यूपी में संविदाकर्मियों के लिए बड़ी खबर, मानदेय में हुआ यह परिवर्तन

यूपी में संविदाकर्मियों के लिए बड़ी खबर, मानदेय में हुआ यह परिवर्तन
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उत्तर प्रदेश योगी सरकार बजट में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी है, बजट में आउटसोर्सिंग का न्यूनतम मानदेय 20 हजार कर दिया गया है, अभी तक यह मानदेय 16 हजार रुपए न्यूनतम था। बजट में हुई इस घोषणा से प्रदेश में 9 लाख आउटसोर्स कर्मचारी में खुशी का माहौल है। संयुक्त आउटसोर्सिंग, संविदा कर्मचारी संघ बजट से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से न्यूनतम वेतन को कम से कम 20 हजार रुपये प्रतिमाह करने की मांग का पत्र भेजा था। 

योगी सरकार ने बढ़ाया मानदेय

उत्तर प्रदेश योगी सरकार के बजट में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है, आउटसोर्सिंग का न्यूनतम मानदेय 20 हजार कर दिया गया है, अभी तक 16 हजार रुपए न्यूनतम था। प्रदेश में 9 लाख आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए यह बड़ी खबर है। यह बजट अर्थव्यवस्था को विस्तार देने की डबल इंजन सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश का राजकोषीय घाटा, सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 2.97 प्रतिशत है, जो भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा एफआरबीएम एक्ट में निर्धारित 3.5 प्रतिशत की सीमा से कम है। नीति आयोग द्वारा राज्यों की राजकोषीय स्थिति के संबंध में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश को फ्रंट रनर (अग्रणी) राज्य की श्रेणी में रखा गया है। इस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2018-19 से वर्ष 2022-23 की अवधि में प्रदेश के समेकित फिस्कल हेल्थ इंडेक्स में 8.9 अंकों का इजाफा हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने व्यय की गुणवत्ता में भी व्यापक सुधार किया है। वर्ष 2018 से 13 की अवधि में पूंजीगत व्यय, कुल व्यय के 14.8 प्रतिशत से 19.3 प्रतिशत के मध्य रहा। इस अवधि में यह अनुपात देश के प्रमुख राज्यों के औसत अनुपात से अधिक रहा। संघ का कहना था कि प्रदेश में 8 लाख से ज्यादा विभिन्न राजकीय विभागों में अलग-अलग पदों पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं, जिन्हें काम के बदले बेहद कम वेतन मिलता है। अब योगी सरकार की इस घोषणा से आउटसोर्सिंग कर्मचारी की बल्ले-बल्ले हो गई है। गुरुवार को सदन में पेश हुए यूपी बजट को लेकर वित्त मंत्री सुरेश खन्ना का कहना है कि उत्तर प्रदेश को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में ले जाने का सरकार का लक्ष्य है, जिसमें तेजी से बढ़ा जा रहा है। 

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अब 16 नहीं मिलेंगे 20 हजार - सीएम

बजट में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के न्यूनतम मानदेय 20 हजार रुपये होने से प्रदेश के करीब 9 लाख कर्मचारियों में खुशी है, पहले इनका न्यूनतम मानदेय 16 हजार रुपये था, जिसे बढ़ाकर अब 20 हजार रुपये कर दिया गया है, इसको लेकर आउटसोर्सिंग कर्मचारी संघ योगी सरकर से मानदेय बढ़ाए जाने की मांग करता आ रहा था, संघ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मांगों का पत्र भेजकर कहा था कि विधानसभा के बजट सत्र में लाखों आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन बढ़ाया जाए तथा उत्तर प्रदेश सरकार के न्यूनतम वेतन को कम से कम 20 हजार रूपए प्रतिमाह निर्धारित किया जाए। मुख्यमंत्री ने गुरुवार को बजट पेश होने के बाद तिलक हाल में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राज्य सरकार आउटसोर्सिंग निगम बनाएगी। इसमें सेवा प्रदाता कंपनियों को अपना पंजीकरण कराना होगा। विभागों में जरूरत के आधार पर निगमों से कर्मी भेजे जाएंगे और इसके एवज में एजेंसियों का जो भी कमीशन होगा उसे सरकार द्वारा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2025-26 का यह बजट सनातन संस्कृति की सर्वे भवन्तु सुखिनः की अवधारणा के अनुरूप गरीब, अन्नदाता किसान, युवा और महिला उत्थान को समर्पित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न को साकार करते हुए श्वंचित अगला वरीयताश् इस बजट का केंद्रीय भाव है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को संविदाकर्मियों के हितों में बड़ी घोषणाएं करते हुए कहा है कि उन्हें न्यूनतम 16000 से 20000 रुपये हर माह मानदेय दिया जाएगा। उनकी भर्ती अब सीधे एजेंसियों के माध्यम से न कर निगम के माध्यम से किया जाएगा। राज्य सरकार इसके लिए आउटसोर्सिंग भर्ती निगम बनाने जा रही है। उन्होंने इसके साथ दूसरी बड़ी घोषणा करते हुए यह भी कहा कि प्रदेश में संविदा पर रखे गए कर्मियों को पांच लाख रुपये तक मुफ्त इलाज दिया जाएगा। इसके लिए ऐसे कर्मियों का मुख्यमंत्री जनआरोग्य आयुषमान कार्ड बनवाया जाएगा। प्रदेश में मौजूदा समय 80 सरकारी विभागों में 191644 संविदा और आउटसोर्सिंग पर रखे गए कर्मचारी हैं।

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