यूपी के घरों में लगेंगी बायोगैस यूनिट, जल्द इन जिलो से काम होगा शुरू

यूपी के घरों में लगेंगी बायोगैस यूनिट, जल्द इन जिलो से काम होगा शुरू
यूपी के घरों में लगेंगी बायोगैस यूनिट, जल्द इन जिलो से काम होगा शुरू

उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में ऊर्जा और खाद की समस्या का समाधान निकालने के लिए विशेष कदम उठाया गया है. अब 2.5 लाख घरों में घरेलू बायोगैस यूनिट लगाई जाएगी. प्रथम चरण में यूपी में स्थित अयोध्या, वाराणसी, गोरखपुर और गोंडा जिलों में यह कार्य किया जाएगा, जहां पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत 2,250 बायोगैस यूनिट स्थापित की जाएंगी.

किसानों को कम देना होगा पैसा

इस योजना के अंतर्गत बायोगैस संयंत्र की कुल लागत 39,300 रुपये रखी गई है, परंतु किसानों को सिर्फ 3,990 रुपये का ही अंशदान देना होगा. बाकी की राशि सरकार की ओर से और कार्बन क्रेडिट मॉडल के जरिए पूरी कर दी जाएगी.

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गोषालाओं में भी लगेंगे संयंत्र

इस योजना में मनरेगा के माध्यम से गोषालाओं का निर्माण भी किया जाएगा. प्रथम चरण में 43 गोशालाओं में बायोगैस और जैविक खाद संयंत्र चालू किए जाएंगे. उम्मीद जताई जा रही है कि प्रत्येक गोशाला से हर महीने 50 क्विंटल स्लरी तैयार की जा सकेगी, जिससे किसानों को काफी लाभ मिलेगा.

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एलपीजी पर निर्भरता होगी कम

उत्तर प्रदेश गो सेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता ने इस विषय पर जानकारी देते हुए कहा कि यह योजना ग्रामीण रसोईघरों के लिए बेहद लाभदायक होगी. बायोगैस के उपयोग से एलपीजी सिलेंडर की खपत में लगभग 70% तक कमी आएगी.

खाद और ईंधन का भी होगा लाभ

घरेलू बायोगैस यूनिट खाना पकाने के लिए गैस उपलब्ध कराएंगी, साथ ही इनमें से निकलने वाली स्लरी से जैविक व प्राकृतिक खाद भी तैयार की जाएगी. यह खाद खेतों के लिए अत्यंत उपयोगी रहेगी और इससे रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम होगी. इतना ही नहीं, उत्पन्न गैस को वाहनों के ईंधन के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकेगा.

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