Ayodhya News: त्याग तपस्या वैराग्य और सेवा के प्रतिमूर्ति थे गुरुदेव भगवान: श्रीधर दास
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अयोध्या. त्याग तपस्या वैराग्य की नगरी अयोध्या में युग युगांतर से भजनानंदी संतो का बास रहा है और अपने त्याग तपस्या, भजन और सेवा के बल पर बड़े ही सरलता और माधुर्य स्वभाव से बड़े-बड़े ज्ञानियों को भी परास्त कर दिया. इन्हीं संतों की मणि माला में से एक संत थे श्यामा सदन मंदिर के तृतीय महंत संत गोपाल दास जी महाराज कि द्वितीय पुण्यतिथि श्री महाराज जी के शिष्य श्यामा सदन मंदिर पीठाधीश्वर 108 बाल योगी श्रीधर दास जी महाराज के संयोजन में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई और श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया जिसमें अयोध्या के संतो महंतों ने श्री महाराज जी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संत गोपाल दास जी महाराज परम संत थे मंदिर के विकास के साथ-साथ संत सेवा गौ सेवा मैं हमेशा लीन रहते थे और मंदिर में निरंतर अष्टयाम सेवा चलती रहती थी उन्हीं के बताए हुए रास्ते पर वर्तमान महंत श्रीधर दास जी महाराज भी आश्रम में निरंतर संत सेवा गौ सेवा कर रहे है और भविष्य में करते रहेंगे.
श्यामा सदन पीठाधीश्वर श्रीधर दास जी महाराज ने कहा की गुरुदेव भगवान निरंतर अयोध्या में वास करते हुए भजन करते रहे और हमसे कहते रहते थे कि हमें अयोध्या से बाहर कभी भी ना ले जाना और श्री राम लला की कृपा से गुरुदेव भगवान की सभी इच्छाएं पूरी हुई अंतिम समय में गुरुदेव भगवान गौ दान किए और प्रभु श्री राम की जन्मस्थली में अपने नश्वर शरीर का परित्याग किया.
श्री महाराज जी की श्रद्धांजलि सभा में आए संतों का महंत श्रीधर दास ने स्वागत किया और सभी को प्रसाद पवाया. खाक चौक के श्री महंत बृजमोहन दास, महात्यागी महंत सीताराम दास, मंगल पीठाधीश्वर कृपालु राम भूषण दास जी महाराज, दंत धावन कुंड के महाराज विवेक आचारी, करतलिया आश्रम के महंत रामदास, नागा राम लखन दास, महापौर ऋषिकेश उपाध्याय सहित हजारों संतों महंतों ने श्री महाराज जी को श्रद्धांजलि अर्पित की.