यूपी के इस जिले में 870 कर्मचारियों का रोका गया वेतन, जाने वजह

उत्तर प्रदेश में स्थित गोंडा में जिला मजिस्ट्रेट नेहा शर्मा ने किसानों की रजिस्ट्री से संबंधित कार्यों में लापरवाही बरतने के मामले में राजस्व और कृषि विभाग के 870 कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आदेश दिया है। इस कार्रवाई में लेखपाल, पंचायत सहायक और रोजगार सेवक जैसे ग्राम स्तर के कर्मचारी भी शामिल हैं।
इन कर्मचारियों की कार्यशैली में ढिलाई की वजह से उनके वेतन को रोकने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा, उन्हें प्रतिकूल प्रविष्टि देने और अनुशासनात्मक कार्रवाई की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी। डीएम ने यह भी स्पष्ट किया है कि सभी कर्मचारियों को अपने कार्यों के प्रति अधिक सतर्क रहना होगा, ताकि किसानों की समस्याओं का समाधान समय पर किया जा सके।
जिला मजिस्ट्रेट ने फार्मर रजिस्ट्री कार्य की समीक्षा के दौरान यह पाया कि जिले के विभिन्न तहसीलों में इस कार्य की प्रगति काफी धीमी चल रही है। सदर तहसील में 280, करनैलगंज में 169, तरबगंज में 227 और मनकापुर तहसील में 194 ग्रामों में अब तक 50% से भी कम कार्य पूरा हुआ है। इस स्थिति को देखते हुए डीएम ने अपनी नाराजगी व्यक्त की और संबंधित अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस कार्य में तेजी लाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए, ताकि किसानों के रजिस्ट्रेशन का कार्य समय पर पूरा हो सके।
जिला मजिस्ट्रेट ने सभी संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को सख्त चेतावनी दी है कि वे 10 मार्च तक फार्मर रजिस्ट्री का कार्य पूरी तरह से संपन्न करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि निर्धारित समय सीमा के भीतर यह कार्य पूरा नहीं किया गया, तो ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। डीएम ने इस बात पर जोर दिया कि किसानों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और सभी को अपनी जिम्मेदारियों का पालन करना होगा। इस निर्देश के बाद अधिकारियों में हलचल मच गई है, क्योंकि सभी को अब समय सीमा के भीतर कार्य पूरा करने की चुनौती का सामना करना पड़ेगा।
जिला मजिस्ट्रेट ने स्पष्ट रूप से कहा है कि सरकार की प्रमुख योजनाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने फार्मर रजिस्ट्री के कार्य को किसानों को सरकारी योजनाओं से जोड़ने के लिए बेहद महत्वपूर्ण बताया। इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की देरी को गंभीरता से लिया जाएगा, जिससे किसानों को मिलने वाली सुविधाओं में रुकावट आ सकती है।
प्रशासन की इस सख्त चेतावनी ने संबंधित विभागों में हड़कंप मचा दिया है। सभी अधिकारियों को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि 10 मार्च की निर्धारित समय सीमा के भीतर फार्मर रजिस्ट्री का कार्य पूरा हो जाए। इस दिशा में की जाने वाली कार्रवाई और अधिकारियों की तत्परता पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या प्रशासन की इस सख्ती का प्रभाव देखने को मिलता है या फिर कोई और कड़े कदम उठाने की आवश्यकता पड़ेगी।