यूपी के इस जिले को सालों के इंतजार के बाद बस अड्डे के लिए मिला बजट

यूपी के इस जिले को सालों के इंतजार के बाद बस अड्डे के लिए मिला बजट
यूपी के इस जिले को सालों के इंतजार के बाद बस अड्डे के लिए मिला बजट

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में रोडवेज बस स्टैंड के निर्माण के लिए 27 साल बाद करोड़ो की धनराशि जारी की गई है. यह कदम क्षेत्रीय जनता की लंबे समय से चली आ रही मांग के बाद उठाया गया है.

27 साल बाद रोडवेज बस स्टेशन के लिए मिला बजट

आजादी के बाद से अब तक रोडवेज बस स्टैंड की स्थापना नहीं हो सकी थी. इससे बसों का संचालन हाईवे पर अव्यवस्थित तरीके से होता था. जिससे जाम और दुर्घटनाओं की स्थिति उत्पन्न होती रहती थी. क्षेत्रीय जनता की मांग पर उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी ने शासन को रोडवेज बस स्टैंड का प्रस्ताव भेजा था. नगर पालिका परिषद ने हरदोई रोड पर जनता धर्म कांटे के निकट जमीन देने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास किया था संतकबीरनगर यात्रियों को बेहतर परिवहन व्यवस्था उपलब्ध कराने लिए प्रशासन की पहल रंग लाने लगी है. जहां जिले के मीरगंज में रोडवेज बस स्टेशन और कार्यशाला के निर्माण के लिए 15 करोड़ अवमुक्त हुए हैं

यह भी पढ़ें: यूपी के घरों में लगेंगी बायोगैस यूनिट, जल्द इन जिलो से काम होगा शुरू

वहीं मुखलिसपुर बस अड्डा के जीर्णाेद्धार के लिए भी पांच करोड़ की मंजूरी मिली है. लोगों को उम्मीद जगी है कि जल्द ही दुश्वारियां दूर होंगी. अब शासन ने इस प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए करोड़ की धनराशि जारी की है. इस राशि के अवमुक्त होने के बाद जल्द ही रोडवेज बस स्टैंड का निर्माण कार्य प्रारंभ हो जाएगा. बसों का संचालन व्यवस्थित तरीके से होगा. जिससे यातायात की समस्या कम होगी. यात्रियों को सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा का अवसर मिलेगा. स्थानीय व्यापार और रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी. रोडवेज बस स्टैंड का निर्माण क्षेत्रीय जनता की लंबे समय से चली आ रही मांग का परिणाम है. इससे न केवल यातायात की समस्या हल होगी. बल्कि स्थानीय विकास में भी योगदान मिलेगा. शासन द्वारा जारी की गई धनराशि से यह परियोजना जल्द ही धरातल पर उतरने वाली है.

यह भी पढ़ें: यूपी: बदलने जा रहा इस बड़े स्टेशन का नाम, चारबाग के बाद सबसे अधिक भीड़

यात्रियों के लिए नई सुविधाओं की शुरुआत

इसके कारण परिसर में परिवहन निगम की बसें नहीं ठहरती हैं, इससे इस क्षेत्र के लोगों को काफी दुश्वारियां झेलनी पड़ रही थी. अब प्रशासन ने इसके लिए भी पांच करोड़ रुपये उपलब्ध करा दिया है. इससे उम्मीद जग गई कि परिवहन व्यवस्था में सुधार होगा. वर्ष 1997 में जिले का सृजन हुआ। तभी से लोग बस डिपो की मांग उठाते रहे. कई बार प्रशासन ने इसके लिए जमीन चिह्नित की और शासन को प्रस्ताव भेजा, लेकिन हर बार कोई न कोई अड़चन आड़े आ गईं. जिससे मेंहदावल बाईपास पर बने अस्थायी बस स्टैंड पर करीब 27 साल लोगों को खुले आसमान तले मौसम की मार झेलते हुए बसों का इंतजार करना पड़ा. इस बीच प्रशासन ने मीरगंज के पास परिवहन निगम के बस डिपो और कार्यशाला के लिए जमीन चिह्नित किया और इसे परिवहन निगम के नाम पर खतौनी में दर्ज कराया.

यह भी पढ़ें: यूपी के यह सरकारी स्कूल बनेंगे आंगनबाड़ी, बच्चों को मिलेंगी यह सुविधा

जमीन की अड़चन दूर हुई तो प्रशासन ने शासन को प्रस्ताव बनाकर भेजा, जिसकी स्वीकृति मिलने के बाद 15 करोड़ रुपये का बजट उपलब्ध कराया गया है. इसके साथ मुखलिसपुर बस अड्डा भी काफी बदहाल हो गया है. निर्माण कार्य में देरी का मुख्य कारण बसों का अस्थायी रूप से डिपो में शिफ्ट न होना था। हालांकि अब इस प्रक्रिया को मंजूरी मिल चुकी है और निर्माण कार्य में तेजी लाई गई है. लोहे के पिलर और स्ट्रक्चर तैयार किए जा रहे हैं. जिससे परियोजना की गति में सुधार हुआ है. रोडवेज बस अड्डे का निर्माण यात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. जो उन्हें बेहतर और सुविधाजनक यात्रा अनुभव प्रदान करेगा. निर्माण कार्य में आ रही चुनौतियों के बावजूद, अधिकारियों का प्रयास है कि परियोजना समय पर पूरी हो और यात्रियों को उच्च गुणवत्ता की सुविधाएं मिलें.

 

On

About The Author

Shambhunath Gupta Picture

शम्भूनाथ गुप्ता पिछले 5 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता में हैं। 'मीडिया दस्तक' और 'बस्ती चेतना' जैसे प्लेटफॉर्म पर न्यूज़ और वीडियो एडिटिंग टीम में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। न्यूज़ प्रोडक्शन और डिजिटल कंटेंट निर्माण में गहरा अनुभव रखते हैं। वर्तमान में वे 'भारतीय बस्ती' की उत्तर प्रदेश टीम में कार्यरत हैं, जहां वे राज्य से जुड़ी खबरों की गंभीर और सटीक कवरेज में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।