Basti Encroachment News: बस्ती में सहूलियत के हिसाब से अवैध कब्जे में शरीक हैं अमीर और गरीब
- मौका मिलते ही कब्जा करने में नहीं हटते पीछे - शहर के ताल,पोखरे, चरागाह कब्जेदारों के निशाने पर - बड़ों को छोड़ छोटों पर कार्रवाई करने में जुटा है प्रशासन
-भारतीय बस्ती संवाददाता- बस्ती. अवैध कब्जों के खिलाफ चल रहा सरकारी अभियान का पहिया थम सा गया है. पूर्व में प्रशासन की बैठक में चिन्हित 8 जगहों के अवैध कब्जों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं होने से जनता के मन में सवाल उठ रहे है. कोरम पूरा करने के हिसाब से प्रशासन कुछ जगहों पर टीन-टप्पर हटा कर अपनी पीठ अपने हाथों से थपथपा रहा है. वहीं तमाम शिकायतों के बावजूद अवैध कब्जेदारों के खिलाफ कार्रवाई करने में प्रशासन को पसीने छूट रहे है.
हाल ही में अतिक्रमण हटाने के लिए चला प्रशासन का बुलडोजर दुकानदारों के टीन शेड हटाने तक सिमट कर रह गया. अवैध कब्जे के पक्के निर्माण पर चली कार्रवाई भी आधू-अधूरी साबित हुई. लोगों की मानें तो प्रशासन द्वारा अवैध कब्जे हटाने की कार्रवाई में बड़े कब्जेदारों पर रहम देखी जा रही है. वहीं गरीबों पर बेहिचक कार्रवाई की जा रही है.
सवाल उठ रहा है की शहर क ताल-पोखरों समेत चरागाह की जमीन पर कब्जा जमाए भूमाफियाओ पर कार्रवाई करने में प्रशासन हिचक क्यो रहा है. शहर के नेबुड़वाताल, महदोंताल, मनहनडीह का ताल, मालवीय रोड के ताल-पोखरों पर बने पक्के आवासीय और व्यावसायिक निर्माण पर होने वाली कार्रवाई ठण्डे बस्ते में चली गयी है. ऐसे में भूमाफियाओं के हौंसले बुलंद है. राजस्वकर्मियों और भूमाफियाओं की मिलीभगत से सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जेदारी बेरोकटोक चल रही है. जिसकी अगर निष्पक्ष जांच की जाए तो कुछ बड़े लोग भी दोषी नजर आयेंगे.
ऐसे में अवैध कब्जों पर प्रशासनिक कार्रवाई सवालिया निशानों के घेरे में है. यदि जनता की मानें तो बड़ों पर कार्रवाई होते ही छोटे कब्जेदार खुद ब खुद अपने कब्जों को हटा लेंगे. उनमें भय भी होगा. मगर बड़ों पर कार्रवाई करने से हिचक सबका मन बढ़ाने का काम कर रही है.
सरकार की मंशा के विपरीत शहर के कुछ जगहों पर चली कार्रवाई अब ठण्डे बस्ते ंमें है. ताल-पोखरों से अवैध कब्जा हटाने का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आदेश बस्ती में धराशाई होता दिख रहा है. ऐसे में अवैध कब्जों के खिलाफ कार्रवाई सिर्फ दिखावे के लिए साबित होती दिख रही है.