उत्तर प्रदेश के इस जिले में इन 9 जगहों को जान लीजिए, कागजों में हो रहे सब काम
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6 से 7 लोगों की हो रही मौत, सुधार कार्य सिर्फ कागजों में
हर साल सड़क हादसों में हजारों लोग अपनी जान गंवाते हैं। 2021 में सड़क दुर्घटनाओं में 1.5 लाख से अधिक मौतें हुई थीं. और इस आंकड़े में कोई खास कमी नहीं आई है. खासकर उन क्षेत्रों में जहां सड़क सुरक्षा की स्थितियां बेहद खराब हैं. वहाँ दुर्घटनाओं का खतरा और भी अधिक होता है. शराब पीकर गाड़ी चलाना, तेज़ रफ्तार, सड़कों की खराब स्थिति, और ट्रैफिक नियमों की अनदेखी जैसी समस्याएँ मुख्य कारणों के रूप में उभरकर सामने आती हैं. लखनऊ की सड़कें एक्सीडेंट का हॉटस्पॉट हैं. शहर और ग्रामीण इलाकों को मिलाकर 62 ब्लैक स्पॉट चिह्नित किए गए हैं, इनमें से 13 यलो और 4 रेड जोन में हैं। इन जगहों पर हर दिन एक्सीडेंट होना आम बात हो गई है. लेकिन सुधार कार्य सिर्फ फाइलों तक ही सीमित रह गया है.
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प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार
लखनऊ में बढ़ते एक्सीडेंट को लेकर जिला प्रशासन गंभीर है. डीएम ने परिवहन विभाग, ट्रैफिक पुलिस, एनएचएआई और पीडब्लूडी को एक्शन प्लान बनाने के निर्देश दिए हैं. अधिकारियों को ब्लैक स्पॉट्स पर सुधार करने के लिए भी कहा है. परिवहन विभाग के आंकड़े के मुताबिक साल 2023 में प्रदेश में कुल 44534 हादसे हुए. साल 2024 में ये संख्या 1518 तक बढ़कर 46052 पहुंच गई. यह आंकड़े 3.4 प्रतिशत है. वहीं, मृतकों की संख्या 23652 से बढ़कर 24118 पहुंच गई. इसमें 466 की बढ़त हुई है. घायलों की संख्या 31098 से बढ़कर 34665 पहुंच गई. इसमें 3567 की बढ़त हुई है। ये 11.5 प्रतिशत है. ब्लैक स्पॉट्स को सुधारने के लिए प्रशासन ने कई दावे किए,
लेकिन अभी तक 50ः से ज्यादा जगहों पर कोई ठोस काम नहीं हुआ. कुछ जगहों पर स्पीड ब्रेकर बनाए गए, लेकिन कहीं साइनेज और लाइटिंग नहीं लगी. इस पर डीएम ने कहा-सीसीटीवी कैमरे और ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम को बढ़ाया जाएगा. लेकिन यह कब तक होगा, इसका कोई जवाब नहीं है. शहर में 9 बड़े एंट्री पॉइंट्स हैं. यहां से हर दिन हजारों से अधिक की संख्या में गाड़ियां निकलती हैं. इसमें सीतापुर रोड, हरदोई रोड, कानपुर रोड, रायबरेली रोड, सुल्तानपुर रोड और फैजाबाद रोड सबसे व्यस्ततम रोड है. इसके बाद भी इन जगहों पर ट्रैफिक कंट्रोल और सुरक्षा के इंतजाम लचर है. यहां रात के समय रोड पर लाइटिंग नहीं रहती। खतरनाक कट्स और हाई स्पीड गाड़ियों पर लगाम नहीं लगना भी इलाके ब्लैक स्पॉट्स में बदलते जा रहे हैं.