Match Scorecard: श्रीलंका से मिली करारी हार ने किया चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को बेनकाब
ऑस्ट्रेलिया की पारी: ताश के पत्तों की तरह ढेर
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क्रिकेट के मैदान पर अक्सर बड़े उलटफेर होते हैं, लेकिन जब वर्ल्ड चैंपियन टीम ही किसी ऐसी हार का सामना करती है, जिसे फैंस और विशेषज्ञ "शर्मनाक" कहें, तो सवाल उठने लाजिमी हैं। हाल ही में कोलंबो में खेले गए दूसरे वनडे में श्रीलंका ने ऑस्ट्रेलिया को 107 रनों पर समेटकर बुरी तरह हराया। यह हार न सिर्फ ऑस्ट्रेलियाई टीम की प्रतिष्ठा पर सवाल खड़े करती है, बल्कि चैंपियंस ट्रॉफी से पहले उनकी तैयारियों पर भी बड़ा प्रश्नचिह्न लगा देती है।
श्रीलंका की पारी: कुशल मेंडेस का शानदार शतक
मैच में श्रीलंका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। पिच बल्लेबाजों के लिए अनुकूल नजर आ रही थी, और श्रीलंका ने इसका पूरा फायदा उठाया। टीम ने 50 ओवर में 281 रन बनाए। कुशल मेंडेस ने 115 गेंदों पर 101 रनों की बेहतरीन पारी खेली, जिसमें 10 चौके शामिल थे। उनके अलावा चरित असलंका ने भी 66 गेंदों पर नाबाद 78 रन बनाकर टीम को एक मजबूत स्कोर तक पहुंचाया।ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों के लिए यह दिन निराशाजनक रहा। मिशेल स्टार्क और जॉश हेजलवुड जैसे अनुभवी गेंदबाज भी श्रीलंकाई बल्लेबाजों को रोकने में असफल रहे। पिच पर रन बनाना आसान था,
लेकिन इसके बावजूद ऑस्ट्रेलिया ने बल्ले से निराश किया।
ऑस्ट्रेलिया की पारी: ताश के पत्तों की तरह ढेर
स्टीव स्मिथ (29) और जॉश इंग्लिस (22) को छोड़कर कोई भी बल्लेबाज 20 रनों का आंकड़ा पार नहीं कर सका।
श्रीलंका के असिता फर्नांडो, महेश थीक्षाना, और वानिंदु हसारंगा ने मिलकर ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी लाइनअप को तहस-नहस कर दिया। ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज न तो सही शॉट चयन कर पाए, न ही पिच पर टिक पाए। पूरी टीम 24 ओवर में ही ढेर हो गई।
हार का असर: चैंपियंस ट्रॉफी से पहले ऑस्ट्रेलिया की चुनौती
यह हार चैंपियंस ट्रॉफी से ठीक पहले ऑस्ट्रेलिया के लिए एक बड़ा झटका है। श्रीलंका जैसी टीम, जो खुद चैंपियंस ट्रॉफी में क्वालीफाई नहीं कर पाई, ने वर्ल्ड चैंपियंस को उनकी "औकात" याद दिला दी। ऑस्ट्रेलिया का प्रदर्शन यह सवाल खड़ा करता है कि क्या वर्ल्ड कप में उनकी जीत महज तुक्का थी? चैमपियंस ट्रॉफी में उनका आत्मविश्वास जरूर डगमगा गया होगा।
श्रीलंका की जीत का महत्व
श्रीलंका के लिए यह जीत कई मायनों में खास है। चैंपियंस ट्रॉफी के लिए क्वालीफाई न कर पाने के बावजूद, उन्होंने दुनिया को दिखा दिया कि उनके पास प्रतिभा की कोई कमी नहीं है।
कुशल मेंडेस और असलंका की बल्लेबाजी और वानिंदु हसारंगा की गेंदबाजी ने साबित किया कि अगर टीम संयम और सही रणनीति से खेले, तो बड़े से बड़े विरोधी को हराया जा सकता है।
ऑस्ट्रेलिया के लिए सबक
इस हार ने ऑस्ट्रेलिया को सोचने पर मजबूर कर दिया है। उनकी बल्लेबाजी और रणनीतियों में खामियां साफ नजर आईं।
1. मध्यक्रम की विफलता और खराब शॉट चयन उनके लिए भारी पड़ा।
2. गेंदबाजी में विविधता की कमी भी दिखी।
अब सवाल यह है कि क्या ऑस्ट्रेलिया इस हार से सबक लेकर चैंपियंस ट्रॉफी के लिए खुद को संभाल पाएगा, या उनका पतन जारी रहेगा?