Basti में फेल है बस्ती विकास प्राधिकरण? प्रतिबंधित क्षेत्रों में जमीनों की रजिस्ट्री रोकने में नाकाम
जमीनी विवादों को जन्म दे रहा है BDA
धड़ल्ले से जारी है जमीनों की खरीद-फरोख्त

-भारतीय बस्ती संवाददाता-
बस्ती. जी हां प्रतिबंधित क्षेत्रों में बस्ती विकास प्राधिकरण जमीनों की खरीद-फरोख्त रोकने में नाकाम साबित हो रहा है. जिससे आने वाले समय में जमीनी विवादों का बढ़ना तय माना जा रहा है. लोग तो यहां तक कह रहे है की जमीन खरीद लिया है यदि बस्ती विकास प्राधिकरण खरीदी हुई जमीन लेगा तो बदले में मुआवजा भी तो देगा. मुआवजे के लालच में शहर के आसपास के प्रतिबंधित क्षेत्रों की जमीनों की रजिस्ट्री चल रही है.
अक्सर सरकारी बैठकों में प्रतिबंधित क्षेत्रों में जमीनों की खरीद-फरोख्त रोकने की बातें कही जाती रही है. इसके बावजूद रजिस्ट्री रोकने के लिए प्राधिकरण के जिम्मेदारों द्वारा कोई ठोस प्रयास नहीं किये गये. गाहे-बगाहे कुछ प्रापर्टी डीलरों पर कार्रवाई कर विभाग फिर सुस्त हो जाता है. सूत्रों की मानें तो प्राधिकरण खुद नहीं चाहता है की प्रतिबंधित क्षेत्रों में जमीनो की रजिस्ट्री रूके.
प्रापर्टी डीलरों और जमीन खरीदने वालों पर कार्रवाई से विभाग को भले ही शमन शुल्क के रूप में पैसा मिल जाता है. मगर इससे विवाद के साथ ही विभाग की छवि भी धूमिल हो रही है.
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बस्ती विकास प्राधिकरण के कार्रवाई की जद में आये कुछ लोगों की मानें तो प्रतिबंधित क्षेत्रों में विभा्रीय मिलीभगत के जमीनें बिक ही नहीं सकती है. बस रजिस्ट्री विभाग को बस्ती विकास प्राधिकरण प्रतिबंधित क्षेत्रों की सूची सौंप दे. उन क्षेत्रों की जमीनों की रजिस्ट्री रूक जाये तो जमीनी विवादों और मुआवजे की लालच में बिकने वाली जमीनों की खरीद-फरोख्त खुद रूक जायेगी.

शहर के मड़वानगर, बड़ेबन, नारंग रोड, नेबुड़वाताल, महदों ताल सरीखे क्षेत्रों के प्रतिबंधित क्षेत्रों में प्रापर्टी डीलर जमकर खेल कर रहे है. पार्क और ग्रीन जोन की जमीनों को खुलेआम बेचा जा रहा है. अपनी ही जमीनों को बचाने में बस्ती विकास प्राधिकरण नाकाम साबित हो रहा है.