बिहार के इस रूट पर बनेगी नई रेल लाइन, करोड़ों रुपए मंजूर

बिहार: नरकटियागंज से दरभंगा वाया सीतामढ़ी तथा सीतामढ़ी से मुजफ्फरपुर तक फैली 255.5 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन के दोहरीकरण कार्य को अब आखिरकार गति मिलने जा रही है. इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए केंद्र सरकार ने 130 करोड़ रुपये की राशि को मंजूरी प्रदान कर दी है, जिससे वर्षों से लंबित यह काम एक बार फिर चर्चा में आ गया है.
इस परियोजना को लेकर रेलवे बोर्ड ने साल 2020 में अपनी स्वीकृति दी थी, लेकिन मंजूरी के बाद भी लगभग 4 साल से ज्यादा समय तक यह योजना कागजी प्रक्रिया में उलझी रही. हालांकि, अब जब पूर्व मध्य रेलवे के महेंदुघाट स्थित मुख्यालय द्वारा 11 अप्रैल 2025 को बजट वर्ष 2025-26 के अंतर्गत वित्तीय स्वीकृति दी गई है, तो यह परियोजना नए ऊर्जा और उम्मीद के साथ आगे बढ़ने को तैयार है. रेलवे विभाग की मानें तो इस लाइन के दोहरीकरण के लिए डीपीआर यानी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट लगभग 4 महीने पहले तैयार कर ली गई थी और इसे रेलवे बोर्ड को भेजा गया था. मगर बोर्ड से समय पर स्वीकृति नहीं मिलने के कारण योजना में देर होती रही. अब जब बजटीय प्रावधान भी हो गया है, तो माना जा रहा है कि नवंबर या दिसंबर 2025 से इस रेलवे खंड पर काम युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया जाएगा और इसे वर्ष 2029 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
नेपाल की सीमा से सटे इस रेलखंड का सामरिक और क्षेत्रीय दृष्टिकोण से अत्यधिक महत्व है. भारत सरकार ने इस क्षेत्रीय संपर्क को सुदृढ़ करने की दृष्टि से वर्ष 2019-20 के बजट सत्र में ही इसे प्राथमिकता दी थी. इसके बाद 16 जनवरी 2020 को रेलवे बोर्ड द्वारा देश के कई रेल मार्गों के दोहरीकरण हेतु एक पत्र जारी किया गया, जिसमें नरकटियागंज-दरभंगा-सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर रेल लाइन को भी सम्मिलित किया गया. इस परियोजना के लिए अंतिम लोकेशन सर्वे की स्वीकृति मिलने के बाद रेलवे विभाग ने लगभग 4000 करोड़ रुपये की लागत पर इसकी निविदा को भी अंतिम रूप दे दिया है. सर्वे के तहत तकनीकी विशेषज्ञों की टीम ने यह भी तय कर लिया है कि मौजूदा रेललाइन से कितनी दूरी पर दूसरी लाइन का निर्माण होगा.
रेल अधिकारियों का कहना है कि जैसे ही कार्य शुरू होगा, उसे तेज गति से पूरा किया जाएगा. दोहरीकरण के पूरा हो जाने के बाद ट्रेनों की लेटलतीफी में भारी कमी आएगी, और यात्रियों को अधिक सुविधाजनक व समयबद्ध सफर का अनुभव मिलेगा. समय की बचत के साथ-साथ ट्रेनों की आवृत्ति में भी वृद्धि होगी, जिससे लंबी दूरी की यात्रा पहले से अधिक सहज और कुशल हो सकेगी. रेल सूत्रों की मानें तो इस पूरे दोहरीकरण कार्य के दौरान लगभग 301 पुल व पुलियों का निर्माण प्रस्तावित है, जिनमें 100 बड़े पुल तथा 201 छोटी पुलियाएं शामिल होंगी. इसके अतिरिक्त, 176 समपार फाटक भी बनाए जाएंगे, जो इस रेलमार्ग की संरचनात्मक मजबूती को और बढ़ाएंगे. हालांकि, सर्वे को पूरा करने में लगभग 2 महीने का समय लग सकता है, जिसके बाद निर्माण की अगली प्रक्रिया को अमल में लाया जाएगा.