यूपी के इस जिले में चला बुलडोजर, 19 बीघे की सरकारी जमीन पर था कब्जा
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फिर गरजा योगी सरकार का बुलडोजर
योगी सरकार के बुलडोजर अभियान का मुख्य उद्देश्य अवैध कब्जों और निर्माणों को हटाकर राज्य में कानून की स्थिति को सुदृढ़ करना है. इस अभियान का केंद्र बिंदु अवैध निर्माण और संपत्तियों का नष्ट करना है. जो विशेष रूप से सरकारी भूमि पर्यावरणीय खतरों और समाज के लिए जोखिम पैदा करने वाले क्षेत्रों में बनायी गई थीं. योगी सरकार का यह कदम न केवल अव्यवस्था को दूर करने के लिए है. बल्कि यह एक संकेत भी है कि राज्य में किसी भी प्रकार के अपराध और अवैध गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. शुक्लागंज गंगाघाट क्षेत्र के जाजमऊ चौकी स्थित इकलाख नगर में सरकारी जमीनों में किए जा रहे अवैध कब्जों पर शनिवार को प्रशासन का बुलडोजर गरजने लगा. 38 करोड़ की 19 बीघा सरकारी जमीन को अवैध कब्जों से मुक्त करा दिया गया. भूमि संख्या 1704 नवीन परती के नाम से व भूमि संख्या 1706 जो गंगारेत के नाम सरकारी अभिलेखों में दर्ज है. जिसमें लोगों ने पक्की बाउंड्री वाल बनाकर व एक फीट से अधिक नींव भरवाकर अवैध कब्जे कर रखे थे. अवैध कब्जों को ढहाए जाने की कार्रवाई के दौरान एक वकील ने वहां आकर एआरओ प्रशांत नायक को गाटा संख्या 1704 पर स्टे होने की बात बताई.
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बुलडोजर अभियान का उद्देश्य और रणनीति
एसडीएम क्षितिज द्विवेदी ने बताया कि सरकारी जमीन से अवैध कब्जे ढहाकर उसे ग्राम प्रधान प्रतिनिधि अनिल निषाद की मौजूदगी में ग्राम सचिव धीरेंद्र रावत को सिपुर्द कर दी गई है. कब्जा मुक्त कराई गई जमीन पर पिलर लगाकर चौतरफा तार लगवाने शुरू कर दिए गए हैं. वहीं स्थानीय पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि अब वहां पर दोबारा से कोई कब्जा न करने पाए. जिन्हें जिलाधिकारी गौरांग राठी के निर्देश पर प्रशासनिक अधिकारियों व पुलिस की मौजूदगी में बुलडोजर से ध्वस्त करा दिया गया. जिन लोगों की बाउंड्री व अवैध कब्जे ढहाए गए। उनमें से कोई सामने नहीं पहुंचा. एसडीएम क्षितिज द्विवेदी, एआरओ प्रशांत नायक व तहसीलदार सदर अर्सलानाज सहित राजस्व, सर्वे लेखपाल व राजस्व कानूनगो व सर्वे की मौजूदगी में अवैध कब्जे ध्वस्त कराने की कार्रवाई हुई. जबकि, भूमि संख्या 1704 मां लगभग पांच बीघा जमीन नवीन परती के नाम दर्ज है.
जिस पर कई लोगों ने अवैध कब्जा कर बाउंड्री वाल व नींव भरवा डाली है. जिसमें पांच अर्ध निर्मित बाउंड्री व लगभग 20 नींव बुलडोजर से ढहाई गई हैं. उन्होंने बताया कि 19 बीघा सरकारी जमीन पर किसने कब्जे कर रखे हैं. कोई सामने नहीं आया है. एआरओ ने बताया कि कब्जा मुक्त कराई गई 19 बीघा सरकारी जमीन की बाजार कीमत लगभग 38 करोड़ रुपये आंकी गई है. इस संबंध में एआरओ प्रशांत नायक ने बताया कि भूमि संख्या 1706 में कुल 24 बीघा जमीन दर्ज है. जिसमें पांच बीघा जमीन पर नसीम अहमद व उनके भाई सह खातेदार हैं. यह जमीन उनके नाम दर्ज हैं. वह लोग अपनी पांच बीघा जमीन लोगों को बेच चुके हैं. जिसमें क्रेताओं के मकान भी बन चुके हैं. वहीं भूमि संख्या 1706 में 19 बीघा जमीन सरकारी है. जो सरकारी अभिलेखों में गंगा रेत के नाम दर्ज है.