यूपी के इस जिले में रिंग रोड और सिक्सलेंन सड़कों का तेजी से हो रहा निर्माण, इन रूटों को मिलेगी तेजी

यूपी के इस जिले में रिंग रोड और सिक्सलेंन सड़कों का तेजी से हो रहा निर्माण, इन रूटों को मिलेगी तेजी
यूपी के इस जिले में रिंग रोड और सिक्सलेंन सड़कों का तेजी से हो रहा निर्माण

ट्रैफिक की दिक्कतों से राहत पाने के लिए नए साल में काशीवासियों को एक महत्वपूर्ण उपहार मिलने वाला है। शहर के भीतर आने वाले हाईवे और रिंग रोड से जुड़े फोरलेन और सिक्सलेन सड़कों का निर्माण तेजी से जारी है। इन नई सड़कों के बनने से वाहनों की गति में कोई कमी नहीं आएगी, जिससे यातायात सुगम होगा। इस परियोजना में कुल छह सड़कों का निर्माण किया जा रहा है, जिनमें से पांच फोरलेन और एक सिक्सलेन सड़क शामिल है। इन सड़कों का कार्य प्रगति पर है और उम्मीद है कि जल्द ही ये सड़कों का उपयोग जनता के लिए शुरू हो जाएगा। इस विकास से शहर में यातायात की भीड़भाड़ कम होगी और यात्रियों को बेहतर सुविधा मिलेगी।

प्रशासनिक अधिकारियों को योजना की समय पर पूर्णता सुनिश्चित करने के लिए निगरानी करने का कार्य सौंपा गया है। सड़क चौड़ीकरण में बाधा डाल रहे 98 प्रतिशत अवैध निर्माणों को तोड़ दिया गया है। वहीं, कुछ मकान अभी भी बचे हुए हैं, जिनके मामले न्यायालय में चल रहे हैं। हालांकि, इन बचे हुए मकानों के अगल-बगल सड़क चौड़ीकरण का कार्य जारी है। प्रशासन का उद्देश्य है कि सभी बाधाओं को दूर करके योजना को सफलतापूर्वक पूरा किया जा सके।

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प्रदेश में योगी सरकार के पुनः गठन के बाद लोक निर्माण विभाग ने हाइवे और रिंग रोड से शहर के भीतर आने वाली छह प्रमुख सड़कों पर काम को तीव्र गति से प्रारंभ कर दिया है। जिला प्रशासन और लोक निर्माण विभाग को इन सड़कों का सर्वेक्षण करने और प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया गया है। जैसे ही प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए, मुख्यमंत्री ने तुरंत बजट को मंजूरी दे दी और कार्य को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक निर्देश दिए। 

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इस तेजी से हो रहे कार्यों से क्षेत्र के विकास में तेजी आएगी और नागरिकों को बेहतर यातायात सुविधाएं उपलब्ध होंगी। सरकार का यह कदम शहर के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही, यह क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगा।

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हाल ही में, हाईवे और रिंग रोड से जुड़ी छह प्रमुख सड़कों का निर्माण कार्य तेजी से प्रगति पर है। अधिकारियों का कहना है कि दिसंबर तक सभी कार्यदायी संस्थाओं को अपने काम को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। हालांकि, विभिन्न स्थानों पर अतिक्रमण की समस्या और न्यायालय में चल रहे मामलों के कारण कार्य की गति में कुछ बाधाएं आई हैं। 

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स्थानीय प्रशासन ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है और अतिक्रमण हटाने के लिए आवश्यक कदम उठाने की योजना बनाई है। इसके साथ ही, न्यायालय में चल रहे मामलों का समाधान भी प्राथमिकता पर है। उम्मीद जताई जा रही है कि इन समस्याओं के समाधान के बाद, निर्माण कार्य में तेजी आएगी और नागरिकों को बेहतर सड़क सुविधाएं जल्द ही मिल सकेंगी।

