यूपी के इन जिलों से बन रहे छोटे Expressway इन बड़े शहर को करेंगे कनेक्ट
गंगा एक्सप्रेसवे को मेरठ से प्रयागराज तक बनाने के बाद दूसरा चरण वाराणसी तक चलेगा
अब उत्तर प्रदेश में बन रहे छोटे-छोटे एक्सप्रेसवे से लंबी दूरी का सफर आसान हो जाएगा। यूपी के सबसे बड़े राजमार्गों को जोड़ने के लिए लिंक राजमार्ग पर काम चल रहा है। यूपी के पांच बड़े राजमार्ग राज्य के हर हिस्से को एक दूसरे से जोड़ेंगे।
एक्सप्रेसव का बनेगा लाइफलाइन
यूपी इस तरह का देश का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे नेटवर्क वाला राज्य भी होगा। इस तरह यूपी के चारों क्षेत्र पूर्वांचल, मध्य यूपी, बुंदेलखंड व पश्चिमी यूपी बड़े व लिंक एक्सप्रेसवे के जरिए कनेक्ट हो जाएंगे। इस नए लिंक एक्सप्रेसवे से सीधे पूर्वांचल एक्सप्रेस पर पहुंचा जा सकेगा, जहां आगरा एक्सप्रेसवे लखनऊ पर आकर खत्म होता है। झांसी-जालौन एक्सप्रेसवे, जो 125 किमी दूर है, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा। इससे मध्यप्रदेश से झांसी आने वाले लोगों को बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से आगरा एक्सप्रेसवे या गंगा एक्सप्रेसवे तक सीधे पहुंचने का आसान तरीका मिलेगा। इससे उत्तर प्रदेश के चारों हिस्सों, पूर्वांचल, मध्य, बुंदेलखंड और पश्चिमी भागों को बड़े और लिंक एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा। 598 किमी का गंगा एक्सप्रेसवे का काम 65 प्रतिशत हो गया है। डवलपर को यह काम अगले साल नवंबर तक पूरा करना है। मेरठ से प्रयागराज तक गंगा एक्सप्रेसवे बनने के बाद दूसरे चरण में आगे वाराणसी तक बनाया जाएगा।
91 का गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस पूरा हो गया है। इससे मध्यप्रदेश से झांसी आने वाले वाहन बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे होते हुए आगरा एक्सप्रेसवे या गंगा एक्सप्रेसवे तक सीधे पहुंचने का आसान विकल्प उपलब्ध होगा। इस तरह यूपी के चारों क्षेत्र पूर्वांचल, मध्य यूपी, बुंदेलखंड व पश्चिमी यूपी बड़े व लिंक एक्सप्रेसवे के जरिए कनेक्ट हो जाएंगे। आगरा एक्सप्रेसवे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे लिंक एक्सप्रेसवे (45) का लिंक एक्सप्रेसवे बनाने की तैयारी है। आगरा एक्सप्रेसवे जहां लखनऊ पर आकर खत्म होता है, वहीं से इस नए लिंक एक्सप्रेसवे के जरिए सीधे पूर्वांचल एक्सप्रेस पर पहुंचा जा सकेगा। जबकि झांसी जालौन एक्सप्रेसवे (125 किमी) बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे जुड़ेगा। इस तरह एक्सप्रेसवे में यूपी की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत है। निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे के पूरा होने पर देश के कुल एक्सप्रेसवे में आधे यूपी की हिस्से में होंगे। आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे गंगा एक्सप्रेसवे वाया फर्रुखाबाद लिंक एक्सप्रेसवे (92 किमी) गंगा एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा। इससे प्रयागराज से आगरा पहुंचना और आसान होगा।
एक्सप्रेसवे से भी बड़ा रोड नेटवर्क
उत्तर प्रदेश को कई एक्सप्रेसवे की सौगात मिल चुकी है. आने वाले कुछ समय में इस लिस्ट में कुछ और बड़े एक्सप्रेसवे के नाम जुड़ने जा रहे हैं. इन्हीं में से एक है गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे. इसकी शुरुआत सीएम सिटी गोरखपुर से होगी और यह तीन राज्यों से होकर गुजरेगा। उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे बनाने का काम चल रहा है. इस एक्सप्रेसवे की लंबाई 594 किलोमीटर होगी. इसके बनने से कई जिलों के लोगों के लिए सफर आसान हो जाएगा यह एक्सप्रेसवे मेरठ को प्रयागराज से जोड़ेगा, जिसे गंगा एक्सप्रेसवे नाम दिया गया है. इससे कई बड़े जिलों से दिल्ली तक का सफर 8 घंटे में पूरा हो जाएगा. यह एक्सप्रेसवे पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कनेक्टिविटी बढ़ाने के साथ-साथ दिल्ली से आना-जाना भी आसान बना देगा।
गंगा एक्सप्रेस-वे को ग्रीन एक्सप्रेस-वे का नाम भी दिया गया है। गंगा एक्सप्रेस-वे का काम तेजी से पूरा हो रहा है और जिस गति से इस पर काम हो रहा है। ऐसे में इसे महाकुंभ 2025 तक पूरा किया जा सकता है. इसे दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे से ही जोड़ा जाएगा। इससे दिल्ली के बीच की दूरी और कम हो जाएगी. यह 12 जिलों को जोड़ेगा. गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ, हापुड, बुलन्दशहर,अमरोहा, संभल, बदायूँ, शाहजहाँपुर,हरदोई,उन्नाव,रायबरेली,प्रतापगढ़ और प्रयागराज से होकर गुजरेगा। यह आपात स्थिति में हवाई जहाज उतारने के लिए भी तैयार किया जाएगा। मेरठ और प्रयागराज में मुख्य टोल प्लाजा होंगे और बाकी 12 रैंप टोल प्लाजा होंगे. इस पर अधिकतम गति 120 किमी प्रति घंटा तय की गई है।