यूपी के इस डिपो को मिली इलेक्ट्रिक बस, देखें रूट
-(1).png)
इलेक्ट्रिक बसें ई.बसें सार्वजनिक परिवहन के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव का प्रतीक बन चुकी हैं. ये बसें न केवल प्रदूषण कम करने में मदद करती हैं. बल्कि शहरी गतिशीलता को भी अधिक सुलभ और टिकाऊ बनाती हैं. ई.बसें डीजल या पेट्रोल की बजाय बैटरी से चलती हैं. जिससे वायु प्रदूषण में कमी आती है.
सुल्तानपुर डिपो से चलेगी इलेक्ट्रिक बस
डीजल बसों की तुलना में इनकी परिचालन लागत कम होती है. इन बसों में इंजन की आवाज़ कम होती है. जिससे शहरी क्षेत्रों में ध्वनि प्रदूषण में कमी आती है. आधुनिक ई.बसों में रीजेनेरेटिव ब्रेकिंग, ऑटोमेटिक पैसेंजर काउंटर और इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम जैसी सुविधाएँ होती हैं. ई.बसों के उपयोग से कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य हानिकारक गैसों के उत्सर्जन में कमी आती है. कम प्रदूषण स्तर से शहरी निवासियों की स्वास्थ्य स्थितियों में सुधार होता है. ई.मोबिलिटी क्षेत्र में नए रोजगार अवसर उत्पन्न होते हैं. जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलता है. सुल्तानपुर प्रयागराज डिपो से चलकर अयोध्या तक जाने वाली दो इलेक्ट्रिक बसों में से एक अब सुल्तानपुर डिपो से संचालित होगी. यह बस प्रयागराज से सुल्तानपुर तक चलेगी. जिलेवासियों को काफी सहूलियत होगी और वातानुकूलित बस से सफर का मौका मिलेगा.
प्रयागराज डिपो की ओर से जिले से होकर अयोध्या के लिए दो इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू किया था, लेकिन ये बसें शहर में न आकर बाईपास से ही गुजर जाती थीं. अयोध्या व प्रयागराज जाने वाले यात्रियों को पयागीपुर चौराहा जाकर बसें पकड़नी पड़ती थीं. भारत सरकार ने प्रधानमंत्री.इलेक्ट्रिक बस सेवा जैसी योजनाओं के माध्यम से इलेक्ट्रिक बसों के संचालन को बढ़ावा दिया है. इन पहलों से न केवल पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलती है. बल्कि शहरी परिवहन को भी अधिक सुलभ और टिकाऊ बनाया जा रहा है. भारत में सार्वजनिक परिवहन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव आ रहा है. जिसमें इलेक्ट्रिक बसों का विस्तार प्रमुख भूमिका निभा रहा है. यह पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण है. बल्कि शहरी गतिशीलता को भी सुदृढ़ कर रही है।.
Read Below Advertisement
शहरों में इलेक्ट्रिक बसों की स्थिति
भारत सरकार की विभिन्न पहलों और योजनाओं के माध्यम से इलेक्ट्रिक बसों का विस्तार जारी है. इससे न केवल पर्यावरणीय लाभ होंगे. बल्कि शहरी परिवहन प्रणाली को भी अधिक सुलभ सुरक्षित और टिकाऊ बनाया जाएगा। आने वाले वर्षों में इलेक्ट्रिक बसों का नेटवर्क और भी विस्तृत होगा. जिससे देशभर में हरित परिवहन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे. इस समस्या पर एआरएम सुल्तानपुर ने बसों को सुल्तानपुर बस अड्डे रोकने के लिए पत्राचार किया था. जिसके बाद शनिवार को एक इलेक्ट्रिक बस शहर के बस अड्डे पहुंची और यहीं से प्रयागराज के लिए रवाना हुई.
अब यह बस सुल्तानपुर से प्रयागराज तक चलेगी. दूसरी इलेक्ट्रिक बस अभी भी प्रयागराज से अयोध्या के लिए शहर के बाहर से ही गुजरेगी. एआरएम विनोद कुमार शुक्ला ने बताया कि प्रयागराज डिपो से मांग करने के बाद शनिवार से एक बस सुल्तानपुर डिपो से प्रयागराज तक संचालित की जाने लगी है. यह बस स्थानीय डिपो में दोपहर एक से डेढ़ बजे आती है. इसके संचालन हो जाने से जिलेवासियों को यात्रा करने में सहूलियत मिलेगी. भारत में सार्वजनिक परिवहन के क्षेत्र में इलेक्ट्रिक बसों का विस्तार तेजी से हो रहा है. यह पहल न केवल प्रदूषण कम करने में मदद कर रही है. बल्कि शहरी गतिशीलता को भी सुदृढ़ कर रही है. नीचे कुछ प्रमुख शहरों में इलेक्ट्रिक बसों की वर्तमान स्थिति प्रस्तुत की जा रही है.