यूपी के इस जिले में बिना ड्राइवर के चली मेट्रो, एक ही ट्रैक पर आई आमने सामने
![यूपी के इस जिले में बिना ड्राइवर के चली मेट्रो, एक ही ट्रैक पर आई आमने सामने](https://bhartiyabasti.com/media-webp/2025-02/metro-run--(1).png)
कानपुर में अंडर ग्राउंड मेट्रो के संचालन के लिए टेस्ट रन शुरू कर दिए गए हैं। टेस्ट रन के दौरान दो मेट्रो ट्रेनों को आमने-सामने दौड़ाया गया। ट्रेनें आमने-सामने आते ही अपने आप ठहर गईं। जानकारी के मुताबिक, इस प्रक्रिया को एटीओ मोड कहा जाता है। इसके साथ ही बिना ड्राइवर के भी मेट्रो का सफल टेस्ट रन पूरा किया गया।
बिना ड्राइवर कानपुर मेट्रो ने लगाई दौड़
कानपुर शहर में मेट्रो का जाल बिछाया जा रहा है। पहले से संचालित रूट पर विस्तार जारी है। वहीं दूसरे एलिवेटेड कॉरिडोर पर तेजी से निर्माण कार्य जारी है। आने वाले दिनों में शहरवासी आईआईटी से मोतीझील के आगे भी मेट्रो का सफर कर सकेंगे। इसके लिए ट्रायल रन पूरा कर लिया गया है। ऑरेंज लाइन पर आईआईटी से मोतीझील तक मेट्रो पांच भूमिगत स्टेशनों को कनेक्ट करते हुए सेंट्रल स्टेशन तक चलाई जाएगी। इस अंडर ग्राउंड टनल में टेस्ट रन शुरू कर दिए गए हैं। ड्राइवर लेस ;यानी बिना ड्राइवर मेट्रो चलाकर ट्रायल पूरा किया गया जो सफल रहा। इसके टनल के अंदर एक ट्रैक पर दो मेट्रो ट्रेनों को आमने.सामने दौड़ाया गया। एटीओ मोड पर चलाई गईं दोनों ट्रेनें आमने-सामने आते ही रुक गईं। अंडरग्राउंड टनल में टेस्ट शुरू किए गए। मेट्रो बिना ड्राइवर दौड़ाई गई। एनओसी के बाद मोतीझील से सेंट्रल स्टेशन तक यात्री सेवा की शुरूआत की जाएगी। अंडर ग्राउंड सेक्शन पर कानपुर मेट्रो ने टेस्ट शुरू कर दिए। बुधवार को टेस्ट के दौरान टनल के अंदर मेट्रो को एक ट्रैक पर आमने-सामने दौड़ाया गया। ट्रेन आमने-सामने आते ही अपने आप रुक गई। इसे एटीओ मोड कहा जाता है। इसके अलावा बिना ड्राइवर के भी मेट्रो का टेस्ट रन पूरा किया गया।
दो ट्रेनों का हुआ आमना-सामना
नई टेक्नोलॉजी से लैस कानपुर मेट्रो ऑटोमेटिक ट्रेन ऑपरेशन मोड में कम्यूनिकेशन बेस्ड ट्रेन कंट्रोल सिस्टम सिग्नलिंग प्रणाली से चलती है। इस मोड से संचालन से जुड़ी अधिकतर क्रियाएं ऑटोमेटिक होने की वजह से से किसी प्रकार ह्यूमन इरर ;मानवीय भूल से दुर्घटना की संभावना न के बराबर है। फिलहाल सभी प्रकार के टेस्ट से जुड़े रिजल्ट का विश्लेषण इंटर्नल सेफ्टी ऑडिट किया है, जिसमें विदेशी एजेंसियों की राय ली गई है। मेट्रो अफसरों का कहना है कि सीएमआरएस की एनओसी के बाद मोतीझील से सेंट्रल स्टेशन तक यात्री सेवा की शुरूआत की जाएगी। इन सबके बीच अंडरग्राउंड रूट पर सिग्नलिंग टैक्शन, ट्रैक, रोलिंग स्टॉफ, पावर सप्लाई आदि से जुड़ी टेस्टिंग भी की जा रही है। बताया कि अत्याधुनिक और नवीनतम तकनीक से लैस कानपुर मेट्रो ऑटोमेटिक ट्रेन ऑपरेशन मोड में कम्यूनिकेशन बेस्ड ट्रेन कंट्रोल सिस्टम सिग्नलिंग प्रणाली से चलती है। इस मोड में संचालन से जुड़ी अधिकतर क्रियाएं ऑटोमैटिक होने की वजह से किसी भी प्रकार की मानवीय भूल से दुर्घटना होने की संभावना न के बराबर है। सभी प्रकार के टेस्ट से जुड़े परिणामों का विश्लेषण इंटर्नल सेफ्टी ऑडिट में किया गया है। जिसमें विदेशी एजेंसियों की भी राय ली गई है।