यूपी में शिक्षामित्रों-अनुदेशकों की डबल होगी सैलरी! योगी सरकार बना रही प्लान?
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उत्तर प्रदेश सरकार शिक्षामित्रों और अनुदेशकों के वेतन में बढ़ोतरी की तैयारी कर रही है। इस फैसले से राज्य के 1.43 लाख शिक्षामित्र और 22,223 अनुदेशकों को लाभ मिलेगा। प्रस्ताव को मंजूरी के लिए कैबिनेट में भेजा जाएगा, जिससे वेतन ₹22,000 तक बढ़ सकता है और तीन वर्षों पर वेतन वृद्धि भी मिलेगी।
शिक्षामित्रों और अनुदेशकों के मानदेय में वृद्धि
योगी सरकार का बड़ा कदम
वर्तमान में शिक्षामित्रों को प्रति माह ₹10.000 का मानदेय मिलता है, जबकि अनुदेशकों को ₹9.000 प्रति माह दिया जाता है। सरकार के नए प्रस्ताव के अनुसार शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाकर ₹17.000 से ₹20.000 प्रति माह किया जाएगाख् जबकि अनुदेशकों का मानदेय ₹22ए000 प्रति माह तक हो सकता है। बता दें कि योगी सरकार ने बीते 20 फरवरी को ही आउसोर्स और संविदाकर्मियों के मानदेय में इजाफा किया था. इसे 16 हजार से बढ़ाकर 20 हजार किया गया था. इसी के बाद शिक्षामित्रों के मानदेय को बढ़ाने की योजना पर विचार किया जा रहा है. खबरों की मानें तो राज्य सरकार ने दूसरे राज्यों में शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को मिलने वाली सुविधाओं का अध्ययन कराया है.इसी के आधार पर सुविधाएं देने पर विचार किया जा रहा है. हालांकि इस पर अंतिम फैसला कैबिनेट की मुहर लगने के बाद ही हो पाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो शिक्षामित्र-अनुदेशकों को दूसरे राज्यों की तरह तीन साल पर वेतनवृद्धि की सुविधा सरकार देने पर विचार कर रही है. कैबिनेट बैठक में अगर इस प्रस्ताव को हरी झंडी दिखाई जाती है तो शिक्षामित्र-अनुदेशकों का मानदेय दोगुना से ज्यादा बढ़ जाएगा. यही नहीं हर तीन साल पर मानदेय में इजाफा भी होगा. अभी यूपी के शिक्षामित्रों को 10 हजार और अनुदेशकों को 9 हजार रुपये मिलते हैं. वित्त विभाग के अधिकारी ने बताया कि अन्य राज्यों में शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को मिल रही सुविधाओं के अनुसार ही प्रदेश में भी आर्थिक और सामाजिक स्तिथियों को ध्यान मार्खे हुए अनुकूल निर्णय लिया जा रहा है, बता दें कि कई राज्यों में दो से तीन वर्षों में वेतन वृद्धि की सुविधा दी जा रही है, अगर सरकार इस प्रस्ताव को कैबिनेट से पास करती है तो उत्तर प्रदेश में भी शिक्षामित्रों और अनुदेशकों की स्थित में सुधर देखने को मिलेगा, हालांकि अभी वधानसभा के बजट सत्र में एक सवाल के जवाब में सरकार की तरफ से वेतन वृद्धि से इनकार किया गया था।