यूपी में 15 बस अड्डों का हुआ निजीकरण? सांसद चंद्रशेखर बोले- आरक्षण छीन रही योगी सरकार
उत्तर प्रदेश में 15 बस अड्डों में मेंटेनेंस का काम निजी कंपनियों को सौंपने के योगी सरकार के फैसले पर नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने आवाज बुलंद की है. उन्होंने आरोप लगाया है कि सरकार आरक्षण छीन रही है.
उन्होंने कहा कि बंटेंगे तो कटेंगे के खेल में सब हार जाएंगे.बेरोजगारों के आंसू निजीकरण में दबाए जाएंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नौकरी और आरक्षण छीनने की दिशा में एक और मास्टर स्ट्रोक..
सांसद ने लिखा- योगी सरकार ने जून 2024 में प्रदेश के 12 बस टर्मिनलों (आगरा के ईदगाह व ट्रांसपोर्ट नगर, गाजियाबाद, साहिबाबाद, गोरखपुर, मीरजापुर, बुलंदशहर, बरेली, गढ़ मुक्तेश्वर, अलीगढ़ के रसूलाबाद, वाराणसी कैंट, कानपुर सेंट्रल) का निजीकरण किया था.
नगीना सांसद ने लिखा- अब 15 रोडवेज डिपो (अवध डिपो लखनऊ, नजीबाबाद, हरदोई, जीरो रोड, ताज, साहिबाबाद, देवरिया, वाराणसी कैंट, सुल्तानपुर, झांसी, बलिया, बांदा, बदायूं, इटावा और बलरामपुर) का भी निजीकरण कर दिया और शीघ्र ही 100 डिपो को भी निजी कंपनियों को सौंपने की सूचना मिल रही है.
आजाद समाज पार्टी के नेता ने लिखा- सवाल यह उठता है कि क्या इन बस टर्मिनलों का निजीकरण वास्तव में कायाकल्प के लिए है, या युवाओं की सरकारी नौकरियों और आरक्षित वर्ग के अधिकारों से उन्हें वंचित करने का एक प्रयास है?
उन्होंने कहा कि BJP सरकारों की आरक्षण खात्मे की क्रोनोलॉजी समझिए, सरकारी भर्तियों को अदालतों में उलझाकर धीरे-धीरे संस्थाओं का निजीकरण कर दो, जब न होगें सरकारी संस्थान, न रहेंगी सरकारी नौकरी और न ही देना पड़ेगा आरक्षण.