UP की इस नदी पर दो जिलों के बीच बनेगा जल मार्ग, हटाए जाएंगे ये पांटून पुल, इस जगह बनेगी जेटी
Prayagraj Varanasi News:

Prayagraj Varanasi News: महाकुंभ के अवसर पर वाराणसी और प्रयागराज के मध्य में 230 किलोमीटर लंबे गंगा जलमार्ग का निर्माण किया जाएगा, जिससे क्रूज चलाने की सुविधा उपलब्ध होगी. इस जलमार्ग के निर्माण का उद्देश्य दोनों शहरों के बीच गंगा के विस्तृत प्रवाह क्षेत्र का लाभ उठाना है. हालांकि, क्रूज के संचालन के लिए एक निश्चित मार्ग का निर्धारण किया जाएगा.
जलमार्ग के विकास की प्रक्रिया अब शुरू हो चुकी है, जिससे महापर्व के दौरान श्रद्धालुओं और पर्यटकों को एक नई यात्रा का अनुभव मिलेगा. इस परियोजना के तहत, एक निजी कंपनी क्रूज का संचालन करेगी, जो गंगा के किनारे के अद्भुत दृश्य का आनंद लेने का अवसर प्रदान करेगी. इस पहल से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि गंगा नदी की सुंदरता को भी लोगों के सामने लाया जा सकेगा.
क्रूज संचालन के लिए जलमार्ग की गहराई न्यूनतम दो मीटर निर्धारित की गई है. इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने वाराणसी से प्रयागराज के बीच गंगा की गहराई का आकलन करने के लिए एक विशेष जहाज भेजा है. यह जहाज गंगा के जलस्तर के सामान्य होने के पश्चात प्रयागराज और विंध्याचल के मध्य में गंगा की गहराई का विस्तृत सर्वेक्षण करेगा. इस सर्वेक्षण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जलमार्ग क्रूज संचालन के लिए सुरक्षित और उपयुक्त हो.
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इस परियोजना से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि गंगा नदी के माध्यम से यात्रा करने का एक नया और रोमांचक अनुभव भी मिलेगा. इस पहल के तहत, गंगा के किनारे की खूबसूरती का आनंद लेने के साथ ही श्रद्धालुओं और पर्यटकों को एक अद्वितीय यात्रा का अनुभव प्रदान किया जाएगा.
हाल ही में एक सर्वेक्षण में यह जानकारी सामने आई है कि गंगा नदी की गहराई जहां दो मीटर से कम होगी, वहां पर प्राधिकरण द्वारा ड्रेजिंग का कार्य किया जाएगा. गंगा का प्रवाह समय-समय पर परिवर्तित होता रहता है, जिससे जलमार्ग की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए प्राधिकरण कुछ स्थानों पर बंडाल लगाने की योजना बना रहा है.
आठ पांटून पुलों को हटाना होगा
प्राधिकरण के प्रतिनिधि राजेश ने इस विषय पर बताया है कि "वाराणसी और प्रयागराज के मध्य में क्रूज संचालित की योजना बनाई गई है, लेकिन इसके लिए पहले विंध्याचल और प्रयागराज के बीच गंगा का सर्वेक्षण किया जाएगा. यह कदम जल परिवहन को सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए उठाया जा रहा है, जिससे यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी."
विंध्याचल और प्रयागराज के मध्य में प्रस्तावित जलमार्ग पर क्रूज संचालन के लिए आठ पांटून पुलों को हटाना आवश्यक होगा. इस क्रूज सेवा को सुचारू रूप से चलाने के लिए लोक निर्माण विभाग को पांटून पुलों को हटाने की जिम्मेदारी दी गई है. क्रूज की शुरुआत से पहले, लोक निर्माण विभाग इन पुलों को खोलकर आवश्यक मार्ग तैयार करेगा, ताकि यात्रियों को सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव मिल सके.
विशेषज्ञों का मानना है कि इस जलमार्ग के विकास से क्षेत्र में व्यापार और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे. सरकार की इस योजना से गंगा नदी के जल परिवहन को एक नई पहचान मिलेगी और पर्यटकों के लिए एक आकर्षक विकल्प प्रस्तुत होगा.
भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने महाकुंभ के समय संगम में बोट चलाने को सुगम बनाने के लिए दो जेटी बनाने की योजना बनाई है. इनमें से एक जेटी अरैल घाट पर और दूसरी किलाघाट पर स्थापित की जाएगी. अरैल घाट पर दोनों जेटियों को निर्मित करने का कार्य चल रहा है, जो महापर्व के आयोजन से पहले पूरा किया जाएगा.
निर्माण कार्य पूर्ण होने के पश्चात, श्रद्धालु और पर्यटक अरैल और किलाघाट के मध्य विशेष नावों के माध्यम से यात्रा कर पाएंगे. इस प्रकार, जल परिवहन के माध्यम से संगम की यात्रा को और भी आनंददायक बनाया जाएगा.