यूपी के इस जिले में सड़क चौड़ी करने का काम होगा शुरू, बनेगा डिवाइडर
Uttar Pradesh News
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जिला मेरठ मुख्यालय की जनता को शीघ्र ही जाम की समस्या से निजात मिलने वाली है। जाम के कारण कई बार यात्रियों के अलावा स्थानीय लोगों को भी दिक्कतें होती हैं। अब शासन ने जिला मुख्यालय में बनने वाली मल्टीलेवल पार्किंग निर्माण की स्वीकृति दे दी है, जिस पर शीघ्र ही कार्य शुरू किया जायेगा।
जाम की समस्या से नहीं मिल रही निजात
जिला मुख्यालय में सुबह के समय कार्यालयों को जाने वाले कर्मचारी और स्कूल बसें सड़कों में निकलती हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के लोग जरूरी कार्यों के लिए नगर में पहुंचते हैं। इसके चलते दोपहर तक नगर में वाहनों का दबाव अधिक रहता है। बुधवार सुबह भराड़ी टैक्सी स्टैंड, गोमती पुल, स्टेशन रोड में जाम लगा। इससे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। नगर में संकरी सड़कों और पार्किंग के अभाव में भी जाम लग रहा है। यातायात पुलिस के जवान दिन भर तैनात होकर जाम खुलवा रहे हैं। नियमों का पालन नहीं करने वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जाम की समस्या के समाधान के लिए मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) बिजली बंबा बाईपास का चौड़ीकरण कराने जा रहा है। यानी वर्तमान में जो सड़क है, उसकी चौड़ाई बढ़ा दी जाएगी। वर्तमान में सड़क की चौड़ाई सात मीटर है, इसकी चौड़ाई बढ़ाकर 12 से 14 मीटर तक की जाएगी। बीच में डिवाइडर बनेगा, जिससे आने व जाने के लिए अलग-अलग लेन हो जाएंगी। चौड़ाई बढ़ाने के लिए जमीन का अधिग्रहण भी नहीं होगा। सरकार भी इसके अधिग्रहण के लिए धनराशि नहीं देती। इसी के समाधान के लिए यह नीति बनाई गई। इसमें यह नियम रखा गया कि जिससे जितनी जमीन निःशुल्क ली जाए उसको अतिरिक्त एफएआर व बिक्री की छूट दी जाए।
नए टर्मिनल के लिए बना विशेष प्लान
मेडा ने इसे 124वीं बोर्ड बैठक 17 अगस्त 2023 को लागू किया था। प्रदेश में सड़कों की चौड़ाई बढ़ाने में सबसे बड़ी समस्या है। सड़क के आसपास के लोगों ने जमीन तो छोड़ रखी है लेकिन वह जमीन उन लोगों की खरीदी हुई है। सरकारी विभाग सड़क की चौड़ाई तो बढ़ाना चाहते हैं, लेकिन संबंधित जमीन को खरीद नहीं पा रहे हैं। मेडा ने इसके लिए टीडीआर नीति का विकल्प निकाला था। इसी के अंतर्गत मेडा ने संबंधित किसान समेत 500 लोगों को सहमति पत्र भेजा है। संबंधित लोगों से मेडा की ओर से वार्ता पहले ही हो चुकी थी, इसलिए सहमति पत्र मिलने भी लगा है। उम्मीद है कि मार्च या अप्रैल से सड़क का निर्माण कार्य भी शुरू हो जाएगा। जितने मूल्य की जमीन बाईपास के लिए ली जाएगी, उसकी कीमत का दोगुणा एफएआर मिलेगा। इसका लाभ यह होगा कि यहां के लोग कई मंजिल ऊंचा भवन बना सकेंगे और चाहेंगे उसी में से कुछ मंजिल दूसरों को भी बेच सकेंगे। यह सब होगा प्रदेश सरकार की हस्तांतरणीय विकास अधिकारों की अनुज्ञा (टीडीआर) उपविधि 2022 से। बाईपास को चौड़ा करने के लिए मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) अब टीडीआर फार्मूले पर काम करने जा रहा है। इसके तहत संबंधित लोगों की जमीन निश्शुल्क ली जाएगी, उसके बदले में यहां के लोगों को जमीन के बदले में अतिरिक्त एफएआर (फ्लोर एरिया रेशियो) दिया जाएगा।
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