यूपी के इस जिले में लिंक एक्सप्रेसवे के लिए जमीन होगी अधिकृत, सत्यापन कार्य शुरू
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यूपी में लिंक एक्सप्रेसवे निर्माण को लेकर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तीव्र गति से की जा रही है इसमें क्षेत्रीय किसानों की जमीन प्रभावित हो सकती है परियोजना का सिर्फ उद्देश्य राज्य में औद्योगिक गलियारों को विकास और मजबूती प्रदान करना है. जिसमें आर्थिक वृद्धि और रोजगार के रास्ते खुलेंगे.
लिंक एक्सप्रेस में निर्माण के लिए भूमि का सत्यापन
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में लिंक एक्सप्रेसवे के लिए तहसील किसान क्षेत्र में 11 गांव में 450 से भी अधिक किसानों की जमीन अधिकृत की जाएगी. इस प्रक्रिया को लेकर लेखपालों को एक सप्ताह में गाटा सत्यापन का कार्य प्रारंभ करके पूरा करने के लिए दिशा निर्देश दिया गया है. अब सत्यापन के बाद इसका रिपोर्ट बनाकर यूपीडा को भेज दिया जाएगा. राज्य में एक्सप्रेसवे कनेक्टिविटी को मजबूत बनाने के लिए यूपीडा ने नए लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए कार्रवाई को प्रारंभ कर दिया है.
इसी बीच निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेसवे को आगरा और राजधानी लखनऊ एक्सप्रेसवे से कनेक्ट करने के लिए 92 किलोमीटर लंबे लिंग एक्सप्रेसवे के निर्माण को लेकर भोगांव तहसील क्षेत्र के 11 गांव की जमीन प्रभावित हो सकती है. अब जमीन अधिकृत करने के लिए गाटा वार विवरण भी जुटाया जा रहा है. आसपास के संबंध गांव में प्रभावित किसान गाटा सत्यापन कार्रवाई के बाद प्रारंभ करवा दिया जाएगा आगे कहा गया है कि कम से कम एक सप्ताह में गाटा सत्यापन का कार्य पूरा करवाने का निर्देश दे दिया गया है.
सत्यापन प्रक्रिया को पूरा करने का निर्देश
अब इसके अंतर्गत 11 गांव में 450 से 20 अधिक किसानों को जमीन एक्सप्रेसवे के दायरे में रखा जाएगा. अब जमीन का पूरा ब्यौरा इकट्ठा करने के लिए तहसील प्रशासन ने लेखपालों को एक्टिव मोड पर अलर्ट किया है अब एक सप्ताह में रिपोर्ट मिलने के बाद इस जानकारी को यूपीडा से साझा की जाएगी. शुक्रवार के दिन तहसीलदार गौरव अग्रवाल ने कहा है कि
कमालपुर महमूदिया, हाजीपुर बरा, दर्जनपुर, छबीलेपुर, बहदीनपुर, हुसैनपुर, अकबरपुर बीकू, मुड़ई, घूमसपुर, चनेपुर, रामनगरिया के लेखपालों को तीव्र गति से कार्य को पूरा करने का दिशा निर्देश दिया है जिसमें तहसीलदार ने कहां है कि तय समय सीमा में गाटा सत्यापन का कार्य जल्द करवाया जाए. इस लिंक एक्सप्रेसवे में भूमि अधिकरण के मामले में 450 किसने की जमीन सम्मिलित है जिसमें किसानों को उचित मुआवजा देने के लिए प्रशासन लगता सक्रिय कदम उठा रहा है किसानों से भूमि का बैनामा कराने के लिए अभियान भी चलाया जा रहा है जिसमें मुआवजा वितरण में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न ना हो.