यूपी के इन जिलों में खरीद लीजिए जमीन, अगले 5 सालों में कीमत हो जाएगी दोगुनी

यूपी के इन जिलों में खरीद लीजिए जमीन, अगले 5 सालों में कीमत हो जाएगी दोगुनी
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सामान्य निर्देश में हुए बदलाव की वजह से अब आबादी, प्लाटिंग के पास वाली कृषि भूमि भी मंहगी हो जाएगी। नगरीय, अर्द्धनगरीय अथवा ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित कृषि भूमि की सीमा के 50 मीटर के दायरे में यदि कोई आबादी, आवासीय गतिविधि, प्लाटिंग या कालोनी विकसित की गई है या की जा रही है तो ऐसी कृषि भूमि की कीमतों में अब 50 की जगह 60 प्रतिशत यानी 10 प्रतिशत की और वृद्धि हो जाएगी।

यूपी के इन शहरों में खरीदकर डाल दीजिए जमीन

हाल के वर्षों में शहर की सीमा से सटे क्षेत्रों में बड़ी संख्या में प्लाटिंग कर कालोनी विकसित की गई है। यह सिलसिला अभी भी जारी है। ऐसे में इस बदलाव से बड़ी संख्या में लोग प्रभावित होंगे। इसी तरह शहर के विभिन्न क्षेत्र में तमाम ऐसे भूखंड हैं जो दुकान, बाजार, शापिंग कांप्लेक्स समेत अन्य व्यावसायिक गतिविधियों के आस-पास होते हुए भी उनपर सामान्य क्षेत्र के आवासीय भूखंड जितनी ही स्टांप ड्यूटी लगती है। अब ऐसे भूखंड की दर में 50 प्रतिशत तक की वृद्धि हो जाने से स्टांप ड्यूटी भी ज्यादा जमा करनी पड़ेगी। उत्तर प्रदेश में अगले पांच साल (2025-2030) रियल एस्टेट के लिए मील का पत्थर साबित हो सकते हैं. तेजी से बदलते शहरी परिदृश्य, बुनियादी ढांचे का विस्तार और औद्योगिक निवेश के दम पर राज्य के कई शहरों में जमीन की कीमतें आसमान छूने को तैयार हैं. ऐसी संभावना है कि कुछ चुनिंदा शहरों में अगले पांच सालों में जमीन के दाम दोगुने तक हो सकते हैं. लेकिन सवाल यह है कि ये शहर कौन से हैं और इनके पीछे क्या वजहें हैं? आइए, इस रिपोर्ट में जानते हैं उन शहरों के बारे में, जहां निवेश का सपना हकीकत में बदल सकता है। उत्तर प्रदेश में जेवर, अयोध्या, नोएडा-ग्रेटर नोएडा, लखनऊ, गाजियाबाद, और आगरा ऐसे शहर हैं जहां अगले 5 साल में जमीन के दाम तेजी से बढ़ने और कुछ खास इलाकों में दोगुने होने की संभावना है. इनमें से जेवर और अयोध्या सबसे मजबूत दावेदार हैं, क्योंकि वहां बड़े पैमाने पर विकास कार्य चल रहे हैं. हालांकि, यह अनुमान बाजार की अस्थिरता, सरकारी नीतियों, और वैश्विक आर्थिक स्थितियों पर भी निर्भर करेगा. निवेश से पहले स्थानीय स्तर पर रिसर्च और विशेषज्ञ सलाह जरूरी है। उत्तर प्रदेश में जेवर, अयोध्या, नोएडा-ग्रेटर नोएडा, लखनऊ, गाजियाबाद, और आगरा ऐसे शहर हैं जहां अगले 5 साल में जमीन के दाम तेजी से बढ़ने और कुछ खास इलाकों में दोगुने होने की संभावना है. इनमें से जेवर और अयोध्या सबसे मजबूत दावेदार हैं, क्योंकि वहां बड़े पैमाने पर विकास कार्य चल रहे हैं. हालांकि, यह अनुमान बाजार की अस्थिरता, सरकारी नीतियों, और वैश्विक आर्थिक स्थितियों पर भी निर्भर करेगा. निवेश से पहले स्थानीय स्तर पर रिसर्च और विशेषज्ञ सलाह जरूरी है। प्रभावित करने वाले प्रमुख कारण है। बुनियादी ढांचा, हवाई अड्डे, एक्सप्रेसवे, मेट्रो, और रेलवे प्रोजेक्ट्स की प्रगति. औद्योगिक विकासरू सेमीकंडक्टर प्लांट, फिल्म सिटी, और आईटी हब जैसे प्रोजेक्ट्स. शहरीकरणरू टियर-2 शहरों में तेजी से बढ़ती आबादी और सुविधाएं. सरकारी नीतियांरू सर्किल रेट में बदलाव और निवेश को बढ़ावा देने वाली योजनाएं. मांग और आपूर्तिरू एनआरआई, एचएनआई, और स्थानीय निवेशकों की रुचि। वर्तमान स्थितिरू आगरा में जमीन की कीमतें अभी अपेक्षाकृत कम हैं, लेकिन मांग बढ़ रही है. संभावना अगले 5 साल में पर्यटन और कनेक्टिविटी के चलते कुछ इलाकों में कीमतें दोगुनी हो सकती हैं !

