यूपी के इस जिले को 1,640 करोड़ रुपए की विकास परियोजनाओं की सौगात
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107 विकास परियोजनाओं के लोकार्पण, एक नई शुरुआत
इन 107 परियोजनाओं का मुख्य उद्देश्य गोरखपुर जिले में सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है. खासकर उन क्षेत्रों में जिनमें विकास की कमी थी. इन परियोजनाओं के तहत विभिन्न सेक्टरों में कार्य किए गए हैं. जिनमें सड़क निर्माण, जल आपूर्ति योजनाएं, शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार, शिक्षा क्षेत्र में सुधार, और कृषि से जुड़ी परियोजनाएं शामिल हैं. गोरखपुर में नए सड़क नेटवर्क चौड़ीकरण और उन्नयन के लिए कई परियोजनाओं का लोकार्पण किया गया. इन सड़कों के निर्माण से यातायात की समस्या हल होगी और स्थानीय लोगों को सुरक्षित और तेज यात्रा का लाभ मिलेगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सड़क रेल और एयर कनेक्टिविटी के लिहाज से मजबूत हुआ गोरखपुर शिक्षा, स्वास्थ्य और उद्योग का हब बनने की दिशा में अग्रसर है. शहर की जरूरतों को पूरा करने के लिए नया गोरखपुर बसाया जा रहा है. यह पांच लाख लोगों की आवासीय आवश्यकताओं को पूरा करेगा. सीएम योगी शनिवार को 1640 करोड़ रुपये से अधिक की 107 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करने के बाद उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे.
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लोकार्पित परियोजनाओं का उद्देश्य और महत्व
आज का गोरखपुर चार विश्वविद्यालयों वाले शहर के रूप में एम्स. बीआरडी की सुपर स्पेशलिटी और निजी क्षेत्र के अनेक अच्छे अस्पतालों के माध्यम से शिक्षा और स्वास्थ्य का हब बन चुका है. 2017 के पहले तक जहां यहां इंसेफेलाइटिस के चलते बचपन काल कवलित होता था. वहीं डबल इंजन सरकार ने अभियान चलाकर इंसेफेलाइटिस को छू मंतर कर दिया है। अब बच्चे इंसेफेलाइटिस की चपेट में आकर काल कवलित नहीं होंगे बल्कि उनकी प्रतिभा विकास में योगदान देगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का गोरखपुर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के साथ ही निवेश के बेहतरीन गंतव्य के रूप में भी उभरा है. गोरखपुर में पानी की आपूर्ति और जल संकट की समस्या को दूर करने के लिए जल आपूर्ति परियोजनाओं की शुरुआत की गई है. इससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पानी की सप्लाई में सुधार होगा और लोगों को साफ पानी उपलब्ध होगा. योगी ने कहा कि 1947 से 2017 तक जिन लोगों ने परिवारवादी. जातिवादी और तुष्टिकरण की राजनीति को बढ़ावा दिया था उनके समय में उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था लगातार गिरावट की ओर थी.
आबादी में सबसे बड़ाए प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर सबसे उर्वरा भूमि वाला और सबसे प्रतिभाशाली युवाओं वाला राज्य होने के बावजूद विकास के पायदान पर लगातार गिरावट थी. जबकि 2017 के बाद तीन वर्ष कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से लड़ते हुए भी लगातार उत्तर प्रदेश आगे बढ़ता जा रहा है. उत्तर प्रदेश 2017 में देश की सातवीं अर्थव्यवस्था था. आज वही उत्तर प्रदेश देश की नंबर दो की अर्थव्यवस्था बन चुका है. केंद्र सरकार की उन सभी योजनाओं में नंबर एक की लड़ाई में सबसे आगे है. जिनमें 2017 के पहले तक फिसड्डी रहता था. शिक्षा के क्षेत्र में कई परियोजनाओं का लोकार्पण हुआ है. जिसमें नए स्कूलों का निर्माण शिक्षा का विस्तार और स्थानीय छात्रों के लिए प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करना शामिल है. इससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा और बच्चों को बेहतर अवसर मिलेंगे.