यूपी में इस रूट का हाईवे होगा चौड़ा, तोड़े जाएंगे घर और दुकानें

महराजगंज शहर में चौड़ीकरण के लिए हाल ही में लगाए गए निशान स्थानीय निवासियों और व्यापारियों के बीच चिंता का कारण बने हैं. यह परियोजना महराजगंज सड़क को चौड़ा करने के उद्देश्य से शुरू की गई है. जिसका उद्देश्य सीमा से जुड़ी सड़क यातायात को बेहतर बनाना है.
प्रशासनिक कदम और समाधान
सड़क चौड़ीकरण के लिए लगाए गए निशान ने स्थानीय व्यापारियों और निवासियों में चिंता और विरोध की भावना पैदा की है. कई दुकानदारों और मकान मालिकों ने आरोप लगाया है कि सड़क की चौड़ाई बढ़ाने के लिए उनके घरों और दुकानों को तोड़ा जा सकता है. जिससे उनका व्यवसाय और जीवन प्रभावित होगा. कुछ स्थानों पर सड़क का मध्य भाग मकानों और दुकानों में डेढ़ से दो मीटर तक घुस रहा है. जिससे स्थानीय लोगों में असुरक्षा की भावना उत्पन्न हो रही है. नगर के मुख्य चौराहा से ठूठीबारी तक स्वीकृत एनएच 730 एस मार्ग के चौड़ीकरण के लिए अब शहर के अंदर भी दुकान व मकानों में निशान लगाया जा चुका है.
कहीं मकान के अंदर चार मीटर तो कहीं 3.30 मीटर सड़क की जमीन चिह्नित की गई है. इससे मकान मालिकों व दुकानदारों में हड़कंप का माहौल है. स्थानीय प्रशासन ने स्थिति को समझते हुए मऊपाकड़ तक 20 मीटर चौड़ी सड़क बनाने के लिए सर्वेक्षण शुरू किया है. इससे कम संख्या में मकान और दुकानें प्रभावित होंगी. सर्वेक्षण के बाद आवश्यक भूमि अधिग्रहण और मुआवजा प्रक्रिया पूरी की जाएगी इस परियोजना के पूरा होने से महराजगंज और ठूठीबारी के बीच यात्रा सुगम होगी. और नेपाल जाने वाले मालवाहकों के लिए अतिरिक्त मार्ग उपलब्ध होगा. जिससे व्यापारिक संबंधों में सुधार होगा. राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय ने वर्ष 2023 में महराजगंज से निचलौल होते हुए ठूठीबारी तक 40.390 किमी लंबी एनएच 730 एस के लिए 809.25 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी थी. यह मार्ग एनएच 730 का सेकेंडरी हाइवे है. पडरौना से पीलीभीत एनएच 730 से जाने वाले वाहन महराजगंज से सीधे निचलौल होते हुए ठूठीबारी में नेपाल बार्डर तक पहुंच सकते हैं. ठूठीबारी से नेपाल जाने वाले मालवाहकों के लिए कस्टम कार्यालय की भी सुविधा है. महराजगंज शहर में कॉलेज रोड पर पहले 32 मीटर चौड़ी सड़क बनाने की योजना थी, लेकिन व्यापारियों के विरोध के बाद अब 20 मीटर चौड़ी सड़क के लिए सर्वे किया गया है।
स्थानीय प्रतिक्रिया और विरोध
एनएच 730 एस का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. भूमि का अधिग्रहण हो चुका है. शहर के अंदर सर्वे हो चुका है. एनएचएआई की भूमि पर ही शहर के अंदर हाइवे बनाया जाएगा. एनएच 730 एस के लिए भूमि अधिग्रहण के बाद चौड़ीकरण कार्य में तेजी आई है. इस रूट पर पुराने पुल के स्थान पर नया पुल बनाया जा रहा है. आवागमन को बहाल रखने के लिए डायवर्जन भी बनाया गया है. बरसात के पहले सभी पुल का निर्माण पूरा होने की संभावना है. जगह-जगह सड़क बनाई भी जा चुकी है. ठूठीबारी में एनएच 730 एस के चौड़ीकरण के लिए वहां भी पीला निशान लगाया गया है. इससे व्यापारियों व लोगों में आक्रोश है. उनका कहना है कि दो साल पहले सड़क चौड़ीकरण के लिए ठूठीबारी कस्बे के अंदर बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ की गई थी. बाजार का स्वरूप बिगड़ चुका है.
तोड़े गए मकान का मुआवजा भी नहीं मिला है. अब फिर से तोड़फोड़ के लिए निशान लगाया जा रहा है. मुख्य चौराहा से मऊपाकड़ तक सर्विस लेन नहीं बनाने की बात सामने आ रही है. एनएच के निर्देश पर सर्वेयर शहर में बीच सड़क से दोनों तरफ दस-दस मीटर दूरी को चिह्नित कर निशान लगा दिया है. मऊपाकड़ से आगे धनेवा-धनेई में 32 मीटर चौड़ी सड़क बनने की बात कही जा रही है. शहर के मऊपाकड़ निवासी मनोज कुमार ने बताया कि बीच सड़क से दोनों तरफ दस-दस मीटर पर निशान लगाया गया है. उनके मकान में 2.3 मीटर सड़क अंदर जा रही है. ठीक सामने मऊपाकड़ दुर्गा मंदिर में भी 4 मीटर अंदर तक निशान लगाया गया है। राकेश अग्रहरि, ठगई, ओमप्रकाश रविंद्र आदि ने बताया कि उनके मकान में 3.3 मीटर अंदर निशान लगाया गया है. किराना दुकानदार राम सनेही ने बताया कि उनकी दुकान में 3.3 मीटर तक अंदर निशान लगाया गया है. अभी यह स्पष्ट नहीं बताया जा रहा है कि बीच सड़क से दस मीटर के अंदर ही नाला बनाया जाएगा या फिर नाला दस मीटर के बाद बनाया जा जाएगा. असमंजस की स्थिति बनी हुई है.