यूपी के इस जिले में शहर का बढ़ेगा दायरा, जुड़ेंगे 26 गाँव
UP के इस जिले में शहर का बढ़ेगा दायरा, जुड़ेंगे 26 गांव
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आगरा नगर निगम की सीमा अब और बढ़ने वाली है। इसकी तैयारियां शुरू हो गई हैं। आखिरी बार नगर निगम की सीमा साल 2019 में बढ़ाई गई थी। तब सात गांव और सिकंदरा औद्योगिक क्षेत्र को इसमें जोड़ा गया था।
अब एक बार फिर करीब 26 गांवों को नगर निगम में शामिल करने की योजना है। अभी नगर निगम में कुल 100 वार्ड हैं। जैसे ही सीमा का विस्तार होगा, वार्डों की संख्या 100 से ज्यादा हो जाएगी। दरअसल, 2026 में पंचायत चुनाव होने हैं। इसलिए उससे पहले इन गांवों को नगर निगम में शामिल कर लिया जाएगा, ताकि ये गांव पंचायत चुनाव में शामिल न हों।
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आगरा नगर निगम की सीमा बढ़ाने की तैयारी तेज
हाल ही में मंडलायुक्त की अध्यक्षता में एक बैठक हुई, जिसमें आगरा नगर निगम की सीमा बढ़ाने पर चर्चा हुई। बैठक में नगर निगम को सीमा विस्तार की तैयारियां शुरू करने के निर्देश दिए गए। अब निगम की टीम ने नक्शा, सजरा प्लान और खसरा आदि दस्तावेजों का अध्ययन शुरू कर दिया है। नए प्लान के मुताबिक, अब नगर निगम की सीमा धनौली और अजीजपुर तक बढ़ेगी। बमरौली अहीर गांव को भी निगम में जोड़ा जाएगा। दिल्ली की तरफ नगर निगम की सीमा अरतौनी तक जाएगी, जबकि ग्वालियर रोड पर यह सीमा जखौदा तक पहुंच जाएगी।
नगर निगम का संपत्ति विभाग और निर्माण विभाग, नई सीमा तय करने की प्रक्रिया में जुट गया है। मुख्य अभियंता बीएल गुप्ता ने बताया कि इस काम के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।
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किन गांवों को नगर निगम में शामिल किया जाएगा:
लखनपुर, मोहम्मदपुर, सुनारी, अरतौनी, देवरैठा, अजीजपुर, धनौली, बमरौली अहीर, मघटई, बरौली अहीर, बगदा, मयापुर, सैमरी, लकावली, सुचैता , पथौली , स्वामी मुस्तकि, अकबपुर , जखौदा, नैनाना ब्राह्मण, नैनाना जाट, चक शिशम, नगला कली, कौलक्खा और टपरा।
नगर निगम को बड़ा नुकसान
2019 में जब नगर निगम की सीमा बढ़ी थी, तब सिकंदरा औद्योगिक क्षेत्र भी इसमें शामिल हो गया था। इससे नगर निगम को टैक्स के रूप में अच्छी खासी आमदनी होने लगी थी, और अधिकारी भी खुश थे। लेकिन अब ये औद्योगिक क्षेत्र नगर निगम के हाथ से निकल गया है। 1 अप्रैल 2025 से शासन के आदेश पर सिकंदरा और फाउंड्री की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPSIDA) को दे दी गई है। इसका मतलब ये है कि अब नगर निगम वहां से टैक्स नहीं वसूल पाएगा। इससे निगम को बड़ा नुकसान हुआ है।
अब नगर निगम बढ़ाएगा अपना लैंड बैंक
नगर निगम के पास अब खाली जमीन की कमी हो गई है। जो भी जमीन बची थी, उस पर पहले से योजनाएं बन चुकी हैं। इसलिए अब निगम का संपत्ति विभाग पुराने रिकॉर्ड खंगालकर अपनी जमीन ढूंढने में जुटा है। जिन जमीनों पर कोर्ट केस चल रहे हैं, उनकी कानूनी पैरवी भी शुरू कर दी गई है।
अब जब 26 नए गांव नगर निगम की सीमा में जुड़ेंगे, तो ग्राम सभा की जमीन भी नगर निगम को मिल जाएगी। इससे नगर निगम का लैंड बैंक बढ़ेगा और नई योजनाएं शुरू करने में मदद मिलेगी।
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वार्डों की संख्या भी बढ़ेगी
सीमा विस्तार के बाद नगर निगम का नया परिसीमन होगा। अभी नगर निगम में 100 वार्ड हैं, और उतने ही पार्षद हैं। लेकिन जब 26 गांव शामिल होंगे, तो 8 से 10 नए वार्ड और जुड़ सकते हैं। यानी पार्षदों की संख्या भी बढ़ेगी।