यूपी में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए बड़ा अपडेट, लागू होंगे नए नियम
योगी सरकार कर रही ये नई व्यवस्था
उत्तर प्रदेश सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को उनकी मेहनत के अनुसार सही वेतन और अन्य सुविधाएं मिलें. योगी सरकार ने एक नई व्यवस्था लागू करने का फैसला किया है. जिसमें आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के अधिकारों का पूरा ख्याल रखा जाएगा. अब इन कर्मचारियों को लंबे समय तक अस्थायी स्थिति में नहीं रखा जाएगा और न ही उनके साथ भेदभाव होगा. जनपद में विभिन्न विभागों में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है. उन्हें समय से मानदेय भी नहीं मिलता है. आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को शोषण से राहत मिल सके, इसके लिए सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम बनाया जा रहा है. इसकी तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है.
शासन द्वारा स्वास्थ्य विभाग से आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का ब्योरा मांगा गया है. ताकि इन कर्मचारियों को निगम में स्थानांतरित किया जा सके. इससे कर्मचारियों को राहत मिलेगी और उन्हें समय से मानदेय मिलने के साथ-साथ अन्य सुविधाएं भी मिलेंगी। निगम बनने से कर्मचारियों का शोषण नहीं होगा. स्वास्थ्य विभाग में आउटसोर्सिंग से 150 कर्मचारी कार्यरत हैं. मुख्य चिकित्साधिकारी डा. अवनींद्र कुमार ने बताया कि कर्मचारियों का ब्योरा दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि निगम में ईपीएफ से दुर्घटना से मृत्यु होने पर कर्मचारियों को 2.50 लाख रुपये से सात लाख रुपये परिवार को दिए जाएंगे. 60 वर्ष के बाद सेवा अवधि के आधार पर एक हजार रुपये से 7500 रुपये प्रतिमाह पेंशन के रूप में धनराशि दी जाएगी. विधवा को एक हजार रुपये से लेकर 2900 रुपये आजीवन पेंशन दी जाएगी. अविवाहित कर्मचारियों की मृत्यु होने पर उनके माता पिता को एक हजार रुपये से लेकर 2900 रुपये पेंशन दिए जाने का प्रावधान किया गया है. कर्मचारी और उनके स्वजन को ईएसआइ चिकित्सालयों में निश्शुल्क इलाज की सुविधा मिलेगी.
नये नियमों के तहत मिलने वाली सुविधाएं
शासन से स्वास्थ्य विभाग से कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों का ब्योरा मांगा है. ऐसे कर्मचारियों को निगम में शामिल कर उन्हें मानदेय दिया जाएगा. निगम में शामिल होने वाले कर्मचारियों को निर्धारित समय पर मानदेय मिलेगा और ईपीएफ, ईएसआइ की धनराशि भी जमा होगी. अन्य लाभ भी कर्मचारियों को मिलेंगे. ऐसे में कर्मचारियों का उत्पीड़न और शोषण भी नहीं होगा. प्रत्येक माह की एक तारीख को खातों में मानदेय पहुंच जाएगा. महिला कर्मचारियों को प्रसूति अवकाश भी मिलेगा. आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से मानदेय दिया जाता है. कर्मचारियों को कटौती कर मानदेय दिया जाता है. वह भी समय से नहीं दिया जाता है.
नवीनीकरण के नाम पर भी कर्मचारियों का शोषण कर उनसे धन वसूली की जाती है. ईपीएफ और ईएसआइ खातों में समय से धन जमा नहीं किया जाता है. एजेंसी के बदलने पर कर्मचारियों का ईपीएफ, ईएसआइ, जीएसटी की धनराशि पुरानी एजेंसी में ही रह जाती है. एससीएसटी, ओबीसी दिव्यांग और महिलाओं को आरक्षण की व्यवस्था नहीं की जा रही है. इसे देखते हुए सरकार उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम बनाने जा रही है. सरकार ने यह निर्णय लिया है कि आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को समय पर वेतन, भत्ते, और स्वास्थ्य सेवाएं जैसी सुविधाएं मिलेंगी. इसके साथ ही उनका कामकाजी समय और कार्यस्थल पर उनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित की जाएगी. अब सरकार आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए एक नियमित निगरानी तंत्र बनाएगी. जिससे उनका शोषण रोकने के साथ.साथ उनकी कार्य स्थितियों में भी सुधार किया जा सके.
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शम्भूनाथ गुप्ता पिछले 5 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता में हैं। 'मीडिया दस्तक' और 'बस्ती चेतना' जैसे प्लेटफॉर्म पर न्यूज़ और वीडियो एडिटिंग टीम में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। न्यूज़ प्रोडक्शन और डिजिटल कंटेंट निर्माण में गहरा अनुभव रखते हैं। वर्तमान में वे 'भारतीय बस्ती' की उत्तर प्रदेश टीम में कार्यरत हैं, जहां वे राज्य से जुड़ी खबरों की गंभीर और सटीक कवरेज में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।