UP में बिजली की दरों में 30% बढ़ोतरी का प्रस्ताव, उपभोक्ता परिषद ने किया विरोध!
UP में बिजली दरों में 30% बढ़ोतरी का प्रस्ताव, परिषद का विरोध
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उत्तर प्रदेश में बिजली की नई दरों का ऐलान अगस्त के पहले हफ्ते में हो सकता है। इससे पहले 25 जुलाई को राज्य सलाहकार समिति की बैठक होगी, जिसके बाद बिजली दरों पर सुनवाई की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। समिति की बैठक से पहले 21 जुलाई को लखनऊ में बिजली की प्रस्तावित दरों पर जनसुनवाई होगी। इस जनसुनवाई में राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद, बिजली कर्मचारी संगठन और दूसरे संगठन हिस्सा लेंगे। ये सभी बिजली दरों में बढ़ोतरी और निजीकरण के विरोध में अपनी बात रखेंगे।
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष और राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि ऊर्जा क्षेत्र की राज्य सलाहकार समिति की बैठक 25 जुलाई को होगी। इस बैठक में वे बिजली दरों में किसी भी तरह की बढ़ोतरी का जोरदार विरोध करेंगे।
वर्मा ने कहा कि बिजली कंपनियों के पास
उपभोक्ताओं के 33,122 करोड़ रुपये सरप्लस में हैं। ऐसे में या तो बिजली दरों में एक बार में 45% की कटौती की जाए या फिर अगले 5 साल तक हर साल 9% की कमी की जाए। इसके अलावा बैठक में यह सवाल भी उठाया जाएगा कि जब 2025-26 के लिए बिजली दरों पर सुनवाई खत्म होने वाली है, तो ऐसे समय में बिजली कंपनियों का निजीकरण क्यों नहीं रोका जा सकता।
ध्यान देने वाली बात है कि आयोग ने बिजली
कंपनियों की सालाना खर्च (एआरआर) से जुड़े बदले हुए प्रस्ताव स्वीकार कर लिए हैं। अब तक मध्यांचल विद्युत वितरण निगम को छोड़कर बाकी कंपनियों की अलग-अलग जनसुनवाई हो चुकी है। पावर कॉरपोरेशन की बिजली कंपनियों ने इस साल के लिए 19,600 करोड़ रुपये का घाटा दिखाया है। इस नुकसान को पूरा करने के लिए कंपनियों ने बिजली दरों में 30 फीसदी बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है।
राज्य सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार करेंगे। इस बैठक में ऊर्जा, खाद्य, कृषि, सिंचाई और नगर विकास विभाग के प्रमुख अधिकारी, पावर कॉरपोरेशन के एमडी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। उपभोक्ताओं की ओर से समिति में अवधेश कुमार वर्मा भाग लेंगे।