यूपी के इस रेल लाइन का काम तेज, इन 7 गाँव की 43.22 हेक्टेयर जमींग की होगी रजिस्ट्री
भारतीय रेल लाइन विभाग ने भूमि अधिगृहीत के लिए 295 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। रेल लाइन मऊ जिले के दोहरीघाट, गोठा, नई बाजार, कोरौली सहित सात गांवों से होकर गुजरेगी। इस परियोजना में तीसरे चरण का काम मार्च 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
भूमि अधिग्रहण के बाद रजिस्ट्री कराने की प्रक्रिया तेज हो गई है। दोहरीघाट-सहजनवां नई रेल लाइन को तीन चरणों में चार साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए भूमि अधिग्रहण और रजिस्ट्री प्रक्रिया जल्द ही पूरी कर ली जाएगी।2027 तक नई रेल लाइन के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। प्रोजेक्ट पूरा हो जाने से गोरखपुर से वाराणसी की दूरी कम हो जाएगी। साथ ही गोरखपुर से दोहरीघाट होते हुए वाराणसी, प्रयागराज और लखनऊ के लिए भी ट्रेनें चलने लगेंगी।
दोहरीघाट से इंदारा होते हुए मऊ और वाराणसी रेलमार्ग से जुड़ जाएगा। लगभग 1200 मीटर लंबे पुल के निर्माण के लिए टेंडर भी जारी कर दिया गया है। इस रेल लाइन पर दो ऊपरगामी पुल, 15 अंडरपास, महत्वपूर्ण 11 बड़े पुल और 47 छोटे पुल का निर्माण किया जाना है। यह प्रोजेक्ट तीन चरणों में पूरा होगा। रेल लाइन परियोजना का निर्माण होने से जहां हजारों लोगों को रोजी-रोटी का साधन उपलब्ध होगा। वहीं क्षेत्र का पिछड़ापन भी दूर होगा।
मऊ जिले की लगभग 43.22 हेक्टेयर सहित गोरखपुर की 359 एकड़ भूमि की रजिस्ट्री कराई जाएगी। रेल लाइन चार साल में बिछाई जाएगी। शिविर के जरिये किसानों से प्रपत्र लिए जाएंगे। मिट्टी भराई आदि के लिए एजेंसी नामित कर दी गई है। वहीं सरयू नदी पर सबसे लंबा पुल बनाया जाएगा। दोहरीघाट रेल परियोजना के तहत भूमि रजिस्ट्री कराने की प्रक्रिया जल्द ही पूरी होगी। यह रेल लाइन मऊ जिले के सात गांवों और गोरखपुर के 112 गांवों से होकर गुजरेगी।