गोरखपुर से इस रूट पर अब ट्रेन भरेंगी फर्राटा, बढ़ाई गई स्पीड लिमिट

गोरखपुर में रेलवे ने जंक्शन और कैंट स्टेशन के बीच नई रेल लाइन पर ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाकर 110 किलोमीटर प्रति घंटा कर दी है. इससे यात्रा समय में कमी आएगी और यात्रियों को बेहतर सुविधा मिलेगी.
गोरखपुर-कैंट नई लाइन पर 110 की रफ्तार से दौड़ी ट्रेन
पूर्वोत्तर रेलवे ने इस रूट पर पटरियों की मजबूती बढ़ाई है, जिससे ट्रेनों की गति में वृद्धि संभव हो पाई है. इस कदम से गोरखपुर क्षेत्र में रेलवे यातायात की क्षमता और गति में सुधार होगा. रेलवे अधिकारियों के अनुसार, इस नई व्यवस्था से गोरखपुर जंक्शन और कैंट स्टेशन के बीच यात्रा अधिक सुविधाजनक और तेज होगी. यह पहल रेलवे के यात्री सुविधाओं को प्राथमिकता देने और यातायात की गति में सुधार के प्रयासों का हिस्सा है. इस लाइन के निर्माण से रेलवे नेटवर्क की क्षमता बढ़ेगी। इससे अधिक ट्रेनों का संचालन संभव होगा. यात्रा समय में कमी आने के साथ ही समय पालन में सुधार होगा. विद्युतीकरण से डीजल ट्रेनों पर निर्भरता कम होगी, जिससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी. पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा. यात्रियों को बेहतर कनेक्टिविटी और आरामदायक यात्रा अनुभव मिलेगा. यह कदम पूर्वोत्तर रेलवे के प्रयासों का हिस्सा है, जिसके तहत 15 नए रेलखंडों पर ट्रेनों की गति बढ़ाई गई है. इन रूटों पर पहले ट्रेनों की रफ्तार 80 से 90 किलोमीटर प्रति घंटा थी, जिसे अब 110 किलोमीटर प्रति घंटा तक बढ़ाया गया है. इसके लिए पटरियों और स्लीपर का वजन बढ़ाया गया है. इन रेलखंडों में गोरखपुर-कैंट-वाल्मिकी नगर, गोंडा-बहराइच, मनकापुर-अयोध्या और कासगंज-मथुरा जैसे प्रमुख रूट शामिल हैं. तीसरी विद्युतीकृत रेल लाइन का निर्माण पूरा हो जाने पर उत्तर पूर्व परिमंडल के रेल संरक्षा आयुक्त, प्रणव जीव सक्सेना ने मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (निर्माण) अभय कुमार गुप्ता, मुख्य विद्युत इंजीनियर (निर्माण) ओपी सिंह, मंडल रेल प्रबंधक प्रबंधक लखनऊ गौरव अग्रवाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया.
गोरखपुर में रेल नेटवर्क का रास्ता साफ
इस बदलाव से यात्रियों को समय की बचत होगी और यात्रा अधिक सुविधाजनक बनेगी. इसके अलावा, नौतनवा स्टेशन को रेलवे का कमर्शियल गेटवे के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिससे नेपाल के साथ व्यापारिक गतिविधियों में भी वृद्धि होगी।.शनिवार को गोरखपुर कैंट और जंक्शन के बीच बनी 3.5 किमी लंबी 25,000 वोल्ट एसी क्षमता वाली तीसरी विद्युतीकृत रेल लाइन का निर्माण पूरा हो जाने पर उत्तर पूर्व परिमंडल के रेल संरक्षा आयुक्त प्रणव जीव सक्सेना ने निरीक्षण किया. इस दौरान परीक्षण ट्रेन को नई पटरी पर 110 की स्पीड में दौड़ाया गया. परीक्षण के बाद रेल संरक्षा आयुक्त ने उत्तर पूर्व सर्किल 503 रूट के साथ गोरखपुर स्टेशन के इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग और गोरखपुर जं.-गोरखपुर कैंट नवनिर्मित तीसरी लाइन की कमीशनिंग भी की. इस दौरान उन्होंने गोरखपुर जंक्शन पर एआई आधारित इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग पैनल, स्टेशन अधीक्षक कक्ष, संरक्षा अभिलेख, यार्ड प्लान, स्टेशन वर्किंग रूल, इंटीग्रेटेड पावर सप्लाई और बैटरी रूम देखा. इसके बाद उन्होंने गोरखपुर स्टेशन-गोरखपुर कैंट खंड पर नव निर्मित तीसरी लाइन का मोटर ट्राली के माध्यम से पॉइंट एंड क्रॉसिंग, कर्व और पुल की गहनता से जांच की. गोरखपुर कैंट स्टेशन पर सीआरपीएम ने सिग्नलिंग, बैलास्ट, प्लेटफॉर्म क्लियरेंस, इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग, बैटरी रूम, रिले रूम एवं अन्य संरक्षा कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने ट्रेन परिचालन से संबंधित कर्मचारियों से संरक्षा प्रश्न पूछकर उनकी कार्यकुशलता परखी.
गोरखपुर कैंट और जंक्शन के बीच तीसरी रेल लाइन निर्माण पूरा होने पर शनिवार को सीआरएस (रेल संरक्षा आयुक्त) परीक्षण किया गया. रूट पर 110 की स्पीड में ट्रेन चलाई गई. यह पूरी तरह से सफल रहा. इसके उपरांत सीआरएस ने इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग और नई तीसरी लाइन पर ट्रेनों के संचालन की अनुमति प्रदान कर दी.