यूपी के इस जिले में तैयार हो गई एलीवेटेड सड़क, दिल्ली जानें में होगी आसानी
उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से दिल्ली के अक्षरधाम तक का ऊंचा मार्ग अब पूरी तरह से तैयार हो चुका है। हालांकि, इसे आम जनता के लिए चालू करने के लिए अभी शुभ मुहूर्त का इंतजार किया जा रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग और परिवहन मंत्रालय द्वारा मुहूर्त तय करने के पश्चात ही इस मार्ग को खोलने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
इस परियोजना के सफल कार्यान्वयन से बागपत और आसपास के क्षेत्रों के विकास में भी तेजी आएगी। स्थानीय लोगों को इस नई सड़क से काफी उम्मीदें हैं और वे इसके शुरू होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के अक्षरधाम से खेकड़ा तक के खंड में एलिवेटेड सड़क को निर्मित करने का कार्य 1323 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है। इस परियोजना का प्रारंभिक लक्ष्य दिसंबर 2023 निर्धारित किया गया था। लेकिन समय सीमा के भीतर काम पूरा नहीं हो सका। इसके पश्चात, निर्माण कार्य को मार्च 2024 तक समाप्त करने का आश्वासन दिया गया था, ताकि चुनाव आचार संहिता लागू होने से पूर्व इसे चालू किया जा सके।
हालांकि, इस बार भी निर्माण कार्य समय पर पूरा नहीं हो पाया है, जिससे स्थानीय निवासियों में निराशा और चिंता बढ़ गई है। परियोजना की देरी ने न केवल यातायात में बाधा उत्पन्न की है, बल्कि इससे क्षेत्र के विकास पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। अब देखना यह होगा कि संबंधित अधिकारी इस स्थिति को कैसे संभालते हैं और कब तक इस महत्वपूर्ण परियोजना को पूरा कर पाते हैं।
खेकड़ा ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से अक्षरधाम तक के खंड को निर्मित करने का कार्य अब पूरा हो चुका है और इसका परीक्षण भी सफलतापूर्वक किया जा चुका है। हालांकि, पिछले एक महीने से इसके उद्घाटन की तारीख का निर्धारण नहीं हो पाया है। एनएचएआई के अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है, और अब राष्ट्रीय राजमार्ग और परिवहन मंत्रालय को इस एलिवेटेड सड़क के उद्घाटन की तिथि निर्धारित करने की आवश्यकता है।
इस सड़क के खुलने से वाहन चालकों को काफी सुविधा मिलेगी, जिससे वे दिल्ली तक का सफर अधिक सुगम और तेज़ बना सकेंगे। स्थानीय निवासियों और यातायात विशेषज्ञों का मानना है कि इस सड़क के उद्घाटन से क्षेत्र में यातायात की भीड़ कम होगी और यात्रा का समय भी घटेगा। सभी को इस उद्घाटन का बेसब्री से इंतज़ार है, ताकि वे इस नए मार्ग का लाभ उठा सकें।