Basti MLC Election 2022: बस्ती विधान परिषद चुनाव में एमएलसी उम्मीदवारों के झोले पर टिकी हैं मतदाताओं की निगाहें
UP MLC Election 2022: - बीडीसी, जिला पंचायत सदस्य, नगर पालिका सदस्य रहेंगे फायदेे में - प्रधानों के अरमानों पर फिर सकता है पानी
-भारतीय बस्ती संवाददाता-
बस्ती. उत्तर प्रदेश स्थित बस्ती में विधान परिषद चुनाव की बिसात बिछ रही है. भाजपा से सुभाष यदुवंश और सपा से सन्तोष यादव सन्नी मैदान में है. अपने-अपने प्रभाव क्षेत्रों में दोनों मजबूत माने जा रहे है. जबकि इसके उलट देखा जाये तो विधानसभा चुनाव की तरह विधान परिषद चुनाव में भी दोनों प्रत्याशियों के बीच कांटे की टक्कर होना तय माना जा रहा है.
भाजपा के रणनीतिकार अपने पक्ष में वोटों के झुकाव को लेकर रस्साकशी कर रहे है. वहीं दो दिनों से सपा खेमें में भी हलचल दिखाई पड़नी शुरू हो गई है. पूरे विधान परिषद चुनाव क्षेत्र में प्रधानों के उपर तो सत्ता और प्रशासनिक का दबाव बन सकता है मगर क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत सदस्य, नगर पालिका सदस्यों के उपर दबाव बना पाना टेढ़ी खीर होगी. चुनाव में उन्हें ही मैनेज करना होगा.
ऐसे में दोनों पक्षों द्वारा ऐसे लोगों पर आने वाले समय में दबाव, प्रभाव और पैसों का खेल चलेगा. सत्ताधारी भाजपा अपनी जीत भले ही तय मानकर चल रही है. लेकिन देखा जाये तो कुर्मी, दलित और मुस्लिम वोटर भाजपा के खिलाफ जा सकते हैं, वहीं यादव वोटों मे बिखराव तय माना जा रहा है.
पिछड़े वर्ग से प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य, जिला पंचायत सदस्य और नगर पालिका सदस्य सर्वाधिक है. उन्हीं में सपा सेंध लगाने की रणनीति पर काम करेगी. भाजपाई रणनीतिकारों के सामने सपा के तिलिस्म को तोड़ने में जमकर पसीना बहाना पड़ेगा.
खैर जो भी हो भाजपा और समाजवादी पार्टी प्रत्याशियों द्वारा अब तक वोटरों के लिए खजाना खोलने की बातों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. वोटरों में पैसों के लिए छटपटाहट साफ देखी जा सकती है. नगर पालिका से जुड़े सदस्यों की मानें तो उन्होंने अपना रेट तक फिक्स कर दिया है.
जानकारों की मानें तो 30 हजार में बिकने के लिए तैयार नपा सदस्यों की बात पर प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य भी अपने भाव को और बढ़ाने की रणनीति पर काम कर रहे है. देखना दिलचस्प होगा की कौन, कितना, किसके पास, किस तरह से पैसों के साथ वोटरों के पास खुद पहुंच पाता है और तंत्र, सत्ता के भय के भरोसे कौन बाजी मार ले जाय.