यूपी में इन 13 जिलों का होगा फायदा, सीएम योगी ने किया ऐलान
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण घोषणा की है, जिसमें प्रदेश के 13 प्रमुख शहरों में शहरी विस्तार योजना के तहत विकास कार्यों की शुरुआत की जाएगी. इस पहल का उद्देश्य इन शहरों के अव्यवस्थित विकास को नियंत्रित करना और उन्हें व्यवस्थित रूप से विकसित करना है.
शहरी विस्तार योजना के तहत विकास कार्यों की शुरुआत
इन शहरों के अव्यवस्थित विकास को नियंत्रित करना और उन्हें व्यवस्थित रूप से विकसित करना। 13 प्रमुख शहरों में शहरी विस्तार योजना के तहत विकास कार्यों की शुरुआत की जाएगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पहल की घोषणा की है. मुख्यमंत्री ने शहरी विस्तार योजना के तहत 13 शहरों में नई आवासीय परियोजनाएं शुरू करने का ऐलान किया. इनमें झांसी, बरेली, अलीगढ़, सहारनपुर, आगरा, कानपुर, मथुरा, मुरादाबाद, बुलंदशहर, गाजियाबाद, मेरठ और लखनऊ शामिल हैं. उन्होंने कहा कि जून 2025 से दिसंबर 2025 के बीच इन सभी परियोजनाओं की शुरुआत होनी चाहिए.
शहरी विकास को लेकर मुख्यमंत्री के यह निर्देश आने वाले वर्षों में उत्तर प्रदेश की तस्वीर बदलने की तैयारी का संकेत हैं. सरकार का उद्देश्य है कि शहरों का विकास न सिर्फ तेज हो, बल्कि पारदर्शी, पर्यावरण के अनुकूल और आम आदमी के लिए लाभकारी भी हो. यूपी-एससीआर (उत्तर प्रदेश-स्टेट कैपिटल रीजन) की प्रगति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना से लखनऊ, बाराबंकी, उन्नाव, हरदोई, सीतापुर और रायबरेली को जोड़ा जा रहा है और यह 27,826 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली होगी. उन्होंने डीपीआर की प्रक्रिया में और देरी न करने को कहा. सरकार की मंशा है कि इन योजनाओं से प्रदेश में निजी निवेश को बढ़ावा मिले, शहरों में मकान और रोजगार दोनों मिलें और विकास का लाभ हर तबके को मिले. मुख्यमंत्री ने रेरा पोर्टल और यूपी हाउसिंग एप को और ज्यादा सरल और पारदर्शी बनाने पर भी जोर दिया. बैठक में ग्रीन बिल्डिंग, सोलर रूफटॉप और जल संरक्षण जैसे उपायों को अनिवार्य शहरी मानकों में शामिल करने की सिफारिश की गई.
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योजना का उद्देश्य और महत्व
यह योजना प्रदेश के शहरी क्षेत्रों के समग्र विकास में महत्वपूर्ण योगदान करेगी और नागरिकों को बेहतर जीवन सुविधाएं प्रदान करेगी. जिलों में शहरी विस्तार योजना के तहत विकास कार्यों की शुरुआत करने की घोषणा की है. इस पहल का उद्देश्य राज्य के प्रमुख शहरी क्षेत्रों में अव्यवस्थित विकास को नियंत्रित करना और उन्हें सुव्यवस्थित तरीके से विकसित करना है। मुख्यमंत्री ने इस योजना के तहत किए जाने वाले कार्यों के बारे में जानकारी दी और इसके जरिए नागरिकों को बेहतर जीवन सुविधाएं प्रदान करने का वादा किया. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य के सभी नगरों के लिए तैयार किए जा रहे जीआईएस आधारित मास्टर प्लान मई के अंत तक अनुमोदित हो जाने चाहिए. उन्होंने लखनऊ, आगरा और कानपुर में चल रही मेट्रो परियोजनाओं को तय समय में पूरा करने के निर्देश भी दिए. मुख्यमंत्री ने बताया कि कानपुर मेट्रो का बड़ा हिस्सा बनकर तैयार हो चुका है, और लखनऊ मेट्रो के चारबाग से बसंतकुंज तक के सेक्शन पर काम तेजी से चल रहा है.
योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ विकास प्राधिकरण के सीमा विस्तार की जरूरत बताई और जेपीएनआईएसी संस्थान को शीघ्र हस्तांतरित करने के निर्देश भी दिए. लखनऊ में बनने जा रहे ₹900 करोड़ के कन्वेंशन सेंटर को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दो साल में पूरा होना चाहिए और ‘नए लखनऊ’ की पहचान बनेगा. इस बैठक में यह जानकारी भी दी गई कि भवन निर्माण एवं विकास उपविधि-2025 के लिए आम लोगों से सुझाव मांगे गए हैं और उन्हें ध्यान में रखते हुए अंतिम रूप तैयार किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने शहरी नियोजन से जुड़ी सभी नीतियों को समन्वित रूप से लागू करने के लिए कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहरी विकास और नियोजन को लेकर शनिवार को एक अहम बैठक की. इस दौरान उन्होंने साफ निर्देश दिए कि विकास प्राधिकरणों में भवन मानचित्रों से जुड़े जो भी मामले लंबे समय से लटके हैं, उनका एकमुश्त निस्तारण किया जाए. उन्होंने कहा कि बेवजह बार-बार आपत्ति लगाकर लोगों को परेशान करना ठीक नहीं है. जरूरी है कि नियमों को सरल बनाया जाए और तय समयसीमा में सभी लंबित मामलों का निपटारा हो.