बिहार के इस रूट को मिलेगी नई फोरलेन सड़क, इन जिलो को मिलेगा फायदा

बिहार के इस रूट को मिलेगी नई फोरलेन सड़क, इन जिलो को मिलेगा फायदा
बिहार के इस रूट को मिलेगी नई फोरलेन सड़क, इन जिलो को मिलेगा फायदा

बिहार के पश्चिम चंपारण में छपवा से बेतिया के बीच नेशनल हाईवे 727 को चौड़ा करने की दिशा में अहम कदम उठाया गया है. अब यह सड़क फोरलेन के रूप में विकसित की जाएगी. इसके लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने हेतु निविदा आमंत्रित की गई है.

पश्चिम चंपारण जिले के लोगों के लिए राहत भरी खबर है. छपवा से बेतिया के बीच के राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 727 को चौड़ा कर फोरलेन बनाने की प्रक्रिया तेज हो गई है. इस परियोजना के तहत न केवल जाम की पुरानी समस्या से निजात मिलेगी, बल्कि क्षेत्रीय यातायात व्यवस्था को भी नया आयाम मिलेगा. परियोजना से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) के निर्माण के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है, जिससे यह संकेत मिलता है कि अब जमीन पर काम शुरू होने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा.

हालांकि इसी बीच एक नया मुद्दा सामने आया है. वन विभाग द्वारा हाईवे के दोनों किनारों पर पौधरोपण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. इसे लेकर सांसद डॉ. संजय जायसवाल ने जिलाधिकारी से औपचारिक पत्र लिखकर यह जानकारी मांगी है कि क्या इस संबंध में एनएच डिवीजन मोतिहारी की ओर से मंजूरी दी गई है? अगर अनुमति नहीं मिली है, तो आखिर किस आधार पर यह वृक्षारोपण हो रहा है? विशेषज्ञों का मानना है कि यदि अभी पौधे लगाए जाते हैं और बाद में चौड़ीकरण का कार्य शुरू होता है, तो उन पौधों को हटाना पड़ेगा, जिससे तकनीकी और पर्यावरणीय समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं.

इस बीच, क्षेत्र के दूसरे हिस्से से विकास का एक और सुखद समाचार सामने आया है. योगापट्टी प्रखंड के सिसवा मंगलपुर पंचायत में शुक्रवार को गंडक नदी के तट पर बाढ़ और कटाव से सुरक्षा के लिए ठोकर एवं पाइलिंग निर्माण कार्य की शुरुआत की गई. यह कार्य ग्रामीणों के वर्षों पुराने संघर्ष और इंतजार का परिणाम है. स्थानीय विधायक विनय बिहारी ने विधिवत भूमि पूजन कर इस कार्य की शुरुआत की. मौके पर जल संसाधन विभाग के अभियंता रामबाबू रंजक, सहायक अभियंता प्रदीप कुमार, पूर्व मुखिया के पुत्र पप्पू पांडेय सहित कई स्थानीय लोग उपस्थित रहे. विधायक ने बताया कि वर्ष 2001 से लेकर 2020 तक की बाढ़ों ने इस पंचायत का चेहरा ही बदल दिया था. हजारों परिवार अपने घरबार छोड़ने को मजबूर हो गए थे.

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हर साल कोई न कोई प्रस्ताव बनता था, लेकिन बरसात शुरू होते ही वह कागज़ों में ही रह जाता था. इस बार स्थिति अलग रही. जिलाधिकारी दिनेश कुमार राय और जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने 2 महीने पहले मौके पर जाकर स्थिति का निरीक्षण किया और तत्काल कार्रवाई की दिशा में कदम उठाए.

लगभग 2 करोड़ रुपये की लागत से इस परियोजना के तहत 400 मीटर लंबा तटबंध बनाया जाएगा. कार्य का जिम्मा मेसर्स सत्यदेव प्रसाद सिंह को दिया गया है. ठोकर और पाइलिंग कार्य के लिए भूमि की नापी और स्थल निरीक्षण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. गांव के लोगों में इस परियोजना को लेकर गहरी संतुष्टि है. मौके पर पप्पू पांडेय, बनारसी दास, राधा साह, कमलेश कुमार, धनेश साह और बिकाऊ राम समेत दर्जनों ग्रामीण मौजूद रहे. अब ग्रामीणों को उम्मीद है कि बाढ़ और कटाव की मार से उन्हें स्थायी राहत मिल सकेगी.

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