यूपी के इन 53 गाँव की ली जाएगी जमीन, बिछेगी 240 किलोमीटर लंबी रेल लाइन
बजट में सभी राज्यों को ध्यान में रखकर घोषणाएं की गई। बजट में शिक्षा, रोजगार, सड़क, व्यापार सहित तमाम क्षेत्रों में घोषणाएँ की गई। केंद्रीय बजट को लेकर अब नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आ रही है। इसी कड़ी में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बड़ा बयान दिया है।
बुनियादी ढांचे का आधुनिकीकरण, मुख्य उद्देश्य और प्राथमिकताएँ
रेलवे बजट 2025 का महत्व
विकसित भारत के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्री ने कृषि, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम निवेश और निर्यात क्षेत्रों को भी विशेष महत्व दिया है। कवच प्रणाली को लागू करने की योजना है, जिसका उद्देश्य ट्रेन दुर्घटनाओं को रोकना और यात्री सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। यह सिस्टम स्वचालित रूप से ट्रेन के बीच टकराव को रोकने में मदद करेगा। रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास किया जाएगा, विशेष रूप से उन स्टेशनों पर ध्यान दिया जाएगा जो यात्री सुविधाओं के मामले में पुराने हो चुके हैं। बलरामपुर विकास खंड का हंसुवाडोल गांव पहला हाल्ट स्टेशन होेगा। झारखंडी रेलवे स्टेशन पर गोंडा-गोरखपुर रेल लाइन से बहराइच-खलीलाबद रेल लाइन को जोड़ा जाएगा। भगवतीगंज स्थित बलरामपुर रेलवे स्टेशन से उतरौला के लिए रेल लाइन का विस्तार किया जाएगा। इसे लेकर किसानों में बेचौनी है। आला अधिकारी भूमि अधिग्रहण शुरू होने की उम्मीद जता रहे हैं। इस रेल लाइन के लिए 2014 में सर्वे के लिए बजट मिला था। इस वर्ष बहराइच-श्रावस्ती-बलरामपुर 80 किमी रेल लाइन बिछाने के लिए 620 करोड़ मिला। बहराइच से खलीलाबाद तक 32 स्टेशन प्रस्तावित है, जिसमें यहां छह नए स्टेशनों का निर्माण होगा। बहराइच व श्रावस्ती के बीच 10 नए स्टेशन बनेंगे। इसमें श्रावस्ती, इकौना, बहराइच, अजतापुर, धुसवा, बरेडरा, हरिहरपुर रानी, भिनगा, विशुनापुर, रामनगर व लक्ष्मनुपर गोरपुरवा स्थल शामिल हैं। उतरौला से बहराइच जनपद की सीमा तक 240.264 किलोमीटर लंबाई में रेलवे लाइन बिछाई जानी है। बलरामपुर जिले में 53 गांवों में रेल पटरी बिछाने के लिए किसानों के भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। खेतों में पत्थर लगा है। जिन किसानों की जमीन अधिग्रहित होनी है। वह प्रशासनिक कार्रवाई की प्रतीक्षा में है।