यूपी के इस जिले में 59 किलोमीटर लंबी बनेगी रिंग रोड, इन जिलों को मिलेगा लाभ

रिंग रोड के सहारे विकास की परियोजनाओं के साथ ही हवा को भी स्वच्छ रखने का इंतजाम अब सरकार कोई कसर नही छोड रही है। बरेली में रिंग रोड बनने के लिए जाम से मुक्ति मिलेगी ही, शहर के विकास को भी गति मिलेगी। रिंग रोड के किनारे ही नए आवासीय प्रोजेक्ट और औद्योगिक पार्क भी प्रस्तावित है। बरेली विकास प्राधिकरण के नगर नियोजक अजय सिंह ने बताया कि रिंग रोड बनने के बाद शहर के विकास से जुड़ीं कई परियोजनाओं को पूरा करने में मदद मिलेगी।
इसमें आवासीय, संस्थागत और औद्योगिक परियोजनाएं शामिल हैं। रिंग रोड बनने के बाद बड़े ट्रकों का शहर के अंदर प्रवेश रोके जाने की भी योजना है। इसके लिए नया ट्रांसपोर्टनगर बसाए जाने के साथ ही ट्रक टर्मिनल भी बनाए जाने हैं। औद्योगिक पार्क में लॉजिस्टिक सुविधाओं के लिए गोदाम भी बनाए जाएंगे। यहां से छोटी गाड़ियों से सामान शहर के अंदर आएगा, ताकि ट्रैफिक जाम की स्थिति नहीं बने।
दूसरे राज्यों और शहरों से आने वाले ट्रैफिक को अनावश्यक रूप से बरेली में प्रवेश से रोकने के लिए बन रही 59 किमी लंबी रिंग रोड बरेली के विकास का गलियारा भी खोलेगी। इसके बनने से आठ साल से अटकी टेक्सटाइल पार्क परियोजना पूरी हो सकेगी। आईटी पार्क, एमएसएमई इंटीग्रेटेड टाउनशिप जैसी योजनाओं को भी शुरू किया जा सकेगा। प्रस्तावित रिंग रोड पर ही झुमका चौराहा के पास 100 हेक्टेयर जमीन पर खुद प्राधिकरण की एमएसएमई इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप प्रस्तावित है।
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इसी के पास नया ट्रांसपोर्टनगर विकसित किया जाना है। रिंग रोड पर ही निजी क्षेत्र और प्राधिकरण द्वारा अलग-अलग जगहों पर आवासीय परियोजनाएं विकसित की जानी हैं। आईटी पार्क में सूचना प्रोद्योगिकी से जुड़े उद्योग विकसित होंगे। अगले 10 साल में यहां सूरत बदली हुई नजर आएगी। बरेली में रोजगार सृजन और नोएडा जैसे अपैरल हब को कच्चे माल की आपूर्ति के लिए वर्ष 2015-16 में टेक्सटाइल पार्क बनाए जाने की योजना बनी थी।
तत्कालीन केंद्रीय कपड़ा राज्यमंत्री व स्थानीय सांसद संतोष गंगवार के कार्यकाल में इस टेक्सटाइल पार्क को मंजूरी भी शहर में औद्योगिक विकास की जरूरत को देखते हुए मिल गई थी। यह टेक्सटाइल पार्क करीब 25 हेक्टेयर जमीन पर रजऊ परसपुर गांव के पास विकसित किया जाना है। यहां सड़क के दोनों तरफ 30-30 मीटर ग्रीन बेल्ट विकसित की जानी है। पहले महायोजना 2031 में रिंग रोड के 100-100 मीटर दायरे में ग्रीन बेल्ट विकसित किए जाने के लिए लैंड यूज प्रस्तावित किया गया था। अब इसे घटा दिया गया है। इन परियोजनाओं के पूरा होने से जहां बरेली के विकास में तेजी आएगी, वहीं युवाओं के लिए स्थानीय स्तर पर रोजगार के मौके भी मुहैया हो सकेंगे।