उत्तर प्रदेश में ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण अयोध्या शहर को अब ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे के लिए विकास की एक नई दिशा मिलने जा रही है। अयोध्या को दिल्ली और अन्य प्रमुख शहरों से जोड़ने के लिए ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे परियोजना को लेकर प्रदेश सरकार ने कदम उठाना शुरू कर दिया है।
जमीन की खरीद.बिक्री पर रोक, तीन तहसीलों में होगा निर्माण
इस परियोजना के लिए आवश्यक जमीन का अधिग्रहण कार्य भी तेज़ी से शुरू हो गया है, जिससे अयोध्या और आसपास के क्षेत्रों में परिवहन नेटवर्क को सुधारने के साथ.साथ विकास की नई संभावनाएँ खुलेंगी। अयोध्या में ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिए बड़ी कार्रवाई की गई है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना जारी कर दी है। बीकापुर तहसील में चौरे चदौली, रंडौली, बैतीकला समेत 39 गांव प्रभावित होंगे। सदर तहसील के सूखापुर इटौरा, बिरौली सहित 5 गांव और सोहावल तहसील के मधुपुर, पलिया रिसाली समेत 8 गांवों में जमीन की खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी गई है। प्रभावित गांव अयोध्या-प्रयागराज हाईवे से पूर्व दिशा में 3 से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। कुछ महीने पहले कटका सुल्तानपुर से अयोध्या तक सिक्सलेन के लिए ड्रोन से सर्वे किया जा चुका है। इस मार्ग की चौड़ाई लगभग 150 मीटर होगी। अपर जिलाधिकारी भू अभिलेख अरुण मणि तिवारी ने तहसीलदार और उप निबंधक अमृता जायसवाल को पत्र भेजा है। इसमें इन गांवों की जमीन के भू-उपयोग में किसी भी तरह का बदलाव न करने का निर्देश दिया है।
ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस के लिए अयोध्या में जमीन अधिग्रहण
ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे एक नई आधुनिक सड़क नेटवर्क होगी, जो विशेष रूप से महत्वपूर्ण शहरों और क्षेत्रों को जोड़ने के लिए बनाई जाएगी। अयोध्या में इस एक्सप्रेसवे के बनने से यहां आने.जाने में सुविधा होगी और यह राज्य के विकास में अहम योगदान देगा। ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे के माध्यम से अयोध्या को प्रमुख शहरों से जोड़ा जाएगा, जिससे यात्रा का समय कम होगा और यातायात की समस्या का समाधान होगा। अयोध्या-सुल्तानपुर के बीच फोरलेन एक्सेस कंट्रोल्ड हाई स्पीड कॉरिडोर का निर्माण होना है। इसके लिए तीन तहसीलों के गांवों की जमीन ली जाएगी। बीकापुर तहसील के 39, सदर तहसील के 5 और सोहावल तहसील के 8 गांव इस परियोजना में शामिल हैं। इस एक्सप्रेसवे का निर्माण अयोध्या को न केवल उत्तर प्रदेश के अन्य हिस्सों से जोड़ने के लिए किया जा रहा हैए बल्कि इसका उद्देश्य क्षेत्रीय आर्थिक विकास को बढ़ावा देना भी है। खासतौर पर यह परियोजना पर्यटन उद्योग और व्यापार को बढ़ावा देने में मददगार साबित होगी क्योंकि अयोध्या धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से एक प्रमुख स्थल है।