यूपी के इस जिले का 56 करोड़ रुपए से होगा विकास, मिलेंगी यह सुविधाएं
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जिले में विभिन्न विभागों द्वारा किए जाने वाले विकास कार्यों के लिए जिला योजना के माध्यम से दी जाने वाली धनराशि के लिए विभाग इंतजार करते रहे, लेकिन एक धेला भी नहीं मिला। बहुत से विभाग तो ऐसे भी रहे, जिन्हें स्वीकृत धनराशि से बहुत कम पैसा मिला। नए वित्त वर्ष के लिए फिर से जिला योजना की बैठक की तैयारियां शुरू हो गई हैं। ऐसे में विभागों को कुछ मिल सकता है, इसकी उम्मीद भी धूमिल है।
56 करोड़ से होगा जिले का विकास
क्रियान्वित विकास परियोजनाओं की ली समीक्षा बैठक
सदर विधायक ने झंझरी-तरबगंज मार्ग का नाम पूर्व विधायक भैया राघव राम पांडेय के नाम पर करने का प्रस्ताव रखा, जिसे मंजूरी दे दी गई। बैठक में जिला पंचायत सदस्य महेंद्र सिंह, रवींद्र पांडेय, विवेक सिंह, सांसद प्रतिनिधि संजीव सिंह, सीपी सिंह, मनोज शुक्ल, अमरीश दत्त सिंह, निर्मला पांडेय सहित अन्य मौजूद रहे। संचालन अपर मुख्य अधिकारी पुनीत वर्मा ने किया। जिला पंचायत सभागार में शुक्रवार को आयोजित बैठक की अध्यक्षता जिला पंचायत अध्यक्ष घनश्याम मिश्र ने की। उन्होंने कहा, जिले का समग्र विकास किया जाएगा। कैसरगंज सांसद करण भूषण सिंह, एमएलसी अवधेश कुमार सिंह उर्फ मंजू सिंह, सदर विधायक प्रतीक भूषण सिंह, कटरा बाजार विधायक बावन सिंह व करनैलगंज विधायक अजय सिंह ने विकास योजनाओं पर प्रकाश डाला। ग्रामीण क्षेत्रों में व्यवसायिक भवनों के मानचित्र शुल्क की दर 25 रुपये से बढ़कर 50 रुपये प्रतिवर्ग मीटर किए जाने पर सहमति जताई गई। इसके अलावा जिला पंचायत की 2024-25 की एक करोड़ दो लाख रुपये की कर प्रस्तावना सूची को पारित किया गया। ग्रामीण इलाकों में निर्माण कार्यों के लिए ठेकेदारों के लाइसेंस शुल्क की दर में वृद्धि का प्रस्ताव एवं मार्गों के किनारे साइन बोर्ड, विज्ञापन पट्ट को मंजूरी दी गई। हर सदस्य को एक-एक स्ट्रीट लाइट देने का निर्णय लिया गया। बैठक में मनरेगा पर दो अरब 89 करोड़ 80 लाख रुपये की धनराशि व्यय करने व 65 लाख 77 हजार मानव दिवस सृजित करने के लिए बजट पास किया गया। इसके साथ ही जिला पंचायत की 56 करोड़ रुपये की कार्ययोजना को मंजूरी दी गई। बैठक में क्षेत्र में सफाई व्यवस्था की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रदेश की आर्थिक उन्नति का प्रमुख आधार है। ऐसे में शहर को स्वच्छ व सुंदर बनाना हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है। समस्या के निदान के लिए कहा कि सरकार ने कौशल रोजगार निगम लिमिटेड के माध्यम से संबंधित निकाय क्षेत्र आवश्यकता अनुसार सफाई कर्मचारी रख सकते हैं। बैठक में क्षेत्र में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन पर भी सार्थक चर्चा की गईं।