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कार्यदायी संस्थाओं की अनदेखी के कारण एक महत्वपूर्ण योजना की प्रगति एक वर्ष पीछे हो गई है। काम की धीमी गति को देखते हुए मुख्यमंत्री, लोक निर्माण मंत्री, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, मंडलायुक्त और जिलाधिकारी ने जांच किया और अपनी क्रोध व्यक्त किया। यह स्थिति दर्शाती है कि प्रशासनिक स्तर पर उचित निगरानी की कमी है, जिससे विकास कार्यों में बाधा उत्पन्न हो रही है। अधिकारियों की इस असंतोषजनक प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट है कि भविष्य में ऐसी समस्याओं से बचने के लिए कार्यप्रणाली में सुधार की आवश्यकता है।

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जिलाधिकारी ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए जिले की सड़कों की देखरेख का जिम्मा प्रत्येक मजिस्ट्रेट को दिया है। इस निर्णय का सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला है, और अब तक कार्य लगभग 80 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है। 

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इसके अतिरिक्त, लोक निर्माण विभाग ने सभी कार्यदायी संस्थाओं पर जुर्माना लगाने की कार्रवाई शुरू कर दी है। विभाग ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि दिसंबर महीने तक सभी कार्यों को हर हाल में पूर्ण किया जाए। यह कदम सड़कों की स्थिति में सुधार लाने और नागरिकों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए उठाया गया है।

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कैंट से मोहनसराय तक के विकास कार्यों की योजना तेजी से आगे बढ़ रही है। इस परियोजना की कुल लागत 412.53 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है, जिसमें 13 किलोमीटर की लंबाई शामिल है। इसके अलावा, कलेक्ट्री फार्म से रिंग रोड तक की सड़क निर्माण का कार्य भी चल रहा है। इस खंड की लागत 272 करोड़ रुपये है और इसकी लंबाई 8.6 किलोमीटर है।

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पांडेयपुर से रिंग रोड तक के मार्ग का निर्माण कार्य तेजी से प्रगति पर है, जो काली मंदिर होते हुए आवास विकास कालोनी से जुड़ता है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना की कुल लागत 218.66 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है। इस मार्ग की कुल लंबाई 6.5 किलोमीटर है, जिसमें काली मंदिर से आवास विकास कालोनी तक का हिस्सा 2.40 किलोमीटर है, जबकि पांडेयपुर चौराहे से रिंग रोड तक का फोरलेन 4.10 किलोमीटर लंबा होगा। 

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लहरतारा से शुरू होकर बीएचयू और रविंद्रपुरी कालोनी होते हुए विजया सिनेमा तक का फोरलेन मार्ग निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। इस महत्वपूर्ण सड़क की कुल लंबाई 9.512 किलोमीटर है, जबकि इसके निर्माण पर अनुमानित लागत 241.80 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है। अधिकारियों का कहना है कि यह फोरलेन सड़क बीएचयू और अन्य प्रमुख स्थानों के बीच बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगी, जिससे लोगों को आवागमन में सुविधा होगी। इस परियोजना के पूरा होने से लहरतारा और उसके आस-पास के क्षेत्रों में विकास की नई संभावनाएं खुलेंगी।

कचहरी से संदहा तक का मार्ग, जो आशापुर से होकर गुजरता है, चार लेन का है। इस सड़क की कुल लंबाई 9.325 किलोमीटर है और इसे बनाने में कुल 241 करोड़ रुपये की लागत आई है। इसके अलावा, पड़ाव से टेंगरा मोड़ तक का मार्ग भी महत्वपूर्ण है, जिसकी कुल लंबाई 6.8 किलोमीटर है। इस परियोजना की लागत 198.54 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है। 

इस परियोजना का उद्देश्य क्षेत्र के यातायात को सुगम बनाना और विकास को गति देना है। स्थानीय निवासियों को उम्मीद है कि इस सड़क के निर्माण से न केवल यात्रा का समय कम होगा, बल्कि क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों में भी वृद्धि होगी। अधिकारियों का मानना है कि यह मार्ग वाराणसी और आजमगढ़ के बीच बेहतर संपर्क स्थापित करेगा।

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