UP Politics: यूपी में बीजेपी कब बनाएगी नया अध्यक्ष? इन वजहों से अभी नहीं हो रहा गंभीर मंथन!
UP में बीजेपी अपना अध्यक्ष कब चुनेगी , अभी इस पर गंभीर मंथन नहीं हो रहा है. इसके पीछे कई वजहें हैं.

UP BJP President News: उत्तर प्रदेश में बीते कई महीनों से बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर तमाम अटकलें चल रही हैं. मीडिया रिपोर्ट्स में भी कई नामों को लेकर दावे किए गए हैं. लेकिन अब तक कुछ ठोस फैसला होते हुए नजर नहीं आ रहा है. हालांकि बीजेपी के विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो अभी पार्टी हाईकमान प्रदेश अध्यक्ष के नाम को लेकर गंभीर मंथन नहीं कर रहा है और इसके कई कारण हैं.
दरअसल, यूपी में बीजेपी की कमान मौजूदा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को अगस्त 2022 में जिम्मेदारी मिली थी. उनके औपचारिक नाम का ऐलान भी 25 अगस्त 2022 को किया गया था. यानी ऐसे में अभी भूपेंद्र चौधरी का कार्यकाल भी करीब चार महीने बचा हुआ है. इस वजह से पार्टी यूपी को लेकर कोई भी फैसला जल्दबाजी में नहीं लेना चाहती है और न ही हाईकमान इसपर अभी गंभीरता से विचार कर रहा है.
हालांकि इससे पहले पार्टी हाईकमान 'टीम दिल्ली' यानी राष्ट्रीय अध्यक्ष और संगठन से जुड़े तमाम बड़े पदों को लेकर पहले फैसला करने के मूड में नजर आ रहा है. खास तौर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए पार्टी में गंभीर मंथन चल रहा है और बीजेपी के विश्वसनीय सूत्रों की माने तो अगले महीने के खत्म होने से पहले लगभग पूरी स्थिति स्पष्ट होने की संभावना है.
यूपी बीजेपी अध्यक्ष के नाम के ऐलान में देरी...
जब तक 'टीम दिल्ली' को लेकर पार्टी में स्थिति स्पष्ट नहीं हो जाती है तब तक यूपी के मामले में बीजेपी कोई निर्णायक फैसला नहीं लेगी और न ही इसके कोई संकेत अभी तक हाईकमान के ओर से दिए गए हैं. जिन नेताओं के नाम अध्यक्ष पद को लेकर चर्चा में हैं, उन्हें भी पार्टी ने अभी तक कोई संकेत नहीं दिए हैं, न ही उन्हें हाईकमान के ओर से कई मैसेज दिया गया है.
ऐसे में ये तमाम नेता भी अभी मान कर चल रहे हैं कि यूपी बीजेपी अध्यक्ष के नाम के ऐलान में देरी हो सकती है. विश्वसनीय सूत्रों की माने पार्टी जुलाई के आसपास अध्यक्ष पद को लेकर ऐलान कर सकती है या फिर 'टीम दिल्ली' फाइनल होने के बाद ही यूपी के मामले में कोई निर्णायक फैसला होने की संभावना है. इससे पहले कोई बड़ा फैसला यूपी के संदर्भ में पार्टी लेने के मुड में नजर नहीं आ रही है.
बीते लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से पार्टी में यूपी को लेकर गंभीर मंथन हुआ था. बीजेपी को बीते चुनाव में हुए नुकसान के बाद से अब पार्टी यूपी के संदर्भ में कोई भी फैसला लेने की जल्दबाजी नहीं कर रही है. इसका ही असर जिलाध्यक्षों के नाम के ऐलान में देखने को मिला है. पार्टी ने जिलाध्यक्षों के नाम का ऐलान करीब दो महीने की देरी और गंभीर मंथन के बाद किया है.