यूपी के शिक्षामित्रों को मिली बड़ी राहत, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आदेश

उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने शुक्रवार को प्रदेश के लाखों शिक्षामित्रों को महत्वपूर्ण सौगात दी है. सरकार ने उन्हें उनके मूल विद्यालय यानी जहां से वे पहले नियुक्त हुए थे, वहीं वापसी की अनुमति दे दी है.
इस निर्णय से उन शिक्षामित्रों को विशेष लाभ होगा जिन्हें समायोजन के बाद बहुत दूर के ब्लॉकों में भेज दिया गया था. कई लोग 80 से 100 किलोमीटर दूर दूसरे गांवों व शहरों में पढ़ाने जाते थे. अब वे अपने गांव या आसपास के स्कूल में ही पढ़ा सकेंगे.
1.43 लाख शिक्षामित्र लंबे समय से सरकार से यह मांग कर रहे थे कि उन्हें मूल विद्यालय में वापस भेजा जाए. अब सरकार ने उनकी यह मांग मान ली है, अब उन्हें मानसिक राहत के साथ सफर और रहने के खर्चे से भी छुटकारा मिलेगा.
अब शिक्षामित्रों को हर रोज लंबा सफर नहीं करना पड़ेगा, और न ही किराए पर घर लेना होगा. विशेष रूप से महिला शिक्षामित्रों के लिए यह निर्णय बहुत लाभदायक साबित होगा क्योंकि वे अब अपने घर व ससुराल के पास रहकर ही नौकरी कर सकेंगी.

राज्य सरकार ने इस संबंध में 3 जनवरी 2025 को एक शासनादेश जारी किया था. इसके बाद स्कूल शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा ने इस पर आगे की कार्यवाही के लिए सरकार से मंजूरी मांगी थी.
सरकार ने अब पहले चरण में प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षामित्रों को उनके मूल विद्यालय में स्थानांतरित करने की अनुमति दे दी है.
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के प्रदेश महामंत्री सुशील यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह का आभार जताया है. इसके अतिरिक्त, शिक्षक प्रकोष्ठ के संयोजक और शिक्षक एमएलसी श्रीचंद शर्मा का भी धन्यवाद किया गया है.
सुशील यादव ने इस विषय पर कहा कि "यह फैसला शिक्षामित्रों की वर्षों पुरानी मांग को पूरा करता है और इससे विशेष रूप से महिलाओं को अधिक लाभ मिलेगी, जो अब अपने परिवार के पास रहकर बच्चों को पढ़ा सकेंगी."