मोहम्मद शमी के रोज़े पर विवाद: क्या इस्लाम खिलाड़ियों को छूट देता है?

मोहम्मद शमी के रोज़े पर विवाद: क्या इस्लाम खिलाड़ियों को छूट देता है?
Mohammad shami roza controversy

मौलाना साबुद्दीन रिज़वी का बयान और विवाद

हाल ही में मौलाना साबुद्दीन रिज़वी बरेलवी ने भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी पर टिप्पणी करते हुए कहा कि रमजान के दौरान रोज़ा न रखना अपराध है और इसके लिए उन्हें अल्लाह के दरबार में जवाब देना होगा। यह बयान सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया और कई लोगों ने इस पर सवाल उठाए कि क्या इस्लामिक शिक्षाओं के अनुसार खिलाड़ियों को रोज़े में छूट मिल सकती है या नहीं।

यह भी पढ़ें: रोहित शर्मा के बाद कौन होगा टीम इंडिया का नया कप्तान? चार दावेदार रेस में शामिल!

इस्लाम में रोज़े के नियम और यात्रा की छूट

यह भी पढ़ें: श्रेयस अय्यर की धमाकेदार वापसी: चैंपियंस ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन के बाद BCCI का बड़ा इनाम!

इस्लाम में रमजान के दौरान रोज़ा रखना अनिवार्य माना जाता है, लेकिन यह भी स्पष्ट रूप से बताया गया है कि यदि कोई व्यक्ति यात्रा पर हो, बीमार हो, या किसी विशेष परिस्थिति में हो, तो उसे रोज़ा न रखने की अनुमति दी गई है। कुरान शरीफ में कहा गया है:

यह भी पढ़ें: चैंपियंस ट्रॉफी 2025 फाइनल: क्या भारत अजेय रहेगा या न्यूजीलैंड फिर करेगा उलटफेर?

"जो व्यक्ति सफर में हो या बीमार हो, वह बाद में उन दिनों की क़ज़ा कर सकता है।" (सूरह अल-बक़राह 2:185)

यह भी पढ़ें: चैंपियंस ट्रॉफी 2025 फाइनल: अगर बारिश हुई तो कौन बनेगा चैंपियन, इंडिया या न्यूज़ीलैंड?

मोहम्मद शमी एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर हैं और लगातार यात्रा कर रहे होते हैं। ऐसे में उनके लिए इस्लामिक शिक्षाओं के अनुसार रोज़े से छूट मिल सकती है।

यह भी पढ़ें: रविवार की 'पनौती' से बच पाएगी टीम इंडिया? फाइनल से पहले चौंकाने वाले आंकड़े!

क्या खिलाड़ी रोज़ा रख सकते हैं?

क्रिकेट जैसे खेलों में खिलाड़ियों को शारीरिक रूप से फिट रहना जरूरी होता है। जब खिलाड़ी मैदान में होते हैं, तो उन्हें पानी और पोषण की आवश्यकता होती है। इस्लाम में शरीर की देखभाल और स्वस्थ रहना भी एक महत्वपूर्ण पहलू माना गया है।

इसके अलावा, कई इस्लामिक विद्वान इस बात पर सहमत हैं कि यदि रोज़ा रखने से किसी के पेशेवर जीवन या स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है, तो वह बाद में इसकी क़ज़ा कर सकता है।

इस्लाम का माफ़ करने वाला स्वभाव

इस्लाम केवल कर्मकांडों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक वैज्ञानिक और व्यावहारिक धर्म है। कुरान की हर सूरह से पहले "बिस्मिल्लाह रहमान रहीम" लिखा होता है, जिसका अर्थ है "अल्लाह सबसे दयालु और क्षमाशील है।"

इसका अर्थ यह भी है कि इस्लाम में दया और परिस्थितियों के अनुसार निर्णय लेने की गुंजाइश होती है। यदि कोई खिलाड़ी अपने खेल और देश के प्रति कर्तव्यों को पूरा कर रहा है और रोज़ा नहीं रख पा रहा है, तो अल्लाह की रहमत से उसे माफ़ी मिल सकती है।

क्या मौलाना का बयान सही है?

मौलाना साबुद्दीन रिज़वी का बयान एक कठोर दृष्टिकोण को दर्शाता है, जो इस्लाम की मूलभूत शिक्षाओं से मेल नहीं खाता। इस्लाम में किसी भी व्यक्ति को बिना संपूर्ण ज्ञान के दोषी ठहराना उचित नहीं माना जाता।

इसके विपरीत, इस्लामिक कानून और कुरानिक आयतें यह स्पष्ट करती हैं कि यदि कोई यात्रा पर हो या विशेष परिस्थितियों में हो, तो उसे रोज़े से छूट दी जा सकती है। ऐसे में मौलाना का बयान न केवल कठोर बल्कि इस्लामी शिक्षाओं के विपरीत भी प्रतीत होता है।

मोहम्मद शमी जैसे खिलाड़ी के लिए रमजान में रोज़ा रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, और इस्लाम भी इस स्थिति को समझता है। कुरान और इस्लामिक शिक्षाओं के अनुसार, यदि कोई सफर में हो या विशेष परिस्थितियों में हो, तो उसे रोज़े से छूट मिल सकती है। ऐसे में मौलाना का बयान विवादास्पद कहा जा सकता है।

इस्लाम एक वैज्ञानिक और प्रगतिशील धर्म है, जो इंसान की जरूरतों और परिस्थितियों को ध्यान में रखता है। इसलिए, किसी भी धार्मिक मुद्दे पर निष्कर्ष निकालने से पहले कुरान और हदीस की गहरी समझ जरूरी है।

On

ताजा खबरें

यूपी में होली पर सफर होगा महंगा, बसों का बढ़ा किराया
यूपी के इस जिले में 870 कर्मचारियों का रोका गया वेतन, जाने वजह
रविवार की 'पनौती' से बच पाएगी टीम इंडिया? फाइनल से पहले चौंकाने वाले आंकड़े!
चैंपियंस ट्रॉफी 2025 फाइनल: क्या भारत अजेय रहेगा या न्यूजीलैंड फिर करेगा उलटफेर?
यूपी के इन 6 जिलों में बनेंगे रिंग रोड, घंटो सफर होगा कम
यूपी के इन जिलों में खरीद लीजिए जमीन, अगले 5 सालों में कीमत हो जाएगी दोगुनी
यूपी में शिक्षामित्रों-अनुदेशकों की डबल होगी सैलरी! योगी सरकार बना रही प्लान?
यूपी के इस ज़िले में ट्रैफिक नियम में बदलाव
यूपी के इस जिले में सवा करोड़ रुपए से बनेगी बिजली लाइन, इन गाँव को मिलेगा फायदा
यूपी में इस हाईवे का होगा विस्तार, भूमि चिन्हित कर रहा राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, दुकानों पर नंबर हुआ जारी