गोरखपुर में बनेगा आधुनिक बस टर्मिनल, मिलेगी यह सुविधा
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गोरखपुर में 100 करोड़ रुपये की लागत से आधुनिक बस टर्मिनल बनेगा। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने गोरखपुर बस स्टेशन के नवनिर्माण के लिए एजेंसी नामित कर दी है। बस स्टेशन का निर्माण सार्वजनिक निजी भागीदारी ;पीपीपी मॉडल के आधार पर किया जाएगा। टर्मिनल में अलग.अलग क्षेत्र में चलने वाली बसों के लिए अलग.अलग प्लेटफार्म वातानुकूलित प्रतीक्षालय कैंटीन टीवी मल्टीफंक्शनल कांप्लेक्स होटल रेस्टोरेंट और चार्जिंग प्वाइंट होंगे।
100 करोड़ की लागत से आधुनिक बस टर्मिनल
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों की छवि आम जनता की नजर में आने वाले दिनों में बेहतर होगी कारण है कि परिवहन निगम यात्रियों को हर श्रेणी की बस सेवा उपलब्ध कराएगा, पहली बार यात्रियों को बस सेवा भी उपलब्ध होगी, यूपीएसआरटीसी एसी और नॉन एसी करीब डेढ़ सौ स्लीपर बसें जल्द ही खरीदेगा, इससे यात्री बसों में सोते हुए सफर पूरा कर सकेंगे। 100 करोड़ रुपये की लागत से गोरखपुर में आधुनिक बस टर्मिनल बनेगा। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने गोरखपुर बस स्टेशन के नवनिर्माण के लिए एजेंसी नामित कर दी है। नक्शा तैयार करने की प्रक्रिया भी आरंभ हो गई है। गोरखपुर का बस स्टेशन भी उत्तर प्रदेश के आलमबाग या गुजरात के राजकोट की तर्ज पर बनेगा। माडल पर मुहर लगते ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। निगम ने दो साल में टर्मिनल पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। सात साल में आधुनिक बस टर्मिनल अपने भव्य स्वरूप में आएगा।
जहां यात्रियों को उच्चस्तरीय सुविधाएं मिलेंगी। इसके लिए सरकार की तरफ से कई करोड़ रुपए का बजट मिला है, अब जल्द ही पुरानी खटारा बसें रोडवेज के बस बेड़े से बाहर होंगी और नई साधारण बसें उनकी जगह लेंगी, इससे यात्रियों को सुविधा मिलेगी, उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में पहली बार ऐसा भी समय आन वाला है कि यात्री लग्जरी बसों से सफर कर सकेंगे, इस बार परिवहन निगम साधारण और एसी बसों के साथ ही एसी स्लीपर बसों की भी खरीद कर रहा है, अभी तक परिवहन निगम में अनुबंध पर नॉन एसी स्लीपर बसें तो चलाई गईं, लेकिन कभी भी एसी स्लीपर बस नहीं चली। गोरखपुर के अलावा उत्तर प्रदेश के 23 प्रमुख बस स्टेशनों को 90 साल के लीज पर दे दिया गया है। बस स्टेशन का नवनिर्माण सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी माडल) के आधार पर किया जाना है। इसके लिए बस स्टेशन परिसर का 14 हजार 416 वर्ग मीटर भूमि चिन्हित कर ली गई है। निर्माण कार्य शुरू होने के साथ बस स्टेशन को दूसरी जगह शिफ्ट भी किया जाएगा।
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ट्रेनों की तरह अब बसों में सोते हुए कर सकेंगे आरामदायक सफर
अब यूपी रोडवेज बस में आपको ट्रेन जैसी सुविधा मिलेगी, इसमें आप सोकर सफर कर सकते हैं, यूपी परिवहन निगम के बेड़े में अब स्लीपर बसें भी शामिल होने वाली है, इन बसों को लंबी दूरी वाले रूट में चलाया जाएगा, निगम ने इसकी तैयारी कर ली है, जानकारी के मुताबिक रोडवेज प्रशासन डेढ़ सौ एसी और नॉन एसी स्लीपर बसें खरीदने जा रहा है, यात्रियों को पहली बार स्लीपर बस सेवा रोडवेज प्रशासन उपलब्ध कराएगा, इससे रोडवेज की छवि भी बेहतर होगी, यात्री सफर के साथ शाङ्क्षपग कांप्लेक्स में आवश्यक सामानों की खरीदारी भी कर सकेंगे। काम्प्लेक्स में फूड प्लाजा के साथ ठहरने की भी सुविधा मिलेगी। फिलहाल, गोरखपुर बस स्टेशन के भवन पूरी तरह जर्जर हो चुके हैं। स्टेशन परिसर भी बदहाल हो चुका है। बस स्टेशन से विभिन्न रूटों पर प्रतिदिन लगभग 11 से 12 सौ बसें चलती हैं। सामान्य दिनों में 50 से 60 हजार यात्री आवागमन करते हैं। सुविधा संपन्न सुसज्जित वातानुकूलित विश्रामालय के अलावा मल्टीफंक्शनल कांप्लेक्स, होटल और रेस्टोरेंट भी बनेगा। परिसर में ही इलेक्ट्रिक वाहनों के संचालन के लिए चार्जिंग प्वाइंट बनाए जाएंगे। सुरक्षा के लिए सीसी कैमरे लगेंगे।
यात्रियों को हर पल बसों की अपडेट जानकारी मिलती रहेगी। एसी ही नहीं साधारण बसें भी समय सारिणी से संचालित होंगी। यात्रियों को अतिरिक्त सुविधाएं भी मिलेंगी। जानकारों के अनुसार आधुनिक बस टर्मिनल में अलग-अलग क्षेत्र में चलने वाली बसों के लिए अलग-अलग प्लेटफार्म होंगे। यात्रियों के विश्राम के लिए वातानुकूलित प्रतीक्षालय, बगल में कैंटीन और मनोरंजन के लिए टीवी की व्यवस्था होगी। यात्रियों को बसों की हरपल अपडेट जानकारी मिलती रहेगी। दरअसल, बस स्टेशन के नवनिर्माण के लिए पिछले तीन साल से टेंडर निकाला जा रहा था, लेकिन कठिन शर्तों के चलते परिवहन निगम को कोई निवेशक नहीं मिल पा रहा था। कई बार टेंडर निकालने के बाद भी जब कोई निवेशक आगे नहीं आया तो उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने शर्तों को लचीला बनाने के साथ निवेशकों के लिए और कई सहूलियतें प्रदान की थी। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने 90 साल की लीज भी सुनिश्चित कर दी है।