यूपी के इन 13 रूटों पर 513 करोड़ रुपए से अंडरग्राउंड होगी बिजली लाइन

यूपी के इन 13 रूटों पर 513 करोड़ रुपए से अंडरग्राउंड होगी बिजली लाइन
यूपी के इन 13 रूटों पर 513 करोड़ रुपए से अंडरग्राउंड होगी बिजली लाइन

उत्तर प्रदेश में स्थित वाराणसी में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने बिजली के तारों को अंडरग्राउंड करने की योजना बनाई है। यह कार्य 13 प्रमुख मार्गो पर किया जाएगा, जिससे शहर की विद्युत आपूर्ति में सुधार होगा। इस तीसरे चरण में विश्वनाथ मंदिर, बीएचयू, सारनाथ, टीएफसी, गोदौलिया और रामनगर जैसे महत्वपूर्ण स्थलों को सम्मिलित किया गया है। इस परियोजना के लिए आवश्यक टेंडर भी घोषित कर दिए गए हैं, जिससे काम जल्दी शुरू होने की उम्मीद है। इससे शहर की सुंदरता में वृद्धि होगी, बल्कि बिजली की आपूर्ति में भी स्थिरता आएगी।

शहर में बिजली की व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है। पूरे शहर में बिजली के तारों को अंडरग्राउंड करने का व्यापक अभियान चलाने की योजना बनाई गई है। इस परियोजना के तीसरे चरण में, शहर के आधे से ज्यादे क्षेत्रों के लिए अंडरग्राउंड बिजली लाइनों के प्रस्ताव को स्वीकृति मिल गई है। 

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इस कार्य के अंतर्गत, शहर के 13 प्रमुख रूटों पर उच्च व निम्न वोल्टेज की लाइनों को अंडरग्राउंड किया जाएगा। इस महत्वाकांक्षी परियोजना का कुल बजट 513 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है। इस कदम से शहर की बिजली व्यवस्था में एक नई क्रांति आने की उम्मीद है।

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इस योजना के अंतर्गत, शहर के कई प्रमुख मार्गों पर ऊँची और निम्न वोल्टेज की लाइनों को अंडरग्राउंड करने की योजना बनी है। इनमें से कुछ हैं टीएफसी से रिंग रोड, मुनारी रिंग रोड से सारनाथ, ताज होटल, छावनी क्षेत्र, एमएम रोड-वीआइपी रोड, आशापुर से पुराना पुल, नमो घाट क्षेत्र, चौकाघाट से नमो घाट, गोदौलिया से विश्वेश्वरगंज, रामनगर किला से पंचवटी, साजन तिराहा से रुद्राक्ष, नाटी ईमली-संपूर्णानंद, रथयात्रा, महमूरगंज, मंडुवाडीह, विश्वनाथ मंदिर, बीएलडब्ल्यू से बीएचयू क्षेत्र को सम्मिलित किया गया है। इस परियोजना के तहत यहाँ के कई प्रमुख स्थानों को शामिल किया गया है। इसका लक्ष्य शहर की बिजली व्यवस्था में सुधार और स्थिरता लाना है। यह योजना नागरिकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए कदम उठाने का प्रयास कर रही है।

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शहर में अभी तक केवल 30% इलाकों के बिजली के तारों को अंडरग्राउंड किया जा सका है। इसके बावजूद, बाकी के इलाकों में लोग लटकते तारों के जंजाल से परेशान हैं। यह स्थिति आए दिन शॉर्ट सर्किट और स्पार्किंग की घटनाओं को जन्म देती है, जिससे आग लगने की घटनाएँ बढ़ रही हैं। 

इस समस्या का सामना पूर्वांचल की सबसे बड़ी दवा मंडी सप्तसागर, दाल मंडी, हड़हा सराय, छत्ता तले, और नारियल बाजार जैसे इलाकों में भी करना पड़ रहा है। संकरी गलियों में बिजली के तारों के टूटने से न केवल यातायात में बाधा उत्पन्न हो रही है, बल्कि स्थानीय निवासियों की सुरक्षा भी खतरे में पड़ रही है। 

स्थानीय प्रशासन को इस समस्या के समाधान के लिए जल्द से जल्द कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि नागरिकों को सुरक्षित और स्थिर बिजली आपूर्ति मिल सके। इस दिशा में कार्यवाही न होने पर, आने वाले समय में यह समस्या और भी गंभीर हो सकती है।

संजय सिंह जो की दवा विक्रेता समिति के महासचिव हैं उन्होंने जानकारी दी है कि इस वर्ष 31 अगस्त को और भी कई मौकों पर यहां लटकते हुए तारों के कारण आग लगने की घटनाएं हुई हैं। उन्होंने बताया कि लटकते तारों को हटाने के लिए संबंधित विभाग को कई बार शिकायतें की गई हैं, लेकिन अब तक इस समस्या का कोई समाधान नहीं निकला है। 

संजय सिंह ने कहा कि यह स्थिति बेहद चिंताजनक है और लोगों की सुरक्षा के लिए तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से अपील की कि वे इस गंभीर मुद्दे को प्राथमिकता दें और लटकते तारों को जल्द से जल्द हटाने के लिए आवश्यक कदम उठाएं। 

इस तरह की घटनाएं न केवल संपत्ति को नुकसान पहुंचाती हैं, बल्कि लोगों की जान को भी खतरे में डालती हैं। समिति ने कहा कि अगर जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो वे मजबूर होंगे कि और भी सख्त कदम उठाएं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के महत्वपूर्ण योजना के तहत 2017 में काशी में पहली बार कई महत्वपूर्ण इलाकों में अंडरग्राउंड बिजली लाइन बिछाई गई। इस कदम के परिणामस्वरूप, इन क्षेत्रों में लो-वोल्टेज, स्थानीय फॉल्ट, बिजली चोरी और अनावश्यक बिजली कटौती की दिक्कतें समाप्त हो गई हैं। इसके अलावा, लाइन लॉस की समस्या भी काम हो गई है। प्रथम चरण में रविंद्रपुरी, कबीरनगर, दुर्गाकुंड और खोजवां जैसे इलाकों में यह व्यवस्था लागू की गई थी। 

इस सुधार के फलस्वरूप, स्थानीय निवासियों को स्थिर और विश्वसनीय बिजली आपूर्ति मिल रही है, जिससे उनकी दैनिक जीवन में सुधार आया है। अंडरग्राउंड बिजली लाइन के कारण, न केवल बिजली की गुणवत्ता में सुधार हुआ है, बल्कि इससे सुरक्षा भी बढ़ी है, क्योंकि खुले तारों की समस्या खत्म हो गई है। यह पहल काशी के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है।

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