यूपी में इस रूट पर 402 करोड़ रुपए की रेल परियोजना को लेकर अपडेट
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प्रदेश में परियोजना रद्द होने से यात्रा के लिए वैकल्पिक सड़क मार्ग की आवश्यकता जरूरत से ज्यादा बढ़ चुकी है. जिसमें स्थानीय प्रशासन को इस दिशा में योजना बनाने के लिए कई कठिनाइयों का सामना पड़ सकता है इस दौरान स्थानीय निवासियों को बेहतर यातायात सुविधा भी मिलने की संभावना जताई जा रही है.
योजनाओं का विरोध स्थाई रूप से बंद
उत्तर प्रदेश में रेल मंत्रालय ने करीब करीब 402 करोड रुपए की लागत से मथुरा और वृंदावन रेल लाइन को मीटर गेज से ब्रॉड गेज में बदलने की अपनी महत्वाकांक्षी योजना को अस्थाई रूप से किसी कारणवश बंद करवा दिया है जिसमें योजना की अनुमति लागत 402 करोड रुपए की धनराशि है. इस दौरान इसमें अलाभकारी करार देते हुए अब रेल मंत्रालय ने अस्थाई रूप से इसे बंद करवा दिया है. जिसमें उत्तर प्रदेश रेलवे एनसीआर जॉन इसके अधिकार इलाके में मथुरा और वृंदावन खंड आता है
और स्थानीय लोगों के विरोध के कारण की वजह से बीते कुछ महीने पहले ही अस्थाई रूप से बंद करने का प्रस्ताव दे दिया था. इस दौरान रेल मंत्रालय ने बीते 6 जून को एनसीआर जोन के महाप्रबंधक को लिखे पत्र में बताया है कि उत्तर मध्य रेलवे की उक्त अलाभकारी शाखा लाइन को बंद करने से उत्तर मध्य रेलवे के प्रस्ताव की रेलवे बोर्ड की तरफ से जांच करवाई जा रही है. जिसके माध्यम से सक्षम प्राधिकारी मैं उत्तर मध्य रेलवे के आगरा डिवीजन के मथुरा और वृंदावन खंड को अस्थाई रूप से बंद करने की मंजूरी मिल चुकी है.
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जानिए क्यों रद्द की गई यह मांग
अब इस निर्णय के बाद आगे कहा गया है कि रेल मंत्रालय के वित्त निदेशालय की सहमति से अब लिया गया है. अब इस योजना से जुड़े रेलवे अधिकारियों ने आगे बताया है कि दोनों शहरों के बीच में रेल संपर्क का निर्माण कार्य करें 2 साल पहले प्रारंभ करवाया गया था लेकिन मथुरा और वृंदावन दोनों तरफ से ट्रैक बिछाने में काफी समय और पैसा खर्च किया गया है. इसी बीच विशेषागों के एक वर्ग ने बताया है की योजना को रद्द करने के साथ-साथ रेलवे की दूरदर्शिता और योजना पर सवालिया निशान लगाया जा चुका है
इसमें काफी वित्तीय नुकसान भी हो सकता है. इस दौरान कृष्ण जन्मभूमि और वृंदावन में स्टेशन भवन निर्माण के लिए लगभग लगभग 38 करोड रुपए की लागत से एक और ठेका मई माह 2023 में एचओजी प्रोजेक्ट दिया गया था जिसमें प्लेटफार्म तथा फुट ओवर ब्रिज शामिल किया गया है आगे बताया गया की 100 साल से भी पहले अंग्रेजों की ओर से निर्मित मीटर गेज ट्रैक पर साल 2023 प्रारंभ तक एक कोच वाली रेल बस संचालन होती थी जिसमें दिन में दो बार संचालन करवाया जाता था ब्रॉड गेज निर्माण के बाद सेवा बंद कर दी गई थी.