोमीटर होगी।
यहां आवश्यकतानुसार एक फ्लाईओवर का निर्माण किया जाएगा, जिससे रेलवे क्रॉसिंग पर उत्पन्न होने वाली समस्याओं का समाधान किया जा सकेगा। इसके अलावा, शहर के बाहरी हिस्से में दो रिंग रोड का निर्माण भी प्रस्तावित है। इन रिंग रोड के बनने से बाहरी वाहनों को शहर में प्रवेश करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, जिससे स्थानीय निवासियों को जाम से राहत मिलेगी।
इस परियोजना के तहत, दोनों रिंग रोड के निर्माण से पडरौना शहर को ट्रैफिक से पूरी तरह मुक्ति मिलने की उम्मीद है। इस पूरे निर्माण कार्य पर लगभग 100 करोड़ रुपये का बजट खर्च होने का अनुमान है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना की जिम्मेदारी संभाली है और एनएचएआई द्वारा रोड मैप भी तैयार कर लिया गया है।