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अगले 5 सालों में कीमत हो जाएगी दोगुनी 

जेवर में नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (जेवर एयरपोर्ट) का निर्माण चल रहा है, जो 2025 तक चालू होने की उम्मीद है. इसके अलावा, यमुना एक्सप्रेसवे, मेट्रो कनेक्टिविटी का विस्तार, और अंतरराष्ट्रीय फिल्म सिटी जैसी परियोजनाएं इसे निवेश का हॉटस्पॉट बना रही हैं. वर्तमान स्थितिर पिछले 5 साल (2020-2024) में जेवर में जमीन की कीमतें 5,000 रुपये प्रति वर्ग फुट से बढ़कर 7,000 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गई हैं, यानी 40ः की वृद्धि. विशेषज्ञों के अनुसार, 2030 तक यह 10,482 रुपये प्रति वर्ग फुट तक पहुंच सकती है, जो मौजूदा कीमत से लगभग 50-60ः की बढ़ोतरी दर्शाती है.यदि विकास की गति ऐसी ही रही और हवाई अड्डा समय पर चालू हुआ, तो कुछ इलाकों में कीमतें दोगुनी भी हो सकती हैं, खासकर एयरपोर्ट और एक्सप्रेसवे के नजदीकी क्षेत्रों में. राम मंदिर के निर्माण और इसके उद्घाटन के बाद अयोध्या में पर्यटन और धार्मिक महत्व बढ़ गया है. सरकार इसे एक प्रमुख तीर्थ स्थल के रूप में विकसित करने के लिए हवाई अड्डा, रेलवे स्टेशन, और सड़क नेटवर्क पर काम कर रही है. सर्किल रेट में भी 2024 में 200ः तक बढ़ोतरी प्रस्तावित है। वर्तमान स्थितिरू अयोध्या में जमीन की कीमतें पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ी हैं. उदाहरण के लिए, मंदिर के आसपास के क्षेत्रों में कीमतें 2-3 गुना हो चुकी हैं। संभावना अगले 5 साल में पर्यटन और बुनियादी ढांचे के विकास के चलते कीमतें दोगुनी होने की प्रबल संभावना है, खासकर मंदिर के आसपास और प्रमुख सड़कों के किनारे। नोएडा और ग्रेटर नोएडा पहले से ही रियल एस्टेट के बड़े केंद्र हैं. जेवर एयरपोर्ट, मेट्रो विस्तार, और सेमीकंडक्टर प्लांट जैसी परियोजनाएं इसे और आकर्षक बना रही हैं. साथ ही, दिल्ली-एनसीआर से निकटता इसका लाभ बढ़ाती है। वर्तमान स्थिति पिछले 5 साल में नोएडा में प्रॉपर्टी की कीमतें लगभग 88ः बढ़ी हैं. नोएडा एक्सप्रेसवे पर 2019 में 5,075 रुपये प्रति वर्ग फुट की कीमत 2024 में 8,400 रुपये हो गई। संभावना अगले 5 साल में कुछ खास माइक्रो-मार्केट्स (जैसे सेक्टर 150, यमुना एक्सप्रेसवे के पास) में कीमतें दोगुनी हो सकती हैं, क्योंकि निवेश और मांग बढ़ रही है। यूपी की राजधानी होने के नाते लखनऊ में सरकारी परियोजनाएं, आईटी हब का विकास, और बेहतर कनेक्टिविटी (जैसे चारबाग स्टेशन का आधुनिकीकरण और एक्सप्रेसवे) कीमतों को बढ़ा रही हैं. गोमती नगर और शहीद पथ जैसे इलाके निवेश के लिए लोकप्रिय हैं। वर्तमान स्थितिरू लखनऊ में पिछले कुछ सालों में कीमतें स्थिर लेकिन बढ़ती हुई हैं. गोमती नगर में सर्किल रेट 40,000-60,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर के आसपास है। संभावना अगले 5 साल में प्रमुख इलाकों में कीमतें दोगुनी हो सकती हैं, खासकर अगर आईटी सेक्टर और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स में तेजी आई। कारण दिल्ली-एनसीआर का हिस्सा होने और रैपिड रेल (दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर), मेट्रो, और औद्योगिक विकास के कारण गाजियाबाद में मांग बढ़ रही है. राज नगर एक्सटेंशन और इंदिरापुरम जैसे क्षेत्र निवेशकों के पसंदीदा हैं ताजमहल के कारण पर्यटन पहले से मजबूत है, लेकिन आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे और प्रस्तावित जेवर एयरपोर्ट से कनेक्टिविटी इसे निवेश के लिए आकर्षक बना रही है। 

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