यूपी के इस जिले में 200 किसानों को बड़ा नुकसान, आग लगने से फसल तबाह
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उत्तर प्रदेश के एक ग्रामीण इलाके में हाल ही में लगी आग ने किसानों की मेहनत को राख में बदल दिया. आग ने न सिर्फ किसानों के सपनों को चूर.चूर किया. बल्कि उनके लिए एक गंभीर संकट भी उत्पन्न कर दिया है. खबरों के मुताबिक. करीब 200 किसानों की 450 बीघा से अधिक फसल जलकर राख हो गई. जिससे लाखों रुपये की क्षति हुई है. यह घटना किसानों के लिए एक बड़ा आर्थिक और मानसिक झटका बनकर सामने आई है. क्योंकि वे अपनी फसल पर आधारित जीवन.यापन करते हैं और अब उन्हें अपनी मेहनत का कोई फल नहीं मिल पा रहा है.
आग ने बरपाया कहरए 200 किसानों की 450 बीघा फसल तबाह
यह आग एक विशेष इलाके में लगी थी. जो मुख्य रूप से कृषि आधारित था। यह क्षेत्र पिछले कुछ समय से सूखे की समस्या से जूझ रहा था. जिससे किसानों की उम्मीदें और भी अधिक बढ़ गई थीं. आग ने गेहूं. गन्ना. और अन्य फसलों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया. जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ. कई किसान अपनी मेहनत से तैयार की गई फसलों को आग की लपटों में जलते हुए देख रहे थेए लेकिन उनके पास इस आपदा से निपटने के लिए कोई उपाय नहीं था. यूपी के अंबेडकरनगर में तेज धूप और गर्म हवा के बीच आग ने शनिवार को जमकर तबाही मचाई। अहिरौली के अरियौना, मरथुआ सरैया और सम्मनपुर के यहियाकमालपुर में करीब 200 किसानों की करीब 450 बीघा फसल जलकर राख हो गई. आग की विभीषिका देख लोग दहशत में आ गए. पूरा दिन दमकल का गाड़ियां आग बुझाने के लिए इधर से उधर भागती नजर आईं. तहसील प्रशासन ने अग्निकांडों में हुए नुकसान का आकलन करने की प्रक्रिया शुरू की है. सम्मनपुर के यहिया कमालपुर के किसान शिवमूरत शनिवार दोपहर कंबाइन मशीन से गेहूं की मड़ाई करवा रहे थे.
इसी दौरान कंबाइन मशीन से निकली चिंगारी ने गेहूं की फसल को चपेट में ले लिया. तेज हवा चलने के नाते आग तेजी से फैलने लगी. शिवमूरत वर्मा की तीन बीघा, राम भरोसे वर्मा और राम बुझारत की ढाई-ढाई बीघा, अजय वर्मा दो बीघा, राम शकल वर्मा डेढ़ बीघा, समेत नीलम कुमारी, अरुण वर्मा, सुनील वर्मा, बाबूराम वर्मा आदि किसानों की 50 बीघा फसल जल गई. दो दमकल वाहन की मदद से आग पर काबू पाया जा सका. डीएम अविनाश सिंह और एसपी केशव कुमार पुलिस और राजस्व टीम के साथ मौके पर पहुंच गए. काननूगो और लेखपाल की टीमों को एक-एक किसान के नुकसान की रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए. डीएम ने पीड़ितों को अनाज व खाद्य सामाग्री मुहैया कराने के निर्देश एसडीएम सदर को दिए. ग्राम प्रधान अजय पटेल ने बताया कि रामतीरथ के घर के पास से लगातार आग लग रही है. आग लगने के बाद जैसे-तैसे बुझाया भी जा रहा है. इसकी सूचना जिला प्रशासन को दी गई थी और किसान खेतों की निगरानी के साथ फसल की कटाई व मड़ाई भी करा रहे थे. संतोष अपने घर की बीम डालने के लिए चला गया और इसी बीच यह हादसा हो गया. आग के कारण दो छप्परनुमा घर व उनमें रखी संपत्ति भी जल गई है.
कृषि पर आग का असर और किसानों की स्थिति
करीब तीन घंटे के मेहनत मशक्कत और सैकड़ों ग्रामीणों के प्रयास से करीब चार बजे आग पर काबू पाया जा सका, लेकिन इसके बाद भी खेतों से धुआं उठने का सिलसिला जारी रहा. इस आग से पंडित का पुरवा निवासी सूर्यदेव तिवारी, संतराम यादव, नरेंद्र तिवारी, विशाल तिवारी, ओमप्रकाश, जगदीश तिवारी, राजितराम यादव, हौंसिला यादव, बबलू, सुदामा देवी की दो-दो बीघा फसल जला डाली. कचना के सतीराम राजभर 10 बिस्वा, जितेंद्र तिवारी एक बीघा, रामपति तिवारी तीन बीघा, रामसुरेश यादव चार बीघा फसल को राख कर दिया. श्रीकांत,जगदीश, राजत, रामजगत, रामनेवल का साढ़े चार बीघा, शिव प्रसाद 12 बिस्वा, लालबहादुर 13 बिस्वा, शोभावती साढ़े तीन बीघा, इंद्रावती 10 बिस्वा, रतन साढे पांच बीघा, राजाराम ढाई बीघा, मुनीराम दो बीघा, शिवमूरत एक बीघा, कन्हैया लाल 12 बिस्वा आग में करीब 170 किसानों की करीब 400 बीघा फसल नष्ट होने का अनुमान है. शनिवार दोपहर करीब एक बजे अहिरौली के अरियौना निवासी रामतीरथ के घर के पास बांस की कोठ से निकली चिंगारी ने संतोष शर्मा के गेहूं के खेत को अपनी चपेट में ले लिया. तेज हवा से आग ने सूखी गेहूं की फसल को चपेट में लेना शुरू कर दिया. ग्रामीण आग बुझाने के लिए मौके पर पहुंचे, लेकिन आग संतोष की करीब डेढ़ बीघा फसल को नष्ट करने के बाद भी नहीं थमी.
देखते ही देखते संतोष के खेत से करीब डेढ़ किमी तक दूरी में फैले गेहूं के खेतों को चपेट में ले लिया. मौके पर एक-एक कर दमकल का गाड़ियां पहुंचने का सिलसिला शुरू हुआ. गांव में निजी नलकूप का सहारा लिया गया। पांच से अधिक ट्रैक्टर से किसान खड़ी फसल को जोत रहे थे ताकि आग को फैलने से रोका जा सके. आग के कारण किसानों का लाखों रुपये का नुकसान हुआ है. जिससे उनका जीवन प्रभावित हुआ है. अब वे अपनी दैनिक जरूरतों को पूरा करने में भी मुश्किल महसूस कर रहे हैं. कई किसानों ने अपनी जमीनी संपत्ति तक गिरवी रखी थी. ताकि वे अपने खेतों में काम कर सकें और बेहतर फसल उगा सकें. लेकिन अब उनकी पूरी मेहनत जलकर राख हो गई है. इस हादसे के बाद किसानों की मानसिक स्थिति भी काफी खराब हो गई है. कई किसानों ने सरकार से मदद की अपील की है ताकि वे अपनी खोई हुई फसल का कुछ मुआवजा पा सकें और फिर से अपनी कृषि गतिविधियों को शुरू कर सकें. अब सवाल यह उठता है कि क्या सरकार किसानों को इस भयंकर आपदा से उबारने के लिए शीघ्र मदद प्रदान करेगी.