यूपी के इस जिले में सवा करोड़ रुपए से बनेगी बिजली लाइन, इन गाँव को मिलेगा फायदा
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उत्तर प्रदेश के जुड़े उपभोक्ताओं के लिए अच्छी खबर है। अब उन्हें बिजली की ट्रिपिंग व लो वोल्टेज की समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा। हमेशा ओवरलोड रहता था। कहीं न कहीं लाइन में तकनीकी खराबी आने से लोगों को बिजली संकट से जूझना पड़ता है। इसी को देखते हुए एक और उपकेंद्र बनाए जाने की स्वीकृति दी गई। निर्माण कार्य शुरू हुआ और प्रथम सप्ताह में यह तैयार हो गया। इसकी टेस्टिंग आदि हो चुकी है।
बिजली व्यवस्था, बिजनेस प्लान तैयार
बिजली कटौती ने उड़ाई नींद, भविष्य की योजना पर फोकस
विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने पश्चिमी यूपी के जिलों में बिजली विभाग के कमजोर सिस्टम को दुरुस्त करने का प्लान बना लिया है। ये प्लान पूरा होते ही यूपी की बिजली व्यवस्था और बेहतर हो जाएगी। इस प्लान को लेकर अफसरों के साथ मंथन किया और काम को तेजी से पूरा करने के निर्देश दे दिए। महरुआ बिजली घर की दो किलोमीटर लाइन जर्जर हो गई। इसके चलते आए दिन तार टूटकर गिर जाने से 15 गांव की बिजली गुल हो जाती है। छह लाख 15 हजार से तार बदलवाने के साथ ही अन्य खामियों को दूर कराया जाएगा। बरवा बैरमपुर से न्यू कटेहरी के बीच 15 किलोमीटर लाइन एक दशक पहले खींची गई थी। समय बीतने के साथ ही तार व अन्य उपकरण जर्जर हो चुके हैं। इसके चलते बिजली विभाग को 61 प्रतिशत लाइन नुकसान उठाना पड़ता है। केवल 40 प्रतिशत ही बिजली का बिल वसूल हो पा रहा है। इसे देखते हुए बिजली विभाग ने चार लाख 15 हजार रुपये से जर्जर लाइनों को ठीक कराया जाएगा। अकबरपुर उपकेंद्र से मरैला बिजली घर पर 15 किलोमीटर जर्जर तारों को हटाकर नई बिजली लाइन खींची जाएगी। वर्तमान में यहां बिजली के लटकते तारों की वजह से 25 गांवों बिजली आए दिन गुल रहती है। तार टूटने व फॉल्ट होने से लाइन लॉस होने से बिजली विभाग को राजस्व की भी हानि हो रही है। विभाग पांच लाख 10 हजार रुपये से इंटर पोलिंग का कार्य कराकर ग्रामीणों की इस समस्या से निजात दिलाएगा। हर क्षेत्र में निर्बाध बिजली आपूर्ति मिल सके, इसके लिए 13 बिजली घरों के जर्जर बिजली तारों को बदलवाने के खराब उपकरणों को बदलवाया जाएगा। इस बार भीषण गर्मी ने यूपी के जिलों में बिजली विभाग के कमजोर सिस्टम की पोल खोल दी। कई इलाके भीषण गर्मी में बिजली पानी को तरस गए, एक इलाके में कमजोर तार और ट्रांसफार्मर को सही करने में बिजली विभाग कामयाब होता था तो दूसरे इलाके की कमजोरी सामने आ जाती थी। नतीजा कई जिलों में कटौती से हाहाकार मचा रहा। भविष्य में ऐसा न हो इसलिए बिजली विभाग बिजनेस प्लान से पूरे सिस्टम को दुरुस्त करने पर पूरा फोकस कर रहा है।